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विजय मिश्र's Comments

Comment Wall (19 comments)

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At 4:42pm on September 25, 2014, savitamishra said…

सादर नमस्ते विजय भैया ! अभी आपके कहने पर हम देखे कमेन्ट बैक भी है वरना हम तो View Thread  मेंजेकजबाबदिएथेइस लिय आश्वस्त नहीं थे किजबाब  पहुंचेगा यानहीं ........सेंड मसेज में तो टॉपिक पूछरहा था ....सहीकहें भैया आप बस पढने केलिय इस्तेमाल करते हैन इसलिय और चोजो के बारे में नहीं पता इस्तेमाल जब करने लगेगे  आने ही लगेगा|

नवरात्र की ढेर  सारी  शुभकामनाएँ आपको  भी भैया ....

और सभी भाइयों -बहनों  और बुजुर्गो को भी हार्दिक बधाई !

At 10:03pm on September 24, 2014, savitamishra said…

जबाब कैसे देते है हमे यहाँ पता नहीं है ..पता नहीं आप तक यह हमारा जबाब पहुंचेगा या नहीं

At 10:02pm on September 24, 2014, savitamishra said…

सादर नमस्ते विजय भैया .......बहुत बहुत आभार .....नहीं कहेगें ...क्योकि आशीष के लिय आभार व्यक्त करना हमारी मुर्खता होगी ...आप बड़े भाई की तरह यूँ ही अपना आशीष बनाये रक्खे .....कहते है न सरस्वती कभी न कभी जिह्वा पर विराजमान होती है शायद आशीष देते वक्त आपके जिह्वा पर विराजमान थी अतः फलीभूत हो गया ...........हमारा कम्प्यूटर ख़राब होने के कारण देख नहीं पाए थे हम ......:)

At 5:05pm on June 29, 2014, PRAMOD SRIVASTAVA said…

का कहीं राउर परसंसा के काबिल हम बानी की नाही \ जउन सोझा लउके आ मन मताय लगेला बस उहे लिखा जाला

At 1:38pm on June 27, 2014, Sushil Sarna said…

mtrta ke aagrah ko sveekaar krne ka haardik aabhaar

At 6:44pm on January 30, 2014, NEERAJ KHARE said…
BAHUT..BAHUT ..DHANYVAD MISRA JI
At 5:11pm on January 6, 2014, Priyanka singh said…

आभार सर ....आशीर्वाद और स्नेह बनाये रखे ...नव वर्ष की शुभकामनायें आपको भी .....खुश रहे 

At 6:17pm on December 5, 2013, डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव said…

आदरणीय विजय  जी

आपका शत शत आभार i

आपको ढेर सी शुभ कामनाए  i

At 7:20pm on November 4, 2013, CHANDRA SHEKHAR PANDEY said…

दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ, माननीय विजय सर।

At 2:12pm on October 8, 2013, शकील समर said…

और इस मंच पर हमसफर भी हूं आदरणीय विजय मिश्रा जी.मार्गदर्शन बनाए रखिएगा.

At 1:48pm on September 11, 2013, अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव said…

विजय भाई , सप्रेम राधे- राधे । त्योहारों पर मेरी रचना पसंद आई,  हार्दिक धन्यवाद।

At 12:56am on September 1, 2013, SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR said…

आप के शब्द मन को छू लेते हैं .धरती भी काँप गयी में प्रोत्साहन मिला सुखद अनुभव और उत्साह बढा

जय श्री राधे
भ्रमर ५

At 8:57pm on August 19, 2013, ARVIND BHATNAGAR said…

shukriya Vijay ji............

At 5:16pm on August 17, 2013, SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR said…

प्रिय विजय मिश्र जी बहुत ही सुन्दर शब्दों में आप ने अपने भारत देश के मान में लिखे इस लेख को सराहा और प्रोत्साहन दिया आप की बातें अक्षरसः सत्य हैं हमारे भावी पीढ़ी को विकास की ऊंचाइयों पर कदम रखना चाहिए पर अपनी संस्कृति को दरकिनार कतई नहीं करना चाहिए जो संसार में हमारी अलग पहचान रखता है
आभार
भ्रमर ५

At 1:44pm on June 28, 2013, Dr Babban Jee said…

आदरणीय विजय साहेब
आपकी पारखी नज़रों के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया ! नज़रे-ए-इनायत बनी रहे, ख़ामिया मेरी लेखनी के सामने  भी आती रहे, यही च्चाहूँगा /

सादर

At 11:06pm on June 24, 2013, SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR said…

प्रिय मिश्र जी आप हमारे ब्लाग पर पधारे आप से प्रोत्साहन मिला मन अभिभूत हुआ .. ..जय श्री राधे 

भ्रमर ५ 
At 10:59pm on May 20, 2013, केवल प्रसाद 'सत्यम' said…

आ0 विजय मिश्र भाई जी,  आपने बिलकुल सही फरमाया। हां मित्रता अनमोल रत्न है,  सौभाग्य की प्रथम सीढी है, मित्रता अनाथ को सनाथ करती है और सबसे बड़ी परिभाषा है कि- मित्रता स्वयं  भगवान श्रीकृष्ण को परिभाषित करती है। आपके अपार स्नेह और सुन्दर भावों के लिए तहेदिल से हार्दिक आभार।  सादर,

At 5:49pm on May 10, 2013, Dr Dilip Mittal said…

आदरणीय इसी तरह आशीर्वाद बनाए रखें हार्दिक आभार"

At 8:29am on May 3, 2013, डा॰ सुरेन्द्र कुमार वर्मा said…

प्रिय मिश्रजी,

पंच सब टंच: आपने तो सार ग्रहण करके आभारी बना दिया- धन्यवाद., विजयजी.

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