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न वक्त का कुछ पता ठिकाना न रात मेरी गुज़र रही है ।
अजीब मंजर है बेखुदी का , अजीब मेरी सहर रही है ।।
ग़ज़ल के मिसरों में गुनगुना के , जो दर्द लब से बयां हुआ था ।
हवा चली जो खिलाफ मेरे , जुबाँ वो खुद से मुकर रही है ।।
है जख़्म अबतक हरा हरा ये , तेरी नज़र का सलाम क्या लूँ ।
तेरी अदा हो तुझे मुबारक , नज़र से मेरे उतर रही है ।।
मिरे सुकूँ को तबाह करके , गुरूर इतना तुझे हुआ क्यूँ ।
तुझे पता है तेरी हिमाकत , सवाल बनकर अखर रही है ।।
न वस्ल को तुम भुला सकी हो, न हिज्र को मैं भुला ही पाया ।
यहाँ रकीबों की वादियों में , तेरी ही खुशबू बिखर रही है ।।
हमारे दिल में हमी से पर्दा , गुनाह कुछ तो छुपा गई हो ।
है दिल का कोई नया मसीहा , तू जिसके दम पे निखर रही है ।।
किसी तबस्सुम की दास्ताँ पे , फ़ना हुआ है गुमान जिसका ।
है कत्ल खाने में जश्न इसका, कज़ा की महफ़िल गुजर रही है ।।
हुजूर चिलमन से देखते हैं , गजब का मौसम है कातिलाना ।
ये इश्क भी क्या अजब का फन है नज़र नज़र पे ठहर रही है ।।
तमाम रातो के सिलसिलों में , खतों से अक्सर पयाम आया ।
जो चोट मुझको मिली थी तुझसे वो फ़िक्र बनकर उभर रही है ।।
----- नवीन मणि त्रिपाठी
मौलिक अप्रकाशित
Samar kabeer
पूरी ग़ज़ल में ऐब-तनाफ़ुर है, देखियेगा ।
पांचवें शैर में शुतरगुर्बा का दोष है,देखियेगा ।
Dec 7, 2016
Naveen Mani Tripathi
जैसे
हम काम कर रहे हैं ।
वह भाग गए ।
रुपया याद है । आदि आदि ।
सर जो मुझे लगा वह बात मैंने आपके सामने रख दी है आप बड़े शायर हैं मुझे यकीन है आप इस विषय पर अपना भी व्यक्तिगत मत रखेंगे । आशा यह भी है कि की आप शिष्य की बात को अन्यथा न
लेते हुए किसी समाधान की दिशा की ओर प्रेरित भी करेंगे । सादर नमन सर ।
Dec 7, 2016
Samar kabeer
Dec 7, 2016
Naveen Mani Tripathi
Dec 8, 2016
Sushil Sarna
न वक्त का कुछ पता ठिकाना न रात मेरी गुज़र रही है ।
अजीब मंजर है बेखुदी का , अजीब मेरी सहर रही है ।।
ग़ज़ल के मिसरों में गुनगुना के , जो दर्द लब से बयां हुआ था ।
हवा चली जो खिलाफ मेरे , जुबाँ वो खुद से मुकर रही है ।।
गज़ब के अशआर कहे हैं सर आपने। ..... खूबसूरत अहसासों की इस ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई आदरणीय।
Dec 8, 2016
सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर
आदरणीय नवीन जी, बहुत बढ़िया ग़ज़ल कही है आपने. शेर दर शेर दाद कुबूल फरमाएं. सादर
Dec 8, 2016
Naveen Mani Tripathi
Dec 9, 2016
Anita Maurya
वाह.... बहुत खूब ..
Dec 10, 2016