For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

व्यथित हृदय

अनुपम सृजन सृष्टि की बेटी
बेटी को ना ठुकराएं।
प्यार मुहब्बत की निधि बेटी
हाथ बढ़ाकर अपनाएं।।

बेटी अगर अनादृत होगी
जग कलुषित हो जाएगा।
आन मान सम्मान धरा पर
कहीं नहीं बच पायेगा।।

मृदुल भाव मधु सदृश बेटियाँ
जग रोशन नित करतीं हैं।
अंतर्मन के हर विषाद तम
सुखद अमिय रस भरतीं हैं।।

सस्मित सुरभि लुटाकर हर पल
जग मधुमय कर देतीं हैं।
सदा अंक में प्रदीप्त करके
हर बाधा हर लेतीं हैं।।

व्यथित हृदय कटु गरल पी रही
निर्मम नर हैवानों से।
ज्वलित गलित नित रोदन करतीं
क्रूर व्याल शैतानों से।।

पशुता से विक्षत जो होतीं
उनको आज बचाना है।
रहें सुरक्षित बहन बेटियां
अपना फर्ज निभाना है।।

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 552

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on October 7, 2019 at 6:34am

आ.भाई, छोटेलाल जी, अच्छी रचना हुई है हार्दिक बधाई।

Comment by डॉ छोटेलाल सिंह on October 4, 2019 at 10:36am

परमादरणीय समर साहब जी सादर अभिवादन आपके उत्साह वर्धन से एक नयी ऊर्जा मिलतीहै ,आपका दिल से आभार 

Comment by Samar kabeer on October 4, 2019 at 7:44am

जनाब डॉ. छोटेलाल सिंह जी आदाब,बेटियों पर बहुत अच्छी रचना लिखी आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

Comment by डॉ छोटेलाल सिंह on October 1, 2019 at 1:09pm

आदरणीय बृजेश ब्रज जी उत्साह वर्धन के लिए दिल से आभार

Comment by डॉ छोटेलाल सिंह on October 1, 2019 at 1:08pm

आदरणीय सत्यम जी उत्साह वर्धन के लिए दिल से आभार ,कोशिश करूँगा

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on October 1, 2019 at 12:14pm

अनुपम अमिट भावों को समेटती हुई रचना....हार्दिक बधाई 

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on September 27, 2019 at 8:48pm

आ. छोटेलाल भाई जी, आपकी कविता अतिसुन्दर और सार्थकता की दृष्टि से भी उत्तम है.  आपने कभी गीत लिखा है क्या?  यही बात यदि आप गीत के माध्यम से करते तो और भी ज्यादा प्रभावित हो सकता था.  फिलहाल इस कविता के लिए हार्दिक बधाई.  शुभ शुभ

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"धन्यवाद आ. अजय जी "
1 hour ago
अजय गुप्ता 'अजेय commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"बहुत बेहतरीन ग़ज़ल। एक के बाद एक कामयाब शेर। बहुत आनंद आया पढ़कर। मतले ने समां बांध दिया जिसे आपके हर…"
3 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"आ. अमीरुद्दीन अमीर साहब जब मलाई लिख दिया गया है यानी किसी प्रोसेस से अलगाव तो हुआ ही है न..दूध…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post पहलगाम ही क्यों कहें - दोहे
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, पहलगाम की जघन्य आतंकी घटना पर आपने अच्छे दोहे रचे हैं. उस पर बहुत…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा चतुर्दशी (महाकुंभ)
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी, महाकुंभ विषयक दोहों की सार्थक प्रस्तुति के लिए हार्दिक धन्यवाद. एक बात…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"वाह वाह वाह !  आदरणीय सुरेश कल्याण जी,  स्वामी दयानंद सरस्वती जैसे महान व्यक्तित्व को…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"जय हो..  हार्दिक धन्यवाद आदरणीय "
Tuesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post पहलगाम ही क्यों कहें - दोहे
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,  जिन परिस्थितियों में पहलगाम में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया गया, वह…"
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी left a comment for Shabla Arora
"आपका स्वागत है , आदरणीया Shabla jee"
Monday
Shabla Arora updated their profile
Monday
Shabla Arora is now a member of Open Books Online
Monday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . अपनत्व
"आदरणीय सौरभ जी  आपकी नेक सलाह का शुक्रिया । आपके वक्तव्य से फिर यही निचोड़ निकला कि सरना दोषी ।…"
Monday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service