मामा जीती गेया
जीती गेया मेरा मामा ओ लोको
हुण होई जाणी अपणी मौज
छड्ड दिल्लिया असाँ चली जाणा कुल्लू
बणाई लैणी अपणी फौज़
दिन भर करनी मटरगस्ती
कोई कम्म न काज
नौइं नौइं गड्डियाँ चलाणियाँ
लोको असाँ ताँ रोज़
चेल्ले चपाटे अग्गे पिच्छे
खुल्ला सैर सपाटा
टोपू लगाणा नैहरुए आला
बनाणे मज़ेदार पोज़
दीपक 'कुल्लुवी'
20 दसंबर 2012.
PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA
अजी तुसी तो कमाल कित्ता
मामा द माल अपने हत्थ कित्ता
टोपू लगा के करदा मौज
साडे नाल खिंचवा लो जी इक पोज
बधाइयाँ जी सादर
Dec 24, 2012
Deepak Sharma Kuluvi
प्रदीप जी शुक्रिया
Dec 26, 2012