फ़ाएलुन / फ़ाएलुन / फ़ाएलुन / फ़ाएलुन |
212 // 212 // 212 // 212 |
मोतिओं की तरह जगमगाते रहो | |
बुलबुलों की तरह चहचहाते रहो | |
जब तलक आसमां में सितारें रहे | |
ज़िंदगी भर सदा मुस्कुराते रहो | |
इन फ़िज़ाओं में मस्ती सी छा जाएगी | |
अपनी ज़ुल्फ़ों की ख़ुश्बू उड़ाते रहो | |
हम भी तो आपके जां निसारों में है | |
क़िस्सा ए दिल हमें भी सुनाते रहो | |
देखना रोशनी कम न होवे कहीं | |
इन चराग़ों की लौ को बढ़ाते रहो | |
इतनी खुशियां मिले ज़िंदगी में तुझे | |
दोनों हांथों से सब को लुटाते रहो | |
रंगे गुल रुख़ पे हर दम नुमाया रहे | |
जब निगांहे मिले मुस्कुराते रहो
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Shyam Narain Verma
May 7, 2014
coontee mukerji
सुंदर गज़ल के लिये हार्दिक बधाई.
May 7, 2014
सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर"
बहुत खूब जनाब सलीम रज़ा साहब दिली दाद कुबूल फरमायें
May 7, 2014
SALIM RAZA REWA
Shyam Narain Verma JI BAHUT BAHUT SHUKRIYA
May 7, 2014
SALIM RAZA REWA
aadarniya ..badi bahan coontee mukerji ji aapka dili shukriya
May 7, 2014
SALIM RAZA REWA
janab शिज्जु शकूर ji aapka dili shukriya..
May 7, 2014
MAHIMA SHREE
वाह बहुत खूब .. खुबसूरत ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई /
May 8, 2014
SALIM RAZA REWA
thanks lot MAHIMA SHREE ji
May 8, 2014
Mukesh Verma "Chiragh"
आदरणीय सलीम जी
अच्छी ग़ज़ल पर बहुत बहुत मुबारकबाद
May 9, 2014
SALIM RAZA REWA
mukesh verma ji aapka bahut bahut shukriya........
May 9, 2014
नादिर ख़ान
जनाब सलीम साहब, बहुत उम्दा गज़ल, कमाल की रवानगी है अशआर में ...
दिल में आता है बस गुनगुनाते रहो ।
May 9, 2014
gumnaam pithoragarhi
May 10, 2014
SALIM RAZA REWA
aali janab नादिर ख़ान sahab aapki nzren inayat ke lie shukriya ..
May 10, 2014
SALIM RAZA REWA
adarniya gumnaam pithoragarhi sahab dili shukkriya ...
May 10, 2014
अरुन 'अनन्त'
आदरणीय सलीम रजा साहिब सुन्दर ग़ज़ल खूबसूरत अशआर कहे हैं आपने, आपने एक शेअर में होवे शब्द का इस्तेमाल किया है जो मुझे थोडा अटपटा लगा. खैर इस ग़ज़ल पर दाद हाजिर है कुबूल फरमाएं.
May 12, 2014
सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी
आदरणीय सलीम भाई , खूब सूरत गज़ल के लिये आपको दिली बधाइयाँ । छठवें शे र के उला मे आपने तुझे शब्द लिया है , जिसके साथ सानी मे लुटाते रहो , मुझे कुछ ठीक नही लग रहा है , एक बार सोच लीजियेगा ॥
May 14, 2014