For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दोस्त बनाई किस्मत चमकाई,

( इ कविता बा हमारा उ सब भाई लोग खातीर जे एड देख के दोस्ती करे ला लोग ओ
लोग के सावधान करे खातीर अंत में जिगोलो सब्द आइल बा जिगोलो मर्द बेस्या के
कहल जाला धन्यवाद राउर आपन रवी कुमार गिरी गुरु )

दोस्त बनाई किस्मत चमकाई,
अइसन एड अक्सर ,
न्यूज़ पेपर में आवे ला ,
जवन मन के भावे ला ,
भईया इ मन भावन एड से ,
रहीआ दुरी बनाई ,
इ किस्मत ना चमकाई ,
एक जाना इ एड के देखी ,
दिहले फोन मिलाई ,
दूसरा तरफ से आवाज ,
खनखनात महिला के आइल ,
इहो गदगद हो गइलन ,
पुछलन कुछ इतराई ,
आगे जवन भइल इ सुन के ,
माथा गइल चकराई,
ह इ किस्मत ना चमकाई ,
कहली उनसे पहीले राउआ ,
मेंबर बने के परी ,
इहो पुचले ओकरा खातीर ,
हमारा का करे के परी ,
मिलला जबाब दू रास्ता बा ,
जवन मन करे तवन करी,
एगो मेंबर साधारण ,
एगो बाटे लाक्स्जारी ,
साधारण खातीर हजार देदा ,
लाक्स्जारी खातीर बेशी परी ,
का फायदा बा साधारण में ,
का फायदा बा लाक्स्जारी ,
साधारण में खाली बतिआइब ,
लाक्स्जारी में इनकम बढ़ी ,
इनकम के चाकर में बबुआ ,
१० हजार दिहले जमा कराइ .
दू दीन बाद उनके मेसेज आइल ,
मेंबर सिप हो गइल ,
फिर एक दीन उनके फोन आइल ,
उ कहलस इ समझाई ,
फलना जगह तू जाके खरा हो जा ,
हाथ में लाल पटी लगाई ,
एगो गारी आई लाक्स्जारी ,
तोहके उ ले जाई ,
जइसन कहलस वाईसन कईले ,
इहो उहा चली गईले ,
मत पूछी उनका संगे का भइल ,
भाई हमार अब जिगोलो हो गइल ,
अब उ करत बारान सबके मन्हाई,
दोस्त बनाई किस्मत चमकाई,
एकर चक्कर में मत आई ,

Views: 518

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Rana Pratap Singh on September 6, 2010 at 6:54pm
गुरु जी धन्यवाद आगाह करने के लिए|

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on March 31, 2010 at 9:07pm
Behtarin rachna ba guru jee, aisan dhokhadhadi roj samachar patra mey bigyapan key roop mey nikalat rahela par aekara par pata na kahey sarkar kawno action na lela e hamara samajh sey parey key chij ba,
Comment by Raju on March 31, 2010 at 2:45pm
bhaut khub Guru bhaiya......
Comment by Admin on March 31, 2010 at 2:41pm
वाह गुरु जी वाह राउर कवनो जबाब नैखे , रौवा हर बिषय पर कविता लिख देनी, इहे गुण रौवा के खाश बनावेला , बहुत बढ़िया , धन्यवाद रौवा के ,

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी left a comment for Shabla Arora
"आपका स्वागत है , आदरणीया Shabla jee"
2 hours ago
Shabla Arora updated their profile
5 hours ago
Shabla Arora is now a member of Open Books Online
7 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . अपनत्व
"आदरणीय सौरभ जी  आपकी नेक सलाह का शुक्रिया । आपके वक्तव्य से फिर यही निचोड़ निकला कि सरना दोषी ।…"
8 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"शुभातिशुभ..  अगले आयोजन की प्रतीक्षा में.. "
23 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"वाह, साधु-साधु ऐसी मुखर परिचर्चा वर्षों बाद किसी आयोजन में संभव हो पायी है, आदरणीय. ऐसी परिचर्चाएँ…"
23 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, प्रदत्त विषयानुसार मैंने युद्ध की अपेक्षा शान्ति को वरीयता दी है. युद्ध…"
23 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"   आदरणीय अजय गुप्ता जी सादर, प्रस्तुत गीत रचना को सार्थकता प्रदान करती प्रतिक्रिया के…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, नाश सृष्टि का इस करना/ इस सृष्टि का नाश करना/...गेयता के लिए…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"  आदरणीय गिरिराज भण्डारी जी सादर, प्रस्तुत गीत रचना को प्रदत्त विषयानुरूप पाने के लिए आपका…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"क्या ही कथ्य, क्या ही तथ्य और क्या ही प्रवाह .. वाह वाह वाह ..  आदरणीय अशोक भाईजी, आपने…"
yesterday
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"युद्ध की विभीषिका की चेतावनी देती उत्तम रचना हुई आ॰ अशोक जी। सभी भाव पसंद आए।"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service