Dr. Prachi is working as a Dean Academics, in a Professional Engineering College. She is an adviser to Vivekanand Education Society.She also organizes interactive discussion and lectures with teachers & students on regular basis. Dr.Prachi has a Masters’s degree in Environment Science from Gurukul Kangri vishwavidyalaya (M.Sc. Gold Medalist) and Ph.D. in Bioscience from Banasthali Vidyapith. She has also qualified UGC-NET examination. She is recipient of Young Scientist Award by Department of Science & Technology (DST), Government of India in " a contact programme for young scientists organized by TBGRI, Thiruvananthpuram, Kerala in 2002. She has also designed a unique Personality Development Course for college students. She is a god gifted artist & poetess, and remains actively involved in sketching portraits of National Leaders and famous personalities as well as writing poems on many issues close to her heart.
करवा चौथ का आपका गीत पढ़ कर कुछ मार्ग दर्शन की आकांक्षा है क्योंकि अपने पुराने लिखे गीतो पर फिर से काम कर रहे है ।
आपने अपने इस गीत में वर्ण को आधार बनाया है या मात्रा को
मात्रा के अनुसार है तो क्या गीतो में मात्रा गिरा कर पढ़ा जा सकता है जैसे उर्दू बह्र में छूट है
मात्रा गणना में कितनी छूट स्वीकार्य है
मैं पिया के हृदय में सदा ही रहूँ
2 1 2 2 1 11 2 1 1 2 1 2 ( 21 2 की चार आवृत्ति ) 20 मात्रा
वो ही सागर मेरे, मैं नदी सी बहूँ
2 2 2 1 1 2 2 2 1 2 2 1 2 ( मात्रा गिरा के पढ़ने से लय बन रही है ) 22 मात्रा
आशा है हम अपनी बात रख पाये है
आपका गीत बहुत ही सुन्दर है और प्रासंगिक होने से और भी अच्छा लगा है बधाई
यदि गीतो के बारे में कुछ जानकारी मंच में हो तो उसे बताये पढ़ने के बाद फिर संपर्क करेंगे छंद विधान मे छंद की जानकारी उपलब्ध है किन्तु उससे हमारी शंका का समाधान नहीं हो पा रहा ।
Sushil Sarna
आदरणीया डॉ प्राची सिंह जी आपको जन्मदिन की हार्दिक बधाई एवं शुभकामना .... प्रभु आपके जीवन के हर पल को खुशियों से भरपूर करे।
Oct 15, 2015
Ravi Shukla
आदरणीया प्राची जी नमस्कार
करवा चौथ का आपका गीत पढ़ कर कुछ मार्ग दर्शन की आकांक्षा है क्योंकि अपने पुराने लिखे गीतो पर फिर से काम कर रहे है ।
आपने अपने इस गीत में वर्ण को आधार बनाया है या मात्रा को
मात्रा के अनुसार है तो क्या गीतो में मात्रा गिरा कर पढ़ा जा सकता है जैसे उर्दू बह्र में छूट है
मात्रा गणना में कितनी छूट स्वीकार्य है
मैं पिया के हृदय में सदा ही रहूँ
2 1 2 2 1 11 2 1 1 2 1 2 ( 21 2 की चार आवृत्ति ) 20 मात्रा
वो ही सागर मेरे, मैं नदी सी बहूँ
2 2 2 1 1 2 2 2 1 2 2 1 2 ( मात्रा गिरा के पढ़ने से लय बन रही है ) 22 मात्रा
आशा है हम अपनी बात रख पाये है
आपका गीत बहुत ही सुन्दर है और प्रासंगिक होने से और भी अच्छा लगा है बधाई
यदि गीतो के बारे में कुछ जानकारी मंच में हो तो उसे बताये पढ़ने के बाद फिर संपर्क करेंगे छंद विधान मे छंद की जानकारी उपलब्ध है किन्तु उससे हमारी शंका का समाधान नहीं हो पा रहा ।
Nov 2, 2015
आचार्य शीलक राम
धन्यवाद आदरणीय
Dec 2, 2022