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दोहा पंचक. . . राजनीति
राजनीति के जाल में, जनता है बेहाल ।
मतदाता पर लोभ का, नेता डालें जाल ।।
राजनीति में आजकल, धन का है व्यापार ।
भ्रष्टाचारी की यहाँ , होती जय जयकार ।।
राजनीति में अब कहाँ, धर्म के प्रतिमान ।
श्वेत तिजोरी मांगती , जनता से बलिदान ।।
भ्रष्टाचारी पंक में, नेता करते ठाठ।
कीच नीर में यूँ रहें, जैसे तैरे काठ ।।
राजनीति के तीर पर, बगुले करते ध्यान ।
मीन नीर में…
Posted on September 26, 2023 at 2:19pm — 1 Comment
बेटी दिवस पर दोहा ग़ज़ल ....
बेटी घर की आन है, बेटी घर की शान ।
दो दो कुल संवारती, बेटी की मुस्कान ।।
बेटी को मत जानिए, बेटे से कमजोर ,
जग में बेटी आज है, उन्नति की पहचान ।
बेटे को जग वंश का, समझे दावेदार,
बेटे से कम आंकता, बेटी के अरमान ।।
धरती अरु आकाश पर , लिख दी अपनी जीत,
बेटी ने अब छू लिया , धरा से आसमान ।।
बेटी अबला अब हुई, अतुल शक्ति पर्याय ,
उसके साहस को करे, नमन सारा जहान…
Posted on September 25, 2023 at 11:56am — 1 Comment
मधुमालती छंद ....
1
डर कर कभी, रोना नहीं ।
विश्वास को, खोना नहीं ।
तूफान में, सोना नहीं ।
नफरत कभी , बोना नहीं ।
***
2
क्षण- क्षण बड़ा, बलवान है ।
संग्राम की, पहचान है ।
हर पल यहाँ, संघर्ष है ।
पल भर यहाँ , बस हर्ष है ।
***
3
सपने कभी ,मरते नहीं
दीपक सभी , जलते नहीं ।
थोड़ी यहाँ, मुस्कान है ।
ढेरों यहाँ , व्यवधान है ।
***
4
हर वक्त ही,बस काम है।
जीवन इसी का नाम है ।
थोड़ी यहाँ, पर…
Posted on September 21, 2023 at 8:12pm
दोहा सप्तक. . . संसार
औरों को देखा मगर, कब समझा इंसान ।
संचित सब कुछ छोड़ता, जब होता अवसान ।।
कहते हैं लगती नहीं, कभी कफन में जेब।
फिर भी धन की लालसा, देती उसे फरेब ।।
आने पर जैसे करें, जीव रूप सत्कार ।
पुष्पों से ढकते कफन ,जब छूटे संसार ।।
जीत क्षुधा मिटती नहीं, मिट जाती यह देह ।
नश्वर तन से जीव का, कब मिटता है नेह ।।
कर्मों का करता सदा, पीछे जगत बखान ।
रह जाती बस जीव की, अमिट यही पहचान…
Posted on September 11, 2023 at 2:00pm
आदरणीय सुशील सरना जी ,
सादर अभिवादन , आपके नाम और सावन पर लिखे सभी दोहे मन मोह गए । दोनों कविताएं 'मौसम को' व प्रश्न गंभीर भावों को लिए हुए है। साधुवाद ।
आदरणीय सुशील सरना जी.
सादर अभिवादन !
मुझे यह बताते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी "कविता : कितना अच्छा होता" को "महीने की सर्वश्रेष्ठ रचना" सम्मान के रूप मे सम्मानित किया गया है | इस शानदार उपलब्धि पर बधाई स्वीकार करे |
आपको प्रसस्ति पत्र यथा शीघ्र उपलब्ध करा दिया जायेगा, इस निमित कृपया आप अपना पत्राचार का पता व फ़ोन नंबर admin@openbooksonline.com पर उपलब्ध कराना चाहेंगे | मेल उसी आई डी से भेजे जिससे ओ बी ओ सदस्यता प्राप्त की गई हो |
शुभकामनाओं सहित
आपका
गणेश जी "बागी
संस्थापक सह मुख्य प्रबंधक
ओपन बुक्स ऑनलाइन
आपका मेल बॉक्स ब्लॉक होने के कारण मेल सेंड नहीं हो रहा है.
आदरणीय सुशील सरना सर, विलम्ब से प्रत्युत्तर हेतु क्षमा. आपको मेल कर दिया है. सादर
आ० सरना भाई जी, सादर प्रणाम!
आपका हार्दिक स्वागत है. मित्रता से भाग्योदय होता है , मैं धन्य हुआ. सादर
आदरणीय सुशील जी ..महीने का सक्रिय सदस्य चुने जाने पर मेरी तरफ से हार्दिक बधाई स्वीकार करें सादर
आ० सुशील सरना भाई जी, सादर प्रणाम! आपको "महीने का सक्रिय सदस्य" चुने जाने पर बहुत-बहुत बधाई. सादर
आदरणीय
सुशील सरना जी,
सादर अभिवादन,
यह बताते हुए मुझे बहुत ख़ुशी हो रही है कि ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार में विगत माह आपकी सक्रियता को देखते हुए OBO प्रबंधन ने आपको "महीने का सक्रिय सदस्य" (Active Member of the Month) घोषित किया है, बधाई स्वीकार करें | प्रशस्ति पत्र उपलब्ध कराने हेतु कृपया अपना पता एडमिन ओ बी ओ को उनके इ मेल admin@openbooksonline.com पर उपलब्ध करा दें | ध्यान रहे मेल उसी आई डी से भेजे जिससे ओ बी ओ सदस्यता प्राप्त की गई है |
हम सभी उम्मीद करते है कि आपका सहयोग इसी तरह से पूरे OBO परिवार को सदैव मिलता रहेगा |
सादर ।
आपका
गणेश जी "बागी"
संस्थापक सह मुख्य प्रबंधक
ओपन बुक्स ऑनलाइन
मोहतरम जनाब सुशील सरना साहिब , यह आप सब की हौसला अफ़ज़ाई का नतीजा है , जिसके लिए आप का बहुत बहुत शुक्रिया ,महरबानी
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