सुझाव एवं शिकायत

Open Books से सम्बंधित किसी प्रकार का सुझाव या शिकायत यहाँ लिख सकते है , आप के सुझाव और शिकायत पर Team Admin जरूर विचार करेगी .....

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  • सदस्य टीम प्रबंधन

    Saurabh Pandey

     

    क्षेपक के तौर पर, नेपथ्य की ओट में, प्रश्न-प्रतिप्रश्न की ऊहापोह न हो, तो हर्ज़ ही क्या है. 

    हम, अरुण अभिनव भाईजी,  रहें न रहें,  कुछ रुकता भी है क्या ? कभी कुछ रुका है ? नहीं.

    आपने अवश्य कहा था.. . और मैं निर्विकार-सा दीखा था, है न !

    सुप्रसिद्ध साहित्यकार डा. जगदीश चंद्र माथुर के ’कोणार्क’ से एक वाक्य उद्धृत है -  देव, झुरमुट की ओट में चहचहाने वाले पक्षियों के स्वर में सर्वदा हर्षगान ही नहीं होता.. .

      :-)))).. .

  • वीनस केसरी

    जहाँ तक मुझे याद है ३ अप्रैल को दूसरा साल पूरा हो रहा है


  • वीनस केसरी

    मेरी व्यग्तिगत सोच है कि यदि कार्क्रम हो तो दिल्ली में हो क्योकि वह अधिक उचित स्थान है

  • Admin

    ओ बी ओ का स्थापना दिवस १ अप्रैल-2010 है |

  • वीनस केसरी

    शुक्रिया
    मुझे ३ अप्रैल ही याद था ...

    १ अप्रैल में तो एक प्लस प्वाईंट है कि इस बार १ अप्रैल को रविवार है

  • Abhinav Arun

    venus ji Allahabad Hindi Sahity ka gadh raga hai.aur hamen abhi shuruaat karni hai.adhiktar sathi u.p.bihar se hain ye baat bhi hai.Shri Saurabh ji ek patthar tabiyat se uchhaalne ka doshi yadi main hoon to sweekar hai :-) age nirnay bahumat se ho..
  • वीनस केसरी

    प्रबंधन समिति जो उचित समझेगी निर्णय लेगी

    मैं तो ये जानता हूँ कि कार्यक्रम धमाल होना चाहिए :)))

  • Abhinav Arun

    Vinas ji Sanad ki drishti se hi sahi Navonmesh ke ayojan ki rapat blog roop me apekshit thi.ek record ho jata hai. shri Saurabh ji ne jane is dafe kalam kyon nahi uthai :(
  • वीनस केसरी

    अरुण जी
    विवरण तो मैंने दे दिया था मगर वो थोडा व्यस्त हो गये थे फिर कई दिन बीत गये
    वैसे सनद के लिए फोटो उपलब्ध हैं

  • Abhinav Arun

    Thanks & Welcome Shri Venus Ji !

  • सदस्य टीम प्रबंधन

    Saurabh Pandey

    बहुत खूब !  अच्छी ग्रुप-फोटो है भाई अरुण अभिनव जी और वीनस जी.

    वैसे, यह चित्र तो इस मंच पर पहले ही अपलोड हो चुका है.  है न !

    ये ’वो’ कौन हैं ? ... . और यह तो बढिया चैटिंग सा हो रहा है.  खैर, संतुष्ट हैं सभी, तो सब सही है.

  • AVINASH S BAGDE

    आदरणीय एडमिन  जी,

    मेरे मुफ्त से निशुल्क करने के अनुरोध को आपने मान्य  किया और अमल में लाया इस हेतु
    ह्रदय से आभार.साथ ही उन सभी सदस्यों (खास कर आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी) का मै शुक्रगुजार हूँ जिन्होंने प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप से मेरे सुझाव का समर्थन किया.
    पुन्ह्श्च ,आभार एडमिन.
    अविनाश बागडे.

  • मुख्य प्रबंधक

    Er. Ganesh Jee "Bagi"

    साथियों ! सुझाव एवं शिकायत समूह में फोटो लगाने का कोई तुक नहीं है, इस तरह हम इस समूह के उद्देश्यों को कही न कही अनदेखी कर रहे है , ठीक उसी प्रकार जैसे काजल आँख की जगह गाल पर लग जाए तो लोग उसे काजल न कह कर कालिख कहते है


  • प्रधान संपादक

    योगराज प्रभाकर

    आदरणीय सौरभ भाई जी, अगर सच कहूँ तो जब भी इस तरह के स्टेजी "सम्मलेन" वगैरा आयोजित करने की बात होती है, तो मैं ज्यादा उत्साहित नहीं होता बल्कि अन्दर तक डर सा जाता हूँ. मेरा जाती तजुर्बा है कि अमूमन ऐसे आयोजनों के बाद साथियों की तादाद बढ़ती नहीं बल्कि घटती ही है - १२ भाई १३ चूल्हे ही होते देखे हैं मैंने तो ऐसे आयोजनों के बाद.

    .

