आदरणीय वरिष्ठ जन,सादर नमस्कार, मुझे शिकायत नहीं हैरानी है कि रचनाओं को जितने पाठक मिल रहे है उसकी तुलना में आधी मात्रा में भी प्रतिक्रिया नहीं मिलती।जबकि इस ग्रुप में काफ़ी सदस्य है । तो थोड़ी हताशा होती है । यूं लगता है जैसे लिखना व्यर्थ गया । सादर ।
आ० राहिला जी, हालाकि आपकी शिकायत /हैरानी वाजिब है, किन्तु प्रतिक्रिया न मिल पाने की वजह से निराश मत होइए I जुड़े रहिये और स्तरीय साहित्य सृजन करते रहिए, केवल प्रतिक्रिया पाने के लिए ही न लिखें I मुझे विश्वास है कि आपकी रचनाएँ पाठकों का ध्यान अवश्य आकृष्ट करेंगी I वैसे आप स्वयं एक जागरूक पाठक की भूमिका निभाएं और साथियों की रचनायों पर टिप्पणियाँ दें I
(नोट: ओबीओ कोई ग्रुप नहीं है, एक निरोल साहित्यिक वेबसाईट है I)
मेरे ख़्याल से आदरणीया राहिला जी यहाँ फेसबुक जैसी टिप्पणियाँ या प्रतिक्रिया नहीं हुआ करतीं । यहाँ उच्च स्तर के पाठकगण मिलना ही रचना व रचनाकार के लिए प्रतिष्ठा की बात है। समय मिलने पर टिप्पणियाँ व समीक्षात्मक टिप्पणी भी की जाती हैं, धीरज रखना होता है ! सादर
प्रधान संपादक
योगराज प्रभाकर
आ० राहिला जी, हालाकि आपकी शिकायत /हैरानी वाजिब है, किन्तु प्रतिक्रिया न मिल पाने की वजह से निराश मत होइए I जुड़े रहिये और स्तरीय साहित्य सृजन करते रहिए, केवल प्रतिक्रिया पाने के लिए ही न लिखें I मुझे विश्वास है कि आपकी रचनाएँ पाठकों का ध्यान अवश्य आकृष्ट करेंगी I वैसे आप स्वयं एक जागरूक पाठक की भूमिका निभाएं और साथियों की रचनायों पर टिप्पणियाँ दें I
(नोट: ओबीओ कोई ग्रुप नहीं है, एक निरोल साहित्यिक वेबसाईट है I)
Nov 10, 2015
Sheikh Shahzad Usmani
Nov 10, 2015