221 2121 1221 212
होता नहीं है ख़त्म मेरा काम भी कभी
कैसे करे ये दिल बता आराम भी कभी (1)
अब हो न जाँऊ यार मैं बदनाम भी कभी
हो जाए मुफ्त में न मेरा नाम भी कभी (2)
क्या क्या चुरा लिया है ये मुझसे न पूछिये
लूटा गया है मुझको सर-ए-आम भी कभी (3)
कुछ इस तरह से छोड़ गए हैं मुझे यहाँ
आते नहीं हैं मुद्दतों पैगाम भी कभी (4)
करते रहे हवाई सफ़र मुफ़्त में सदा
कुछ लोग तो चुकाते नहीं दाम भी कभी …
Posted on January 10, 2021 at 11:00pm — 6 Comments
1222 1222 122
उसे पहले कभी देखा नहीं था
वो दिल के पास जो रहता नहीं था (1)
लगी है शह्र की इसको हवा अब
हमारा गाँव तो ऐसा नहीं था (2)
बहुत कुछ बोलती थीं आँखें उसकी
ज़ुबाँ से वो कभी कहता नहीं था (3)
अँधेरों ने रखा था क़ैद जब तक
उजाला दूर तक फैला नहीं था (4)
न जाने क्या हुआ भरता नहीं है
पुराना घाव तो गहरा नहीं था (5)
वही तन कर खड़ा रहता है आगे
कभी जो सामने बैठा नहीं…
Posted on January 1, 2021 at 2:30pm — 6 Comments
122 122 122 122
यहाँ तो बहुत हैं अभी यार मेरे
मगर याँ अदू भी हैं दो-चार मेरे (1)
कभी भूलकर भी न उनको सज़ा दी
रहे उम्र-भर जो गुनहगार मेरे (2)
हिकारत से अब देखते हैं मुझे भी
यही लोग थे कल तलबगार मेरे (3)
मुझे टुकड़ों में बाट कर ही रहेंगे
हैं दुनिया में जो लोग हक़दार मेरे (4)
जो रिश्ते सभी तोड़ कर जा चुका है
उसी से जुड़े हैं अभी तार मेरे (5)
वही मिल…
ContinuePosted on December 24, 2020 at 11:00pm — 11 Comments
2122 1212 22/122
क़ैद नज़रों में ही रखा है मुझे
उसने आज़ाद कब किया है मुझे (1)
इससे बहतर तो था अदू मेरा
यार दीमक सा खा रहा है मुझे (2)
रात की नींद उड़ गई मेरी
ख़्वाब में जब से वो दिखा है मुझे (3)
सुब्ह तक होश में नहीं आया
रात इतनी पिला चुका है मुझे (4)
मंज़िलों तक पँहुच नहीं पाया
पर वो रस्ता बता गया है मुझे (5)
वो शिकायत कभी नहीं करता
उससे इतना ही अब गिला है मुझे …
Posted on December 14, 2020 at 11:00pm — 6 Comments
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