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PHOOL SINGH's Blog (85)

सम्राट अशोक महान

चन्द्रगुप्त का पौत्र, जो बिन्दुसार का पुत्र था

बौद्ध धर्म का बना अनुयायी

जो धर्म-सहिष्णु सम्राट हुआ||

 

माता जिसकी धर्मा कहलाती, सुशीम नाम का भाई था

इष्ट देव शिव-शंकर पहले

ज्ञान-विज्ञान का बड़ा जिज्ञासु हुआ||

 

परोपकार की भावना जिसमें, उत्सुक जो अभिलाषी था

महेंद्र-संघमित्रा का पिता न्यारा

सदा पुत्र-पुत्री का साथ मिला||

 

बेहतरीन अर्थव्यवस्था ग़ज़ब सुशासन, जिसका…

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Added by PHOOL SINGH on March 28, 2023 at 4:27pm — 1 Comment

सब खैरियत

कहाँ रहते वो कैसे रहते

उनसे न होती अपनी बात

वैर भाव की बात नही ये, अब उनसे न कोई दुआ-सलाम।।

 

खैरियत भी वो नहीं पूछते

क्या प्रेमभाव की करूँ मैं बात

अच्छे-खासे रिश्ते उनसे, न जानें क्यूँ वो रहते नाराज।।

 

हसी-मजाक, टिटौली चलती

हमारी कौन सी लगी उन्हें बुरी बात

कल तक थे जो अपनों से बढ़कर, है आज उसने दूरी खास।।

 

आना-जाना लगा रहता था

मिलजुल कर पहले रहते…

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Added by PHOOL SINGH on February 21, 2023 at 9:38am — 4 Comments

14 फरवरी

प्यार-शहादत का दिन ये

क्यूं जज़्बात से किसी के खेले

एक ओर है पुलवामा की घटना

उधर, ले प्रेमियों के दिल हिचकोले।।

कितनों के सुहाग उजड़ गए

दुनियाँ, कितनों के लाल थे छोड़े

भाई बिन कितनी बहनें रोती

कितने, पिता की याद में रोते।।

कोई खुश है प्रेम को पाकर

कोई इंतजार में इत-उत डोले

रात-दिन है कोई जागता

कुछ प्रेमी की याद में रोते।।

बड़ा है दिन ये दोनों का ही

क्यूं अहमियत न इसकी समझें

श्रृद्धा-सुमन तू…

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Added by PHOOL SINGH on February 14, 2023 at 9:30am — No Comments

शांति दूत श्री कृष्ण

अज्ञातवास जब समाप्त हुआ

पांडवों में साहस भरा

कनक सदृश तप कर आए

उनमें प्रखर उत्साह का तेज बड़ा।।

कायर दहलता विपत्ति में अक्सर

शूरमा विचलित न कभी हुआ

गले लगाकर हर दुःख-विध्न को

धीरज से उसका तेज हरा।।

कांटो भरी राह पर चलकर

उफ्फ तक न वो कभी किया

धूल के गहने पहन चरण में

साहस के सहारे बढ़ता गया।।

उद्योग निरत नित करता रहता

उसने सब सुख-सुविधाओ का त्याग किया

शूलों के सदा समूल विनाश को

राह स्वयं के विकास की…

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Added by PHOOL SINGH on February 12, 2023 at 8:29am — 2 Comments

भगवान परशुराम और कर्ण

हवन की अग्नि बुझ चुकी थी

शिक्षा प्राप्ति की आई बात

गुरू द्रोण ने जब इंकार किया तो

भगवान परशुराम की आई याद।।

नीड़ो में था कोलाहल जारी

फूलों से महका उपवन

ज्ञान की जिज्ञासा थी मन में भड़की

निकला खोज में जिसकी कर्ण।।

द्वार तृण-कुटी पर परशु भारी

आभाशाली-भीषण जो भारी भरकम

धनुष-बाण एक ओर टंगे थे

पालाश, कमंडलू, अर्ध अंशुमाली एक पड़ा लौह-दंड।।

अचरज की थी बात निराली

तपोवन में किसनें वीरता पाली

धनुष-कुठार…

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Added by PHOOL SINGH on February 11, 2023 at 7:21am — No Comments

