For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA
Share on Facebook MySpace

PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA's Friends

  • Archana Tripathi
  • harivallabh sharma
  • अनिल कुमार 'अलीन'
  • sandhya singh
  • Santlal Karun
  • Sumit Naithani
  • जितेन्द्र पस्टारिया
  • Sudheer Maurya
  • annapurna bajpai
  • कल्पना रामानी
  • Kedia Chhirag
  • अशोक कत्याल   "अश्क"
  • डा॰ सुरेन्द्र कुमार वर्मा
  • Swatantra Kumar Dixit
  • ASHISH KUMAAR TRIVEDI

PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA's Discussions

तेरा मेरा साथ --एक अधूरा सफर - आदरणीय अलबेला खत्री जी --(साभार -ओ. बी. ओ )
3 Replies

क्या ये सच है ? ऐसा लगता तों नहीं। बहुत बीमार हैं ? अरे नही , ईश्वर जल्द स्वस्थ करे.. ईश्वर से प्रार्थना। हमारे बीच नहीं रहे----------तेरा मेरा साथ --एक अधूरा सफर - आदरणीय अलबेला खत्री जी…Continue

Started this discussion. Last reply by rajesh kumari Apr 25, 2014.

होली मनाएं हम (प्रदीप कुमार सिंह कुशवाहा)
2 Replies

होली मनाएं हम ------------------ हर वर्ष की तरह इस बार भी आपका अंगना होली हेतु तैयार है। घर की साफ़ सफाई , लिपाई -पुताई, हो चुकी है. करीने से सामान सुरक्षित कर दिया गया है. विभिन्न कारणों से घर से…Continue

Started this discussion. Last reply by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA Apr 10, 2014.

 

PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA's Page

Profile Information

Gender
Male
City State
LUCKNOW, UTTAR PRADESH
Native Place
LUCKNOW
Profession
SERVICE

PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA's Photos

  • Add Photos
  • View All

PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA's Blog

भैंस का शाप - (हास्य कविता )

ब्रेकिंग समाचार

भैंस ने दूधिये कों मारी लात

दूध देने से किया इनकार

भ्रस्टाचार अब सहन नही

भैंस संघ का पलट वार

भैंस बोली सुनो ओ दूधिये

भ्रष्टाचार से तेरा गहरा नाता

देती मैं तुझको दूध खालिस

तू जी भर उसमे पानी मिलाता

चकित दूधिया पलट कर बोला

ये तों मेरा जन्म सिद्ध अधिकार

जानो वंशागत तेरी मेरी गति

सुन दूध देना तेरा है संस्कार

खालिस दूध कोई हजम न कर पाए

पी भी गया तों शीघ्र डाक्टर बुलवाए

दूधिया बोला सुन तू काली…

Continue

Posted on May 26, 2016 at 12:00pm — 2 Comments

कायर ( कहानी )

कायर ( कहानी )

-------

रक्त दान -महा दान

--------------------

बढ़ते वजन से परेशान हैं, कैंसर के मरीज को देख -सुन कर भय होता है कि कहीं ये रोग आप को भी न लग जाए. हृदय रोग और हृदय आघात की संभावना कभी भी।

आप इन जोखिमों को कम कर सकते हैं यदि आप १८ से ६५ वर्ष की आयु के स्वस्थ वयस्क हैं। बस आपको करना है नियमित रक्त दान.

४५ कि.ग्राम से अधिक वजन वाले लोग तीन माह के अंतराल पर रक्त दान कर सकते हैं।

स्वेक्षिक रक्त दान से प्राप्त रक्त ही सबसे ज्यादा सुरक्षित रक्त होता है।…

Continue

Posted on August 5, 2015 at 4:54pm — 4 Comments

कविता (हास्य )

कविता  (हास्य)

