बाल साहित्य

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आधा चाँद

माँ एक चाँद ला दो
आधा ही सही पर ला दो
चाँद के संग मैं खेलूंगा
गेंद बनाकर इसे खेलूंगा
अपने हाथो में इसे पकडूँगा
आसमान से यह बुलाता हैं
मेरे दिल को यह भाता है
माँ, यह चाँद मुझको ला दो
आधा ही सही पर ला दो |

आसमान में रहने वाला
तुझको यह लुभाने वाला
बेटा यह चाँद कैसे ला दूँ
आसमान से कैसे ला दूँ
मेरी बात मान जा बेटे
न कर इसकी ज़िद अब तू
देख यह रोटी को देख ले
चाँद सी इस रोटी को देख ले
अपना पेट यही भरेगी
रोटी तेरी चाँद बनेगी |

रात का चाँद आसमान में
मेरा चाँद मेरे घर में
राजा बेटा चाँद है तू
मेरी आँखों का तारा है तू
देख रात हो रही
अब सो जा ,
सपनो में तेरे खो जा
चाँद तेरा तुझको मिलेगा
आधा ही सही पर जरूर मिलेगा |


मौलिक एवं अप्रकाशित

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    Shyam Narain Verma

    लाजवाब प्रस्तुति के लिये बहुत बहुत बधाई स्वीकारेँ 

    सादर

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