अंगराज कर्ण

सूर्य कहलाएं पिता थे जिसके

माता सती कुमारी

जननी का क्षीर चखा न जिसने

वो वीर अद्भुत धनुर्धारी।।

 

निज समाधि में निरत रहा जो

स्वयं विकास किया था भारी

पालना बनी थी आब की धारा

बिछौना बनी पिटारी।।

 

ज्ञानी-ध्यानी, प्रतापी-तपस्वी

जिसका पौरुष था अभिमानी

कोलाहल से दूर नगर के

जो सम्यक अभ्यास का था पुजारी।।

 

नतमस्त्क करता प्रतिबल को

लगाता घात विजय की खूब दिखा

प्रचंडतम धूमकेतु-सा…

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Added by PHOOL SINGH on February 10, 2023 at 11:00am — No Comments

महाराणा प्रताप

महाराणा प्रताप

 

चितौड़ भूमि के हर कण में बसता 

जन जन की जो वाणी थी

वीर अनोखा महाराणा था

शूरवीरता जिसकी निशानी थी

चित्तौड़ भूमि के हर कण में बसता, जन-जन की जो वाणी थी।।

स्वाभिमान खोए सब राणा जी

किरण चिंता की माथे पर दिखाई दी

महाराणा का जन्म हुआ तो

महल में खुशियाँ छाई थी

चित्तौड़ भूमि के हर कण में बसता, जन-जन की जो वाणी थी।।

बप्पा रावल का शोनित रग-रग में बहता

न सोच सुख-दुःख, क्लेश…

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Added by PHOOL SINGH on January 30, 2023 at 11:30am — No Comments

शिवाजी महाराज

 डर से जिनके थर्र-थर्र कांपे

जो मुगलों की नींव हिला बैठे

हमला करेंगे कब-कहाँ शिवाजी, नींद, उनकी उड़ा बैठे|

 

जीजा-शाहजी के पुत्र प्यारे

माँ शिवाई के उपासक थे

माता के नाम से शमशीर पास में, नाम उन्हीं से पाये थे|

 

हृदय सम्राट कहते थे उनको

काम जनता भलाई के करते थे

अष्ट प्रधान दरबार विराजे, जो मंत्रीपरिषद के सदस्य थे|

 

नारी का सम्मान हमेशा

नारी हिंसा-उत्पीड़न के…

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Added by PHOOL SINGH on January 27, 2023 at 2:30pm — No Comments

सिखों के महान गुरुओं की संक्षिप्त गाथा

गुरु प्रथा को आज यहाँ

मैं काव्य रूप में कहता हूँ

क्षमा माँगता कर जोड़कर

जो कुछ गलत कह जाता हूँ||

 

शीश झुकाऊँ गुरु चरण में

आज यहाँ गुरु की महिमा कहता हूँ   

अंतरात्मा पवित्र है मेरी

जिसे गंगा सी पवित्र बतलाता हूँ||

 

हिंदू-इस्लाम से अलग धर्म एक

जिसे सिख धर्म बतलाता हूँ

पहले गुरु थे नानकदेव जी

धर्मग्रंथ ‘गुरुग्रंथ शाहिब’ मैं कहता हूँ||

 

तलवंडी में जन्म जो पाये

आज ननकाना उसे कहता…

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Added by PHOOL SINGH on January 27, 2023 at 12:00pm — No Comments

जिम्मेदार इंसान-एक सम्पूर्ण परिवार

अंधा, बहरा कभी गूंगा बनता

रिश्तों की जिसको परवाह हो

मान-अपमान का भोग भी करता

चिंतित रहता, परिवार पर उसके कलंक न हो।।

 

सोच-समझकर सही फैसले लेता

ताकि घर में कलह न हो

उत्तरदायित्व भी लेता हरदम

फैसलों में उसके कभी दो राय न हो।।

 

शान-शौकत सब भूलता अपनी

पद-प्रतिष्ठा का भी अभिमान न हो

सबकी खुशी में उसकी खुशी है

चाहे किए त्याग का नाम न हो।।

 

