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Open Books Online परिवार के सब सदस्य लोगन से निहोरा बा कि भोजपुरी साहित्य और भोजपुरी से जुड़ल बात ऐह ग्रुप मे लिखी सभे ।
Feb 27, 2016
Mar 29, 2017
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Manan Kumar singh
***
अइसन मौसम आइल बा
मनवा अब फगुआइल बा।1
खिल रहल बा कली गुलाबी
भौंरा खूब अगराइल बा।2
टहले के मिलल तब निमन
नाहीं तब गभुआइल बा।3
कर रहल मनुहार गुनगुन
कली अबहीं अलसाइल बा।4
पाठ पढवलख जब पुरवाई
कलिया खुल मुसुकाइल बा।5
रंग-बिरंगी छटा फिजा में
पलभर में छितराइल बा।6
चुनरी उड़ल जात हवा में
बड़गद के हिया जुराइल बा।7
बहुते उपर उड़ते-उड़ते
गमछा जाके अझुराइल बा।8
कह रहल सब लोग चहक के
अबहिंए फगुआ आइल बा।9
मौलिक व प्रकाशित@मनन
Feb 27, 2016
Manan Kumar singh
***
अइसन मौसम आइल बा
मनवा अब फगुआइल बा।1
खिल रहल बा कली गुलाबी
भौंरा खूब अगराइल बा।2
टहले के मिलल तब निमन
नाहीं तब गभुआइल बा।3
कर रहल मनुहार गुनगुन
कली अबहीं अलसाइल बा।4
पाठ पढवलख जब पुरवाई
कलिया खुल मुसुकाइल बा।5
रंग-बिरंगी छटा फिजा में
पलभर में छितराइल बा।6
चुनरी उड़ल जात हवा में
बड़गद के हिया जुराइल बा।7
बहुते उपर उड़ते-उड़ते
गमछा जाके अझुराइल बा।8
कह रहल सब लोग चहक के
अबहिंए फगुआ आइल बा।9
मौलिक व प्रकाशित@मनन
Feb 27, 2016
Naveen Mani Tripathi
कोई पक्का मकान थोरै है ।
दिन दशा कुछ ठिकान थोरै है ।।
सिर्फ कुर्सी मा जान है अटकी ।
ऊ दलित का मुहान थोरै है ।।
ई वी ऍम में कहाँ घुसे हाथी।
छोटा मोटा निशान थोरै है।।
रोज घुड़की है देत ऐटम का ।
तुमसे जनता डेरान थोरै है ।।
लै लिहिस कर्ज पर नया टक्टर।
कौनो गन्ना बिकान थोरै है ।।
वोट खातिर पड़ा हैं चक्कर मा ।
हमरे खातिर हितान थोरै हैं ।।
रोज दाउद पकड़ि रहे तुम तो।
कौनो घर मा लुकान थोरै है।।
नोट बन्दी पे है बड़ा हल्ला ।
एको रुपया हेरान थोरै है।।
है कसाई पे अब नज़र टेढ़ी।
राह तनिको भुलान थोरै है ।।
अब तो सारा हिसाब हो जाई ।
तुम से अफसर दबान थोरै है ।।
है बड़े काम का छोटका योगी।
अइसे सीना उतान थोरै है ।।
--नवीन मणि त्रिपाठी
मौलिक अप्रकाशित
Mar 29, 2017