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दोहा पंचक. . . .
साथ चलेंगी नेकियाँ, छूटेगा जब हाथ ।
बन्दे तेरे कर्म बस , होंगे तेरे साथ ।।
मिथ्या इस संसार में, अर्थहीन सम्बंध।
देह घरोंदा जीव का, साँसों का अनुबंध ।।
रह जाएगी जगत में, कर्मों की बस गंध ।
इस जग में है जिंदगी, दो पल का अनुबंध ।।
आभासी संसार के, आभासी संबंध ।
मिट जाता जब सब यहाँ, रहती कर्म सुगंध ।।
जब तक साँसें देह में, चलें देह सम्बंध ।
शेष रहे संसार में, जीव कर्म की …
Posted on February 3, 2023 at 2:00pm — 2 Comments
Continueदोहा मुक्तक. . . .
दर्द भरी हैं लोरियाँ, भूखे बीते रैन।
दृगजल से रहते भरे, निर्धन के दो नैन ।
हुआ कटोरा भीख का, सिक्कों का मुहताज -
दूर तलक मिलता नहीं,अब निर्धन को चैन ।
*****
आँसू शोभित गाल का, कौन यहाँ हमदर्द ।
सूखे होठों पर जमी , निर्धनता की गर्द ।
पैर पेट से मिल गए, थर - थर काँपे देह -
जीण-क्षीण सा आवरण, लगे पवन भी सर्द ।सुशील सरना…
Posted on January 30, 2023 at 3:37pm — 2 Comments
दोहा ग़ज़ल- चाय
प्याली से हो चाय की ,जाड़े का सत्कार ।
फिर चुस्की से नेह का, बढ़े प्रणय संसार ।
नैन मिले जब नैन से, स्वरित हुआ संदेश,
किया अधर अभिसार ने,जाड़े का शृंगार ।
रैन अलावों में हुए , क्षीण सभी अनुबंध ,
अन्धकार की कैद में, हार गए इंकार ।
बढ़ी शीत होने लगा , मन में मिलन प्रभात,
दम तोड़ा इंकार ने, जीत गए स्वीकार ।
मौन चरम मुखरित हुए, चली प्रेम की नाव ,
वाह्य अगन …
Posted on January 4, 2023 at 3:45pm
भिखारी छंद - 24 मात्रिक - 12 पर यति
पदांत-गा ला
जब -जब सर्दी आती ,कब वृद्धों को भाती ।
गिरे आँख से पानी ,खाँसी बहुत सताती ।
रोटी गिर -गिर जाती ,चाल संभल न पाती ।
लड़ते-लड़ते आख़िर ,काया चुप हो जाती ।
* * *
ठहर जरा दीवानी , तेरी उम्र सयानी ।
आशिक़ नज़रें घूरें, तेरी मस्त जवानी ।
अक्सर मीठे धोखे ,इन राहों पर होते ।
पड़ न जाए महंगी , थोड़ी सी नादानी ।
सुशील सरना /…
ContinuePosted on December 25, 2022 at 1:30pm — 8 Comments
आदरणीय सुशील सरना जी ,
सादर अभिवादन , आपके नाम और सावन पर लिखे सभी दोहे मन मोह गए । दोनों कविताएं 'मौसम को' व प्रश्न गंभीर भावों को लिए हुए है। साधुवाद ।
आदरणीय सुशील सरना जी.
सादर अभिवादन !
मुझे यह बताते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी "कविता : कितना अच्छा होता" को "महीने की सर्वश्रेष्ठ रचना" सम्मान के रूप मे सम्मानित किया गया है | इस शानदार उपलब्धि पर बधाई स्वीकार करे |
आपको प्रसस्ति पत्र यथा शीघ्र उपलब्ध करा दिया जायेगा, इस निमित कृपया आप अपना पत्राचार का पता व फ़ोन नंबर admin@openbooksonline.com पर उपलब्ध कराना चाहेंगे | मेल उसी आई डी से भेजे जिससे ओ बी ओ सदस्यता प्राप्त की गई हो |
शुभकामनाओं सहित
आपका
गणेश जी "बागी
संस्थापक सह मुख्य प्रबंधक
ओपन बुक्स ऑनलाइन
आपका मेल बॉक्स ब्लॉक होने के कारण मेल सेंड नहीं हो रहा है.
आदरणीय सुशील सरना सर, विलम्ब से प्रत्युत्तर हेतु क्षमा. आपको मेल कर दिया है. सादर
आ० सरना भाई जी, सादर प्रणाम!
आपका हार्दिक स्वागत है. मित्रता से भाग्योदय होता है , मैं धन्य हुआ. सादर
आदरणीय सुशील जी ..महीने का सक्रिय सदस्य चुने जाने पर मेरी तरफ से हार्दिक बधाई स्वीकार करें सादर
आ० सुशील सरना भाई जी, सादर प्रणाम! आपको "महीने का सक्रिय सदस्य" चुने जाने पर बहुत-बहुत बधाई. सादर
आदरणीय
सुशील सरना जी,
सादर अभिवादन,
यह बताते हुए मुझे बहुत ख़ुशी हो रही है कि ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार में विगत माह आपकी सक्रियता को देखते हुए OBO प्रबंधन ने आपको "महीने का सक्रिय सदस्य" (Active Member of the Month) घोषित किया है, बधाई स्वीकार करें | प्रशस्ति पत्र उपलब्ध कराने हेतु कृपया अपना पता एडमिन ओ बी ओ को उनके इ मेल admin@openbooksonline.com पर उपलब्ध करा दें | ध्यान रहे मेल उसी आई डी से भेजे जिससे ओ बी ओ सदस्यता प्राप्त की गई है |
हम सभी उम्मीद करते है कि आपका सहयोग इसी तरह से पूरे OBO परिवार को सदैव मिलता रहेगा |
सादर ।
आपका
गणेश जी "बागी"
संस्थापक सह मुख्य प्रबंधक
ओपन बुक्स ऑनलाइन
मोहतरम जनाब सुशील सरना साहिब , यह आप सब की हौसला अफ़ज़ाई का नतीजा है , जिसके लिए आप का बहुत बहुत शुक्रिया ,महरबानी
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