For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

नेवलों के पी'छे' पीछे साँप सारे चल पड़े ।।
देखनें को खेल न्यारा हम उँघारे चल पड़े ।।(१)
.
मुर्गियाँ भी माँगती हैं अब सुरक्षा कौम की,
अस्त्र आरक्षण उठाकर तॆज नारॆ चल पड़ॆ ॥(२)
.
बन्दरों नें नाक में दम कर रखा है आजकल,
कूद करके गाल पर बस तीन मारे चल पड़े ।।(३)
.
मल्लिका की फिल्म आई पूत लाये थे टिकिट,
काम धन्धे छोड़ करके बाप न्यारे चल पड़े ।।(४)
.
था स्वयंवर वो अजब राखी खड़ी तैयार थी,
चैनलों पर न्यूज सुनकर सब कुँआरे चल पड़े ।।(५)
.
पुण्य गंगा में नहाने जा रहा ये देख कर,
झुण्ड मारे कुम्भ को सब पाप खारे चल पड़े ।।(६)
.
रात भर मुझको जगाते रह गए वो और फिर,
भोर होते रूठ करके चाँद तारे चल पड़े ।।(७)
.
आदमी अपनी अलग पहचान को बेताब है,
एक हम शायर हमें कोई पुकारे चल पड़े ।।(८)
.
उन शहीदों की वफ़ा का दाम क्या दोगे भला,
हर प्रभाती गीत गाते पा इशारे चल पड़े ।।(९)
.
एक अपना मन्त्र है वह गीत वन्दे मातरम,
भारती की आरती दिल से उतारे चल पड़े ।।(१०)
.
दाँव खेला जीतने तक खूब जमकर 'राज़' जी,
आख़िरी पत्ता उठाया दाव हारे चल पड़े ।।(११)
डॉ राज बुन्देली"
22/12/2016
मौलिक एवं अप्रकाशित
 
 

Views: 529

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by कवि - राज बुन्दॆली on January 14, 2017 at 8:16pm

आदरणीय़

मिथिलेश वामनकर जी सादर धन्यवाद,,,,

Comment by कवि - राज बुन्दॆली on January 14, 2017 at 8:16pm

आदरणीय़

बृजेश कुमार 'ब्रज' जी बहुत बहुत धन्यवाद,,,,

Comment by कवि - राज बुन्दॆली on January 14, 2017 at 8:15pm

आदरणीय़

 Samar kabeer  जी बहुत बहुत धन्यवाद,,,,

Comment by कवि - राज बुन्दॆली on January 14, 2017 at 8:14pm

आदरणीय़

डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव जी सादर धन्यवाद,,,,

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on December 25, 2016 at 8:59pm

आ० बुन्देली जी , बीच बीच में कुछ मजाहिया शेर भी हुए . बहुत ही अच्छी प्रस्तुति है बधाई .

Comment by Samar kabeer on December 25, 2016 at 5:16pm
जनाब डॉ."राज़ बुन्देली"साहिब आदाब,अच्छी ग़ज़ल हुई,दाद के साथ मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएं ।
"कर"शब्द के साथ 'के'की ज़रूरत नहीं होती,आपके तीन शैरों में ये शब्द आया है "कर के"शैर 3,4,7देखियेगा ।
Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on December 25, 2016 at 11:29am
वाह बहुत ही बेहतरीन रचना

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on December 25, 2016 at 3:47am

आदरणीय कृपया ग़ज़ल की बह्र या वज्न लिख दीजिये. सादर 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अजय गुप्ता 'अजेय commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"बहुत बेहतरीन ग़ज़ल। एक के बाद एक कामयाब शेर। बहुत आनंद आया पढ़कर। मतले ने समां बांध दिया जिसे आपके हर…"
2 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"आ. अमीरुद्दीन अमीर साहब जब मलाई लिख दिया गया है यानी किसी प्रोसेस से अलगाव तो हुआ ही है न..दूध…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post पहलगाम ही क्यों कहें - दोहे
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, पहलगाम की जघन्य आतंकी घटना पर आपने अच्छे दोहे रचे हैं. उस पर बहुत…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा चतुर्दशी (महाकुंभ)
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी, महाकुंभ विषयक दोहों की सार्थक प्रस्तुति के लिए हार्दिक धन्यवाद. एक बात…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"वाह वाह वाह !  आदरणीय सुरेश कल्याण जी,  स्वामी दयानंद सरस्वती जैसे महान व्यक्तित्व को…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"जय हो..  हार्दिक धन्यवाद आदरणीय "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post पहलगाम ही क्यों कहें - दोहे
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,  जिन परिस्थितियों में पहलगाम में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया गया, वह…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी left a comment for Shabla Arora
"आपका स्वागत है , आदरणीया Shabla jee"
Monday
Shabla Arora updated their profile
Monday
Shabla Arora is now a member of Open Books Online
Monday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . अपनत्व
"आदरणीय सौरभ जी  आपकी नेक सलाह का शुक्रिया । आपके वक्तव्य से फिर यही निचोड़ निकला कि सरना दोषी ।…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"शुभातिशुभ..  अगले आयोजन की प्रतीक्षा में.. "
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service