होती जिम्मेदारियां बड़ी है उसकी

जग में चाहे…

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Added by PHOOL SINGH on August 23, 2022 at 11:00am — 1 Comment

कैसी विपदा कैसा डर

सुनसान सड़क, सुनसान रात है, सुनसान सबके अन्तर्मन

कैसे विपदा आन पड़ी ये, दुख, तड़प और है उलझन ||

 

चिराग भुझ रहे हर पल, हर क्षण, लगा दो चाहे तन, मन, धन

कड़ा समाधान न मिला अभी तक, जकड़ रहा है गहरा तम ||

 

भूख, प्यास और खाली है घर, रोजी रोटी भी हो गई बंद

वायु में जैसे विष घुला है, कैसा संकट ये कैसा कष्ट ||

 

हर पीड़ित अब यही पूछता, भूख लगने पर हो बंधन

पापी-खाली पेट तो मान रहा न, कैसे इच्छापूर्ति करेगा रंक ||

 

हाथ…

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Added by PHOOL SINGH on April 18, 2021 at 10:00am — No Comments

शिकायत-एक अद्रश्य अपराध

शिकायत कभी भी खत्म ना होती

कोई जीवन चाहे कुर्बान करें  

खाली दिमाग का सब फितूर है

ये सोच के अपना काम करें ||

 

हर तरह के लोग जहां में

बस मेहनती लोगो की बात करें

कष्ट सहकर भी हार ना माने

जज्बे को उनके सलाम करें ||

 

पद मिले तो अभिमान में भरते

ना बड़े-छोटे का सम्मान करें

संस्कारों की बात कहीं ना

बस अपने कर्मो का गुणगान करें ||

 

कुछ लोगो की आदत बुरी है

उनकी कभी ना बात करें  

हर…

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Added by PHOOL SINGH on January 27, 2021 at 6:30pm — 1 Comment

सच-एक मौन

मौन रहता सच सदा ही, आवाज झूठ ही करता है

कर्म दिखाता सच का चेहरा, झूठ भ्रम को पैदा करता है ||

 

प्रमाण देता झूठ सदा ही, खूब खोखले दावे करता है

परवाह ना सच को किसी बात की, वो तो हौंसले की उड़ान को भरता है ||

 

तकलीफ होती झूठ को हरदम, ना खुशी बर्दास्त ही करता है

आग लगाता कहीं ना कहीं, जब भी शोर वो करता है ||

 

सच सागर सी शक्ति का मालिक, सदा मर्यादा…

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Added by PHOOL SINGH on January 20, 2021 at 9:59pm — 1 Comment

पैसा- दूसरा ईश्वर

धन, दौलत तो उपयोग की वस्तु, जाती कभी भी साथ नहीं

कद्र ना होती उस शख्स की, पैसा जिसके पास नहीं ||

 

आज बचा लो कल मिलेगा, इसे बचाना दोष नहीं

दर-दर की वो ठोकर खाता, गरीब की कोई औकात नहीं ||

 

सुख-वैभव उसके दर विराजे, पैसो की ना जिसके पास कमी

अनकहे रिश्ते खुद बन जाते, आदर्श बनती हर बात कही ||

 

कुछ दोष तो यूं छिप जाते, उम्मीद जिसकी होती…

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Added by PHOOL SINGH on December 19, 2020 at 1:44pm — 2 Comments

भाई-एक विश्वास

एक भ्रात है भरत के जैसा,

जिसमें कुछ पाने का भाव नहीं

समर्पित करता भ्रात चरण में,

राज्य संग सुख, चैन सभी ||

 

तिलभर भी छल ना मन में,

जग भी उसके साथ नहीं

कठोरता/ताने सहता सारे जन की,

मातृ की करनी उसकी सभी ||

 

विभीषण भी एक भ्रात उधर है

सिंहासन पर जिसकी आँख लगी

कठिन समय में भ्रात छोड़ता,

शत्रुओं को बताता भेद सभी ||

 

ना अंतक्रिया भी भ्रात की करता

सुख-भोग से भी इंकार…

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Added by PHOOL SINGH on December 15, 2020 at 6:58pm — 2 Comments

