भोजपुरी साहित्य

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सुनीं सुनीं सरकार : आशीष यादव

सुनीं सुनीं सरकार 

हम बानी बेरोजगार 

तनी सुनी ना पुकार 

देई जिनिगी सुधार 

फारम भरले साल बीतल 

जिनिगी बेहाल बीतल 

तोहरा के का बुझाई 

जेकर खुशहाल बीतल 

पढ़त पढ़त चानी प क

झर गईल बार 

सुनी सुनी सरकार

सुधि न हमार लिहलीं

वादा प गुजार देहलीं

करम कुकरम से

आशा क दीवार ढहलीं 

मंगनी रिजल्ट रऊआ 

फोड़ली कपार

सुनी सुनी सरकार 

 

सुनी ई कुरीति हवे 

राऊर नाही जीत हवे 

शासन जेके बुझत हई 

बालू के जी भीत हवे 

ढेर दिन टिकी नाही 

राउर गुबार 

सुनी सुनी सरकार

सबकर इलाज होला 

रउरो इलाज हुई 

सुनीं राऊर कुर्सी प 

जनता क राज होई

तोहरो रिजल्ट देई 

जन दरबार 

नाही रही सरकार 

नाही रही सरकार 

राउर हो जाइब

सुनी सुनी सरकार

मौलिक एवं अप्रकाशित