भोजपुरी साहित्य

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वाह रे उद्योगपति कईलs लोग बढ़िया काम...

वाह रे उद्योगपति कईलs लोग बढ़िया काम ,
शहद में जहर मिलवलs कईलs अइसन काम,
हमनी के विश्वास कईनीसन आँख बंद करी के ,
दुश्मन दोस्त खुबे लुटलs हमदर्द बनी के ,
इ हिंदुस्तान के आगे वाला लोग कईलस काम ,
वाह रे उद्योगपति कईलs लोग बढ़िया काम ,
सिखावेलन उहो हमनी के बढ़िया काम करिहs,
देश के हित में तूहु बढ़िया नाम करिहs,
का पता उहो हमनी के जहरे पिलाईहsन ,
नाम रही शहद के मीठा जहर खिलइहsन ,
फांसी पे चढ़ावे के चाही जे करे अईसन काम ,
वाह रे उद्योगपति कईलs लोग बढ़िया काम ,
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    Admin

    आदरणीय गुरु जी आपकी कविता बहुत कुछ कह जाती है किन्तु वर्तनी सम्बन्धी त्रुटी अच्छी रचना को भी बर्बाद कर देती है , मैं आप की रचना को शुद्ध करने का प्रयास किया हूँ , एक बार देखे कि कितनी त्रुटी है आपकी रचना मे...............

    वाह रे उद्योगपति कईलs लोग बढ़िया काम ,
    शहद में जहर मिलवलs कईलs अइसन काम,
    हमनी के विश्वास कईनीसन आँख बंद करी के ,
    दुश्मन दोस्त खुबे लुटलs हमदर्द बनी के ,
    इ हिंदुस्तान के आगे वाला लोग कईलस काम ,
    वाह रे उद्योगपति कईलs लोग बढ़िया काम ,
    सिखावेलन उहो हमनी के बढ़िया काम करिहs,
    देश के हित में तूहु बढ़िया नाम करिहs,
    का पता उहो हमनी के जहरे पिलाईहsन ,
    नाम रही शहद के मीठा जहर खिलइहsन ,
    फांसी पे चढ़ावे के चाही जे करे अईसन काम ,
    वाह रे उद्योगपति कईलs लोग बढ़िया काम ,
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      Rash Bihari Ravi

      dhanyabad sir ji
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        Neelam Upadhyaya

        Wah! Bahut badhiya rachna ba.
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