धूप-छांव

कब रुका जो आज रुकेगा, वक़्त है ये तो चलता रहेगा

वक्त पर हकूमत कर सके ऐसा, नहीं जन्मा जो अब जन्मेगा ||

 

संग में इसके हँसना-रोना, सबको संग में इसके चलना पड़ेगा

अटल होकर चल रहा जो, उसे, वक़्त के आगे झुकना पड़ेगा ||

 

बेदर्दी ये वक़्त बड़ा है, घाव-क्लेश तो देता रहेगा

खुशियों के पल छोटे करके, दशा पर तेरी हँसता रहेगा ||

 

आस बांधता, विश्वास दिलाता, विश्वासघात भी करता रहेगा

गिरगिट जैसा रूप बदल कर, अनुभव खट्टे-मीठे देता रहेगा…

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Added by PHOOL SINGH on December 3, 2020 at 2:30pm — 2 Comments

वृक्ष की पुकार

नहीं माँगता जीवन अपना, पर बेवजह मुझको काटो ना

जो ना आये जहां में अब तक, उनके लिए भी वृक्ष छोड़ो ना ||

 

नहीं रहेगा जहर हवा में, पेड़ पौधो को लगा दो ना

वायु प्रदूषण नाम ना होगा, बारे आक्सीजन के भी सोचो ना ||

 

पृकृति का संतुलन बना रहे यूं, करना खिलवाड़ उससे छोड़ो ना

मन, स्वास्थ्य बिगड़ जाएगा, जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ो ना ||

 

वायु प्रदूषण एक…

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Added by PHOOL SINGH on November 30, 2020 at 11:06pm — 2 Comments

एक प्रश्न ?

एक प्रश्न

 

अन्नदाता क्यूँ रोड़ पड़ा

निजीकरण का दौर बढ़ा

कोरोना की स्थिति विकट है

हर नागरिक क्यूँ मजबूर बड़ा||

 

नयें नियमों की अदला-बदली

भारत परिवर्तन की ओर बढ़ा

भविष्य का तो पता नहीं

पर आज बेरोजगारी का मुद्दा बड़ा ||

 

छोटे से लेकर बड़े व्यापारी तक

हर जन में क्यों आक्रोश बढ़ा

युवा रोजगार को तरस रहे

आज, आंदोलनों का क्यूँ शोर बड़ा ||

 

चकनाचूर है आर्थिक…

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Added by PHOOL SINGH on November 29, 2020 at 7:06pm — 2 Comments

अहिल्याबाई होलकर

भारतीय इतिहास में रानी अहिल्याबाई का अपना ही इतिहास है जो दया, परोपकार, प्रेम और सेवा भाव की भावना से ओतप्रोत थी| रानी अहिल्याबाई एक ऐसी ही रानी थी जिसने रानी होते हुए भी खुद को कभी रानी नहीं माना बल्कि ईश्वर का एक प्रतिनिधि समझ कर ही अपने राज्य पर राज किया| जीवन रहते उन्हें इतनी परेशानियों का सामना करना पड़ा लेकिन वह परिस्थितियों से घबराए बिना अपने कर्म पथ पर आगे बढ़ती रही| वह युद्ध में विश्वास नहीं कर करती ना ही उन्हें खून-खराबा पसंद…

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Added by PHOOL SINGH on October 31, 2020 at 11:25am — 1 Comment

रानी ताराबाई

भारत वर्ष के इतिहास में नारियों की उपलब्धियों की जितनी बातें की जाये उतनी ही कम है| भारत के एक वीर नारी के बारे में पढ़ो तो दूसरी के बारे में अपने आप ही उत्सुकता जाग जाती है| उन महान योद्धाओं के व्यक्तित्व, साम्राज्य, युद्ध रणनीति और उनके कौशल को अधिक से अधिक जानने का मन करता है| वर्तमान में औरंगज़ेब लगभग समूचे उत्तर भारत को जीतने के पश्चात दक्षिण में अपने पैर जमा चुका था| अब उसकी इच्छा थी कि वह पश्चिमी भारत को भी जीतकर…

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Added by PHOOL SINGH on August 13, 2020 at 7:30pm — 4 Comments

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