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आँसू
तमन्ना है तुम्हारी आँख का आँसू मैं बन जाऊ .
तेरे दामन को भिगो दूं उसी में ज़ज़्ब हो जाऊ.
जन्म लूँ आँख में तेरी बहू मैं गाल पे तेरे.
तेरे होठो को छू लूँ मैं होंठ छूते ही मर जाऊ
तमन्ना है तुम्हारी आँख का आँसू
मैं बन जाऊ .
अगर मैं आँख में निकलू नज़ारे धुँधले हो जाए .
मुझे ही देख पाओ तुम तुम्हें मैं ही नज़र आऊ.
तमन्ना है तुम्हारी आँख का आँसू
मैं बन जाऊ .
कभी ऐसा भी हो निकलू मैं और पलकें बंद तुम कर लो.
अंधेरा हो घना और मैं सुख की नींद सो जाऊ .
तमन्ना है तुम्हारी आँख का आँसू
मैं बन जाऊ .
ऐ मेरी मुश्किलों सब मिलके मेरा सामना करो
मै अकेला ही बहुत हूँ तुमसे निबटने के लिए ,
ऐ मेरी मुश्किलों सब मिलके मेरा…
Posted on May 24, 2013 at 9:30pm — 5 Comments
पाषाण सा मैं कठोर हूँ मुझको तरल बनाइये ।
मेरे छल कपट को छीन कर मुझको सरल बनाइये ।
मुझे शक है अपने आप पर बिश्वास भी खुद पर नहीं ।
मेरी पकड़ भी कमजोर है हाथों में मेरे बल नहीं…
ContinuePosted on March 7, 2013 at 11:09am — 7 Comments
दोस्तों ।
आज विजय दशमी है आज के दिन राम ने रावण को मारा था । यह एक मधुर कल्पना है की चाँद किस प्रकार खुद को राम के हर कार्य से जोड़ लेता है और फिर राम से शिकायत करता है और राम भी उस की बात से सहमत हो कर उसे वरदान दे बैठते है आइये देखते है ।
राम या राम चन्द्र
जब चाँद का धीरज छुट गया…
Posted on October 24, 2012 at 1:00pm — 4 Comments
Posted on August 15, 2012 at 11:30am — 3 Comments
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जन्म लूँ आँख में तेरी बहू मैं गाल पे तेरे.
तेरे होठो को छू लूँ मैं होंठ छूते ही मर जाऊ
तमन्ना है तुम्हारी आँख का आँसू मैं बन जाऊ .
मुकेश जी प्रेम में तमन्ना भी अजीब होती हैं निछावर और समर्पण की बहुत खूब ..सुन्दर प्रस्तुति ..जय श्री राधे