"पंजाबी साहित्य"(ਪੰਜਾਬੀ ਸਾਹਿਤ)

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(जाणा कल्लेयाँ ही पैंदा)

रब्ब दी रज़ा जे मंनेंगा ते सुख भरपूर तू पाँवेंगा
नहीं ते जीवन भर तू बंदेया कलपदा ही रह जांवेंगा
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पंजाबी रचना

(जाणा कल्लेयाँ ही पैंदा)

जाणा कल्लेयाँ ही पैंदा,जाणा कल्लेयाँ ही पैंदा-2
कोई नी चलदा नाल किसे दे-2 कल्लेयाँ टुर पैंदा
(---)जाणा कल्लेयाँ ही पैं--------------------
(1) ओ-बंदेया की तेरा मेरा सब ने रब्ब दे खेल-2
कुछ नहीं जाणा नाल किसे दे सब झूठे ने मेल-2
सब नें झूठे रिश्ते नाते-2 कोई नाल नी रैहंदा
जाणा कल्लेयाँ ही पैं-------------------
(2) याद ते करदी दुनियाँ करम जे होवण चंगे-2
कोई याद नी रखदा कोई करम जे होवण मंदे-2
कर्मा दा एह लेखा जोखा-2 नाल सदा ही रैहंदा
जाणा कल्लेयाँ ही पैं------------------
(3) सच्चा सुख ना मिलदा कोई झूठे सुख मिल जांदे-2
मोहमाया दे झूठे खडोने इत्थे ही रैह जांदे-2
रब्ब दी राजा दा शुक्र मनाओ-२ "दीपक कुल्लुवी" कैहंदा
जाणा कल्लेयाँ ही पैं------------------

दीपक कुल्लुवी
9350078399
05 -11-2012 .
Harmonium Composition
6,GX2,6,7,6,7X2,6,G,6,7,6X2 (Mukhra 1 Line)
8X4,9X4,NX2,9,8,9,8(Mukhra 2 Line)
7X7,6,G,7,6X3(Antra 1&2 Line)
8X4,9X4,NX2,9,8,9,8 (Antra 3 Line)

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    सदस्य टीम प्रबंधन

    Dr.Prachi Singh

    बड़ा सुन्दर पंजाबी गीत लिखा है आदरणीय दीपक कुल्लुवी जी..

    जाना अकेला ही पड़ता है......रिश्ते नाते सब झूठे है, कर्म का लेखा जोखा ही साथ रहता है, सुन्दर प्रस्तुति.

    संभव हो तो इसे सस्वर भी पोस्ट करें, आनंद आ जाएगा. 

    हार्दिक बधाई इस पंजाबी भजन पर.

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      Deepak Sharma Kuluvi

      शुक्रिया प्राची जी
       
      आज रात ३ बजे उठकर इसे कम्पोज़ किया हारमोनियम पे निकलकर सुबह तक रियाज़ किया फिर धर्मपत्नी और बेटे के हवाले कर के आया सरगम निकलने के लिए क्योंकि वह दोनों गायक हैं में तो केवल छोटा सा  लेखक हूँ 
      कभी आपको सुनायेंगे ज़रूर   
      दीपक कुल्लुवी