For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

लौहपुरुष
( आल्हा-वीर छन्द )

लौहपुरुष की अनुपम गाथा,दिल से सुने सभी जन आज
दृढ़ चट्टानी हसरत वाले,बचा लिये भारत की लाज
धन्य हुई गुजराती गरिमा,जहाँ जन्म पाए सरदार
अखंड भारत बना गए जो,सदा करूँ उनकी जयकार

पिता झवेर लाडबा माता,की पटेल चौथी सन्तान
सन अट्ठारह सौ पचहत्तर,पैदा हुए हिन्द की शान
इकतीस अक्टूबर हिन्द में,हम सबका पावन दिन खास
भारतरत्न हिन्द की हस्ती,कण कण को आ किये उजास

खेड़ा जनपद गाँव करमसद,लेवा कृषक एक परिवार
झबेरबा पत्नी बन आयी,घर में छाई खुशी अपार
किये पढ़ाई दृढ़ इच्छा से,आगे बढ़ने को तैयार
लंदन में वैरिस्टर बनकर,मन में सेवा का किरदार

शुरू वकालत किये शान से,सत्यव्रती शेर सरदार
ब्रिटिश हुकूमत थी भारत में,आगे आये वीर जुझार
धर्मशील औ न्याय शील बन,सदा दिलाये सबको न्याय
बचपन से ही रूप जुझारू,हरगिज नहीं सहे अन्याय

खेड़ा में किसान जब आकुल, शुरू किए पहला अभियान
कमर कसे हैं किसान हित में,चहुँ दिशि गूँज उठा सम्मान
फौलादी हिम्मत के आगे,ब्रिटिश हुकूमत खाई मात
धीर पुरुष गम्भीर पुरुष बन,दिला रहे सबको सौगात

कर नेतृत्व वारडोली में,सत्याग्रह को दे अंजाम
महिलाओं ने किया विभूषित,उन्हें मिला सरदार नाम
भारत के विस्मार्क कहाए, लौहपुरुष शानी सरदार
उप प्रधान मंत्री भारत के,हुए सुशोभित पहली बार

गृहमंत्री बनकर भारत के,कर डाले हैं अद्भुत काम
एकीकरण सूत्र में बाँधे,जोड़ रियासत पाए नाम
रक्तहीन जो जली क्रांति लौ,जग में फैली है हर ओर
लौहपुरुष की जगमग ज्वाला,से कणकण में हुआ अजोर

जूनागढ़ हैदराबाद ये,अड़े सभी माने ना बात
ऑपरेशन पोलो किये हैं,निजाम समझ गया जज्बात
कुपित दृष्टि जब जूनागढ़ पर,नबाब फौरन हुआ फरार
जाकर छिपा पाक के भीतर,राज्य मिला बैठे सरदार

हुई नर्म नीति नेहरू की,मिला न पाए ये कश्मीर
शूल बना प्रतिकूल बना है,चुभे आज भी सीने तीर
पटेल सा युगपुरुष धरा पर,कब आते हैं बारम्बार
शत शत नमन करूँ मैं दिल से,कीर्ति ध्वजा लहरे संसार ll

डॉ. छोटेलाल सिंह

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 641

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by डॉ छोटेलाल सिंह on November 6, 2018 at 6:26pm

आदरणीय राज नवादवी साहब आपके उत्साह वर्धन से लेखनी सार्थक हुई बहुत बहुत आभार

Comment by डॉ छोटेलाल सिंह on November 6, 2018 at 6:24pm

आदरणीय विजय निकोर साहब आपके प्रोत्साहित करने से दिल को शुकून मिला ,लेखनी सफल हुई बहुत बहुत शुक्रिया

Comment by डॉ छोटेलाल सिंह on November 6, 2018 at 6:22pm

आदरणीय उस्मानी साहब आपके उत्साह वर्धन से लेखनी सार्थक हुई दिल से शुक्रिया

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on November 6, 2018 at 10:19am

आदाब। शैक्षणिक पाठ्यक्रमों के सुयोग्य बेहतरीन ज्ञानवर्धक सार्थक रचनात्मक सृजन। हार्दिक बधाई और लाभान्वित करने हेतु हार्दिक आभार मुहतरम जनाब डॉ. छोटेलाल सिंह साहिब। दीपोत्सव सप्ताह पर हार्दिक बधाइयां और शुभकामनाएं।

Comment by vijay nikore on November 4, 2018 at 5:12pm

बहुत ही सुन्दर भाव । बधाई मित्र छोटे लाल सिंह जी

Comment by राज़ नवादवी on November 3, 2018 at 2:23pm

आदरणीय छोटेलाल सिंह साहब, आदाब. वाह बहुत ख़ूब, भारत के लौहपुरुष पे आपकी एक उम्दा रचना, दाद के साथ मुबारकबाद क़ुबूल करे, सादर. 

Comment by डॉ छोटेलाल सिंह on November 3, 2018 at 1:54pm

परमादरणीय समर साहब जी सादर अभिवादन आपका आशीर्वाद हमारे लिए औषधि के समान लाभकारी है ,उत्साह वर्धन के लिए दिल से शुक्रिया

Comment by Samar kabeer on November 2, 2018 at 3:08pm

जनाब डॉ.छोटेलाल सिंह जी आदाब,बहुत अच्छे छन्द लिखे आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"आ. सौरभ सर,इमोजी पोस्ट कर पाने की बधाई 😁😁"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"जय हो...  //होठों को शहद, रस, जाम आदि तो कई बार देखा सुना था लेकिन पहली बार होंठ पे गमले देखने…"
2 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (हर रोज़ नया चेहरा अपने, चेहरे पे बशर चिपकाता है)
"आदरणीय नीलेश जी, ग़ज़ल पर आने और अपनी बहुमूल्य सलाह देने के लिए आपका आभार। आपके सुझाव उपयोगी हैं और…"
2 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"आ. सौरभ सर,होठों को शहद, रस, जाम आदि तो कई बार देखा सुना था लेकिन पहली बार होंठ पे गमले देखने का…"
19 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"आभार आ. शिज्जू भाई..मंच पर इसी तरह की चर्चा ही उर्जा भर्ती है आभार "
20 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"आ. सौरभ सर,आपने मुझे मज़ाक मज़ाक में अब्दुल रज़ाक कर दिया 🤣😂🤣😂🤣😂"
20 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on दिनेश कुमार's blog post ग़ज़ल दिनेश कुमार -- अंधेरा चार सू फैला दमे-सहर कैसा
"बहुत खूब, आदरणीय दिनेश कुमार जी. वाह वाह  इस अच्छे प्रयास पर हार्दिक बधाई स्वीकार…"
20 hours ago
Sushil is now a member of Open Books Online
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"क्या खूब कहा आदरणीय निलेश भाई सादर बधाई,   “जो गुज़रेगा इस रचना से ‘नक्की’…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"हा हा हा.. कमाल-कमाल कर जवाब दिये हैं आप, आदरणीय नीलेश भाई.  //व्यावहारिक रूप में तो चाँद…"
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - तमन्नाओं को फिर रोका गया है
"धन्यवाद आ. रवि जी ..बस दो -ढाई साल का विलम्ब रहा आप की टिप्पणी तक आने में .क्षमा सहित..आभार "
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (हर रोज़ नया चेहरा अपने, चेहरे पे बशर चिपकाता है)
"आ. अजय जी इस बहर में लय में अटकाव (चाहे वो शब्दों के संयोजन के कारण हो) खल जाता है.जब टूट चुका…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service