मामा जीती गेया
जीती गेया मेरा मामा ओ लोको
हुण होई जाणी अपणी मौज
छड्ड दिल्लिया असाँ चली जाणा कुल्लू
बणाई लैणी अपणी फौज़
दिन भर करनी मटरगस्ती
कोई कम्म न काज
नौइं नौइं गड्डियाँ चलाणियाँ
लोको असाँ ताँ रोज़
चेल्ले चपाटे अग्गे पिच्छे
खुल्ला सैर सपाटा
टोपू लगाणा नैहरुए आला
बनाणे मज़ेदार पोज़
दीपक 'कुल्लुवी'
20 दसंबर 2012.
Tags:
अजी तुसी तो कमाल कित्ता
मामा द माल अपने हत्थ कित्ता
टोपू लगा के करदा मौज
साडे नाल खिंचवा लो जी इक पोज
बधाइयाँ जी सादर
प्रदीप जी शुक्रिया
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