ग़ज़ल -- मोतिओं की तरह जगमगाते रहो --सलीम रज़ा रीवा

फ़ाएलुन / फ़ाएलुन / फ़ाएलुन / फ़ाएलुन 

212 // 212 // 212 // 212

मोतिओं की तरह जगमगाते रहो 
बुलबुलों की तरह चहचहाते रहो
 
जब तलक आसमां में सितारें रहे 
ज़िंदगी भर सदा मुस्कुराते रहो 
 
इन फ़िज़ाओं में मस्ती सी छा जाएगी 
अपनी ज़ुल्फ़ों की ख़ुश्बू उड़ाते रहो 
 
हम भी तो आपके जां निसारों में है 
क़िस्सा ए  दिल हमें भी सुनाते रहो
 
 देखना रोशनी कम न   होवे कहीं
इन चराग़ों की लौ को बढ़ाते रहो 
 
इतनी खुशियां मिले ज़िंदगी में तुझे 
दोनों हांथों से सब को लुटाते रहो
 
रंगे गुल रुख़ पे हर दम नुमाया रहे  

जब निगांहे मिले मुस्कुराते रहो 

09424336644--सलीम रज़ा रीवा

मौलिक व अप्रकाशित

  • Shyam Narain Verma

    बहुत सुन्दर गजल।  ढेरों दाद कुबूल करें। सादर
  • coontee mukerji

    सुंदर गज़ल के लिये हार्दिक बधाई.


  • सदस्य कार्यकारिणी

    शिज्जु "शकूर"

    बहुत खूब जनाब सलीम रज़ा साहब दिली दाद कुबूल फरमायें

  • SALIM RAZA REWA

    Shyam Narain Verma  JI BAHUT BAHUT SHUKRIYA

  • SALIM RAZA REWA

    aadarniya ..badi bahan coontee mukerji ji aapka dili shukriya 

  • SALIM RAZA REWA

    janab  शिज्जु शकूर  ji aapka dili shukriya..

  • MAHIMA SHREE

    वाह बहुत खूब .. खुबसूरत ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई /

  • SALIM RAZA REWA

    thanks lot MAHIMA SHREE ji 

  • Mukesh Verma "Chiragh"

    आदरणीय सलीम जी
    अच्छी ग़ज़ल पर बहुत बहुत मुबारकबाद

  • SALIM RAZA REWA

    mukesh verma ji aapka bahut bahut shukriya........

  • नादिर ख़ान

    जनाब सलीम साहब, बहुत उम्दा गज़ल, कमाल की रवानगी है अशआर में ...

    दिल में आता है बस गुनगुनाते रहो ।

  • gumnaam pithoragarhi

    बहुत खूब,,,,,, साहब खुबसूरत ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई /
  • SALIM RAZA REWA

    aali janab नादिर ख़ान  sahab aapki nzren inayat ke lie shukriya ..

  • SALIM RAZA REWA

    adarniya  gumnaam pithoragarhi sahab dili shukkriya ...

  • अरुन 'अनन्त'

    आदरणीय सलीम रजा साहिब सुन्दर ग़ज़ल खूबसूरत अशआर कहे हैं आपने, आपने एक शेअर में होवे शब्द का इस्तेमाल किया है जो मुझे थोडा अटपटा लगा. खैर इस ग़ज़ल पर दाद हाजिर है कुबूल फरमाएं.


  • सदस्य कार्यकारिणी

    गिरिराज भंडारी

    आदरणीय सलीम भाई , खूब सूरत गज़ल के लिये आपको दिली बधाइयाँ । छठवें शे र के उला मे आपने तुझे शब्द लिया है , जिसके साथ सानी मे लुटाते रहो , मुझे कुछ ठीक नही लग रहा है , एक बार सोच लीजियेगा ॥