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Richa Yadav
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Welcome, Richa Yadav "Riya"

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Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"आदरणीय अमित।जी ग़ज़ल में सुधार कृपया देखियेगा सादर 221 2121 1221 212 तस्वीर हादसे की ये समझा गई मुझे सच ज़िन्दगी का मौत है बतला गई मुझे 1 अहसास हू-ब-हू वो तुम्हारा था जान-ए-मन नर्मी से आ के फिर हवा सहला गई मुझे 2 मौसम हुआ जो सर्द तो तन्हाई प्यार से…"
Sep 28
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"आदरणीया रचना जी नमस्कार बहुत ख़ूब ग़ज़ल हुई आपकी बधाई स्वीकार कीजिये 5th और गिरह ख़ूब हुई मतला बेहतर हो सकता है अमित जी की बातें क़ाबिले ग़ौर हैं सादर"
Sep 27
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"आदरणीय अमित जी  कृपया एक बार फिर देखियेगा मतला सादर तस्वीर हादसे की ये समझा गई मुझे सच ज़िन्दगी का मौत है बतला गई मुझे"
Sep 27
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"जी शुक्रिया फिर से कोशिश करती हूँ सादर"
Sep 27
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"आदरणीय अजय जी नमस्कार बहुत अच्छी ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये झुनझुना, और गुगली क्या बात अमित जी से सहमत हूँ मुझे भी श्याम वाला सानी और गिरह का ऊला स्पष्ट नहीं हुआ सादर"
Sep 27
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"आदरणीय अमित जी अभिवादन बहुत बहुत शुक्रिया इतनी तफ़्सील से हर बात समझाने और इस्लाह के लिए आपका,ग़ज़ल निखर जाएगी सादर मतले में सुधार की कोशश की है देखिएगा कृपया जिंदादिली ज़रूरी है बतला गई मुझे सच ज़िन्दगी का ज़ीस्त ये समझा गई मुझे"
Sep 27
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"आदरणीय अजय जी अभिवादन बहुत शुक्रिया आपका हौसला अफ़ज़ाई के लिए मतले में सुधार देखियेगा सादर जिंदादिली ज़रूरी है बतला गई मुझे सच ज़िन्दगी का ज़ीस्त ये समझा गई मुझे"
Sep 27
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"आदरणीय रवि जी अभिवादन मतले में ये सुधार कृपया देखियेगा सादर जिंदादिली ज़रूरी है बतला गई मुझे सच ज़िन्दगी का ज़ीस्त ये समझा गई मुझे "
Sep 27
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"आदरणीय रवि जी अभिवादन ग़ज़ल तक आने और हौसला अफ़ज़ाई के लिए बहुत शुक्रिया आपका। जी मतले में "जो छोटी बात समझ आई वो ज़िन्दगी की सच्चाई समझा गई" यही कहा है,,  3 के सानी के लिए कोशिश करती हूँ सादर  "
Sep 27
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"आदरणीय Zaif जी नमस्कार बहुत ख़ूब हुई आपकी ग़ज़ल बधाई स्वीकार कीजिये गिरह ख़ूब है सादर"
Sep 27
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"आदरणीय नाहक जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल हुई आपकी बधाई स्वीकार कीजिये  अमित जी की बात क़ाबिले ग़ौर है  सादर"
Sep 27
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"आदरणीय मुनीश जी नमस्कार ख़ूब ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये  अमित जी की इस्लाह क़ाबिले ग़ौर लगी मुझे  सादर"
Sep 27
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"आदरणीय चेतन जी नमस्कार ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है, बधाई स्वीकार कीजिये बाक़ी गुणीजन बता सकते हैं सादर"
Sep 27
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"आदरणीय अमीर जी नमस्कार बहुत ही ख़ूबसूरत ग़ज़ल कही आपने शेर दर शेर दाद क़ुबूल कीजिए बहुत बधाई गिरह ज़बरदस्त सादर"
Sep 27
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"आदरणीय संजय जी नमस्कार बहुत ख़ूब ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये, मतले पर अमीर जी की बात बेहतर लगी,गुणीजनों की टिप्पणियों से काफ़ी कुछ समझने को मिला, गिरह ख़ूब,मक़्ता वआआह सादर"
Sep 27
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"221 2121 1221 212 छोटी सी एक बात समझ आ गई मुझे सच्चाई ज़िन्दगी की वो समझा गई मुझे 1 एहसास हू-ब-हू वो तुम्हारा था जानेमन सूरज की इक किरण अभी सहला गई मुझे 2 लेकर तुम्हारे शह्र से आई थी ये हवा ख़ुशबू-ए-यार सर-ता-पा महका गई मुझे 3 मौसम हुआ जो सर्द थी…"
Sep 27

Profile Information

Gender
Female
City State
Faridabad Haryana
Native Place
Alaahabad U.P.
Profession
home maker
About me
computer engineer by heart Shayar

Richa Yadav's Blog

ग़ज़ल-हर बात अपने दिल की बताई नहीं जाती।

221 2121 1221 212



हर बात अपने दिल की बताई नहीं जाती

करके कोई दुआ भी यूँ गाई नहीं जाती।1

दिल आपकेे है बस में ये अब जानते हैं हम

जादूगरी ऐसी भी दिखाई नहीं जाती।2

हैं दर्द-ओ-ग़म भरे हुए इतने कि क्या कहें

ये दास्तान दिल की सुनाई नहीं जाती।3

ये बदगुमानी आपकी आई है बीच में

बिगड़ी है इतनी बात बनाई नहीं जाती।4

फिर साथ होगी होली दीवाली की धूम भी

हमसे अकेले ईद मनाई नहीं जाती।5

दिल आपका दुखा तो…

Continue

Posted on December 7, 2020 at 1:29pm — 4 Comments

मिस्मार दिल का ये दर-ओ-दीवार हो गया

बह्र:- 221 2121 1221 212

मिस्मार दिल का ये दर-ओ-दीवार हो गया

मुद्दत हुई तो यार का दीदार हो गया

वो जो चला गया है मेरा शह्र छोड़ कर

लगता है ऐसा मुझको मैं बीमार हो गया

बेमोल ही रहे न किया ज़िंदगी से ग़म

तूने छुआ मुझे तो मैं दीनार हो गया

था मर्ज़ ऐसा जिसकी नहीं थी दवा कोई

तू हाथ थाम कर मेरा तीमार हो गया

तूने गले लगाया "रिया" को मेरे ख़ुदा

लगता है जैसे क़द मेरा मीनार हो गया

"मौलिक व…

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Posted on October 30, 2020 at 3:30pm — 10 Comments

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