For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कुमार गौरव अजीतेन्दु's Blog – December 2012 Archive (4)

एक विचार

पंचमहाभूतों से निर्मित

मानव शरीर,

जिसके अंदर वास करती है

परमात्मा का अंश "आत्मा",

जो संचालित करती है

ब्रह्मांड में मानवजीवन को,

उसके आचार-विचार, व्यक्तित्व को,

रोकती है कुमार्ग पर जाने से,

ले जाती है सन्मार्ग की ओर,

उधर, जिधर मार्ग है मोक्ष का;

किन्तु मनुष्य पराभूत हुआ

अनित्य, क्षणभंगुर, सांसारिक

मोह के द्वारा, कर देता है उपेक्षा

ईश्वर के उस सनातन अंश की,

और निकल जाता है

अंधकार से भरे ऐसे मार्ग पर

जो समाप्त होता है

एक कभी न…

Continue

Added by कुमार गौरव अजीतेन्दु on December 18, 2012 at 7:00pm — 1 Comment

कुण्डलिया - भारतरत्न लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की पुण्यतिथि (१५ दिसंबर) पर विशेष

मोती-मोती जोड़ के, गूँथ नौलखा हार।
विश्वपटल पे रख दिया, भारत का आधार॥
भारत का आधार, भरा था जिसमें लोहा,
जय सरदार पटेल, सभी के मन को मोहा।
वापस लाये खींच, देश की गरिमा खोती,
सौ सालों में एक, मिलेगा ऐसा मोती॥

Added by कुमार गौरव अजीतेन्दु on December 15, 2012 at 10:50am — 16 Comments

मयूर मन का

नील गगन में अम्बुद धवल,

स्नेहरूपी मोतियों समान बूँदों से सींचते

बलवान, योग्य आत्मजों सदृश

फलों से लदे छायादार विटपों से भरी,

उत्साही, सुगन्धित, रंग-बिरंगी पल्लवित

पुष्पों से सजी,

स्वर्ण सरीखी लताओं से जड़ित,

चटख हरे रंग की कामदार कालीन बिछी

धरती को;

मंगलगान गाती कोयलें बैठ डालियों पर,

प्रणय-निवेदनरत मृग युगल,

अमृतकलश सम दिखते सरोवर,

किलकारियों से वातावरण को गुंजायमान

करते खगवृन्द,

परियों जैसी उड़ती तितलियाँ;

ऐसे सुन्दर, मनमोहक, रम्य…

Continue

Added by कुमार गौरव अजीतेन्दु on December 12, 2012 at 11:30am — 12 Comments

दो सवैये

मदिरा सवैया

मोषक राज किये यतियों पर ये कहना अतिरंजन है।
कौन बचा दुनिया भर में कह दे उसका चित कंचन है।
शोषक भी सब शोषित भी सब मौसम का परिवर्तन है।
कारण है निजता चढ़ के सिर नाच रही कर गर्जन है॥

दुर्मिल सवैया

अवलंबन हो निज का तब जीवन ये सुख की रसधार लगे।
प्रभुवंदन से मन पावन हो तरणी भव के उसपार लगे।
धरती सम हो उर तो नित "मैं कुछ दूँ सबको" यह भाव जगे।
अनुशीलन है बसता जिसमें उसमें नव के प्रति चाव जगे॥

Added by कुमार गौरव अजीतेन्दु on December 1, 2012 at 8:21am — 10 Comments

Monthly Archives

2013

2012

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-153
"बहना राजेश कुमारी जी आदाब, तरही मिसरे पर अच्छी ग़ज़ल कही आपने, बधाई स्वीकार करें ।"
2 minutes ago
Anil Kumar Singh replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-153
"आदरणीय नीलेश जी आभार "
35 minutes ago
Anil Kumar Singh replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-153
"आदरणीय अजय गुप्ता अजेय जी ग़ज़ल पसंद करने का बेहद शुक्रिया . दरअसल नीरज जी की इन  पंक्तियों से…"
36 minutes ago
Anil Kumar Singh replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-153
"आदरणीय उस्ताद समर कबीर साहब,  हौसला अफ़जाई का तह ए दिल से शुक्रिया "
42 minutes ago
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-153
"जनाब चेतन प्रकाश जी आदाब, आयोजन में सहभागिता के लिए आपका धन्यवाद ।"
45 minutes ago
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-153
"जनाब निलेश 'नूर' जी आदाब, तरही मिसरे पर अच्छी ग़ज़ल कही आपने, बधाई स्वीकार करें ।"
47 minutes ago
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-153
"मुहतरमा ऋचा यादव जी आदाब, ग़ज़ल अभी बहुत समय चाहती है,बहरहाल इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें । जनाब…"
48 minutes ago
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-153
"जनाब लक्ष्मण धामी जी आदाब, तरही मिसरे पर ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है, बधाई स्वीकार करें । 'करनी…"
54 minutes ago
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-153
"जनाब संजय शुक्ला जी आदाब, तरही मिसरे पर ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है, बधाई स्वीकार करें । जनाब निलेश जी…"
59 minutes ago
मनोज अहसास commented on मनोज अहसास's blog post अहसास की ग़ज़ल:मनोज अहसास
"आदरणीय मुसाफिर साहब हार्दिक आभार सादर"
1 hour ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-153
"तुझ को खो कर मुझे जीना कहाँ आसाँ होगा ..जैसा कुछ "
1 hour ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-153
"आप से सहमत हूँ। ग़ज़ल पर उपस्थिति के लिए आपका आभार। //तू न आई तो ये जीना कहाँ आसाँ होगा // पहले ऐसा…"
1 hour ago

© 2023   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service