------------------

तत्व ज्ञान -न रहो अनजान

----------------------------

बीबी संग जब जाय बाजार

हथ बंधन बढ़िया है हथियार

चलो बीच सड़क दायें न बाएं

पिघलो नही लाख वो चिल्लाएं

बीबी के आगे किसकी चलती

बाहों में वो नागिन सी पलती

मियां होशियार अपने को माने

तब घोटाले में भिजवाती थाने

मानो बात तुम देखो गाइड

वहीदा ने जब मारी साइड

देती ज्ञान मेरा नाम जोकर

न रही वो कभी किसी की होकर

मौलिक / अप्रकाशित 

प्रदीप…

Continue

Posted on August 1, 2015 at 9:30pm

दोहे

सूरज बोला रात से, आना नदिया पास।

घूँघट ओढ़े मैं मिलूँ , मिल खेलेंगे रास । ।



गोद निशा रवि आ गया , सोया घुटने मोड़ ।

चन्दा भी अब चल पड़ा , तारा चादर ओढ़ । ।



पीड़ा वो ही जानता , खाए जिसने घाव ।

पाटन दृग रिसत रहे ,कोय न समझा भाव । ।

विरह मिलन दो पाट हैं, जानत हैं सब कोय ।

सबहि खुशी गम सम रहे, दुःख काहे को होय। । 

नदिया धीरे बह रही ; पुरवइया का जोर ।

चाँद ठिठोली कर रहा , चला क्षितिज जिस ओर । ।



बदरा घूँघट…

Continue

Posted on July 23, 2015 at 8:00pm — 4 Comments

Comment Wall (76 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 1:01am on July 15, 2015, Archana Tripathi said…
आदरणीय प्रदीप कुमार कुशवाह जी ,आपकी रचना को महीने की सर्वश्रेष्ठ रचना घोषित होने पर हार्दिक बधाई।
आपने मुझे अपना मित्र बना कर जो गौरव प्रदान किया उसके लिए हार्दिक आभार।
भविष्य में मार्गदर्शन और उत्साहवर्धन हेतु हार्दिक आभार ।
At 2:32pm on May 30, 2014, Sushil Sarna said…

आदरणीय प्रदीप सिंह कुशवाहा जी महीने की सर्वश्रेष्ठ रचना चुने जाने पर आपको हार्दिक हार्दिक बधाई।  आप ऐसे ही शीर्ष को छूते रहें। 

At 3:16pm on May 11, 2014, Dr Ashutosh Mishra said…
आदरणीय प्रदीप जी ..आपकी इस उपलब्धि पर मेरी तरफ से कोटिश बधाई ..सादर
At 8:59pm on May 7, 2014,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…

आदरणीय प्रदीप सिंह कुशवाहा जी,
सादर अभिवादन !
मुझे यह बताते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी रचना "आदमी" को "महीने की सर्वश्रेष्ठ रचना" सम्मान के रूप मे सम्मानित किया गया है, तथा आप की छाया चित्र को ओ बी ओ मुख्य पृष्ठ पर स्थान दिया गया है | इस शानदार उपलब्धि पर बधाई स्वीकार करे |
आपको प्रसस्ति पत्र शीघ्र उपलब्ध करा दिया जायेगा, इस निमित कृपया आप अपना पत्राचार का पता व फ़ोन नंबर admin@openbooksonline.com पर उपलब्ध कराना चाहेंगे | मेल उसी आई डी से भेजे जिससे ओ बी ओ सदस्यता प्राप्त की गई हो |

शुभकामनाओं सहित
आपका
गणेश जी "बागी
संस्थापक सह मुख्य प्रबंधक
ओपन बुक्स ऑनलाइन

At 3:38pm on October 11, 2013, कल्पना रामानी said…

आदरणीय, कुशवाहा जी  हार्दिक स्वागत।

At 1:23pm on October 10, 2013, Sachin Dev said…

आदरणीय प्रदीप जी..... आपके स्नेह और अपनत्व का सदा आभारी और सदा आकांक्षी .... हार्दिक आभार आपका ! 

At 11:12am on October 4, 2013, बृजेश नीरज said…

आदरणीय प्रदीप जी आपका हार्दिक आभार! ये आपके आशीष का ही सुफल है!

सादर!

At 12:44am on September 15, 2013, जितेन्द्र पस्टारिया said…

जन्मदिन की बहुत बहुत बधाई व् शुभकामनायें , आदरणीय प्रदीप जी

सादर!

At 1:58pm on September 12, 2013, annapurna bajpai said…
आदरणीय कुशवाहा जी स्वागत है ।
At 1:17pm on June 10, 2013, Sumit Naithani said…

jawab dair se dene ke liye ...mafi chaunga

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-172

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 172 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
12 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 160

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  …See More
12 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-167
"जितनी भी कोशिश करो, रहता नहीं अखण्ड। रावण  हो  या  राम का, टिकता नहीं…"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-167
"हार्दिक आभार आदरणीय "
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-167
"हार्दिक आभार आदरणीय दिनेश कुमार जी"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-167
"हार्दिक आभार आदरणीय "
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-167
"सारगर्भित मुक्तकों के लिए बधाई प्रेषित है आदरणीय..सादर"
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-167
"आदरणीय दिनेशकुमार विश्वकर्मा जी, प्रोत्साहन के लिए हार्दिक आभार।"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-167
"आदरणीया, प्रतिभा पाण्हे जी,बहुत सरल, सार-गर्भित कुण्डलिया छंद हुआ, बधाई, आपको"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-167
"आप, भगवान के बिकने के पीछे आशय स्पष्ट करें तो कोई विकल्प सुझाया जाय, बंधु"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-167
"आपके जानकारी के किए, पँचकल से विषम चरण प्रारम्भ होता है, प्रमाणः सुनि भुसुंडि के वचन सुभ देख राम पद…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-167
"आपके जानकारी के किए, पँचकल से विषम चरण प्रारम्भ होता है, प्रमाणः सुनि भुसुंडि के वचन सुभ देख राम पद…"
yesterday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service