    अमूमन ऐसे आयोजन मात्र मठाधीशी चमकाने के प्लेटफार्म बन कर रह जाते हैं. आयोजन के दौरान चुनिंदा व्यक्तिओं को तरजीह देना, कुछेक चुनिंदा व्यक्तियों की निशानदेही कर उनको इग्नोर करना, पढवाने के क्रम में जानबूझ कर उलटफेर कर देना. शक्ल देख कर दाद देना, प्रोग्राम की रिपोर्टिंग के वक़्त कुछेक के नाम जानबूझ कर गायब कर देना, रिपोर्ट में नाम गलत दे देना ("चतुर्वेदी" को "चतुरवेदी", "पाण्डेय" को "पंडे", और  योगराज को "जुगराज" कर देने के बहुत से उदहारण हैं मेरे पास) फोटो सेशन में जानबूझ कर कुछेक को महत्व देना और कुछेक की उपेक्षा कर देना - क्या क्या नहीं देखा मैंने पिछले तीन दशकों में.          
    ..
    अभी यहाँ माननीय साथियों द्वारा ओबीओ स्थापना दिवस पर एक भव्य कार्यक्रम करने की बात भी कही है, उस से ओबीओ के प्रधान संपादक होने के नाते बेशक मुझे बेहद ख़ुशी हुई लेकिन जिस डर का ज़िक्र मैंने ऊपर किया वो डर अब भी कहीं न कहीं मेरे अन्दर मौजूद ही है. अगर ऐसा कोई प्रोग्राम तय होता है तो मेरी जाती ख्वाहिश ये है कि आयोजन स्टेज की गुलामी से दूर मेरे घर के लान में या किसी भी शहर के किसी हरे भरे पार्क में दरी बिछा कर बिलकुल खुले और अजादाना माहौल में हो. वहाँ भी अपनी अपनी साहित्यक भडास निकालने की बजाये ज्यादा वक़्त आपसी संवाद, घर परिवार समाज की चर्चा सहित ओबीओ की बेहतरी के उपायों पर ज्यादा वार्ता हो. मेरा मानना है जो भव्यता सादगी और अपनेपन में होती है वो किसी भी अन्य तामझाम में नहीं हो सकती. और हम सब को ये भी याद रखना चाहिए की ओबीओ मात्र एक वेबसाईट या साहित्यक मंच ही नहीं बल्कि एक परिवार है, और हमें उस हरेक रास्ते से दूर रहना होगा जहाँ जो इस परिवार के बिखर जाने का रत्ती भर भी अंदेशा हो.  सादर.          

  • वीनस केसरी

    गणेश जी फोटो हटा दी है
    सादर

  • Abhinav Arun

    आदरणीय संपादक महोदय , आप सब जो भी सोचेंगे वह ओ बी ओ की बेहतरी के लिए ही होगा | मैं भी आप श्री के विचारों से सहमति जताता हूँ |

    सादर

    अभिनव अरुण

  • Abhinav Arun

    आदरणीय श्री सौरभ जी यदि इस स्थान पर कोई एक मशविरा देगा तो उस पर आपसी चर्चा तो होगी ही न इसे चैटिंग कहना ..? ..और यदि ऐसा है तो यहाँ सिर्फ एक बार सुझाव देकर उसपर जवाब का लिंक भी सिर्फ एडमिन और प्रबंधन वर्ग के पास होना चाहिए | हम सब लिखने पढने वाले हैं एक दूसरे की भावनाओं को भी देखना होगा कि नहीं ?... खतरे कई हैं राजा और प्रजा में ज्यादा भेद दूरियाँ ही देता है | मिठास बनी रहे बस ! मैंने तो बस वीनस जी को एक रपट लिख देने को कहा था हाँ यह ज़रूर है कि इसके लिए उन्हें व्यक्तिगत सन्देश देना उचित होता | लेकिन यदि व्यक्तिगत सुझाव में भी बात सार्वजानिक हो तो ग़लत क्या ? ११ लोग १३ चूल्हे का डर तो रहता है | वैसे इस कविताई -साहित्य और मीडिया में मेरा भी करीब बीस वर्षों का अनुभव सब अच्छा ही नहीं रहा है | हम रास्ते पर निकलेंगे तो गर्द गुबार का डर तो होता है ये स्वीकार है |

  • Abhinav Arun

    इलाहाबाद में मिलने की दृष्टि से ही सुझाव दिया था उसे सादर - सखेद वापस लेता हूँ !! यह मंच दिन दूना - चौगुना उन्नति करे यही कामना है !!


  • सदस्य टीम प्रबंधन

    Saurabh Pandey

    आप सही हैं , अभिनव जी.  हाँ, यह अवश्य है, सभी रचनाधर्मी हैं, सो भावुकता हावी हो जाती है. किन्तु आप कैसे मान लेते हैं कि आपके प्रति या आपसे विलग बात हो रही है/ या हो सकती है ? मैं आपकी संवेदना को हार्दिक सम्मान देता हूँ. यह तो आप भी जानते हैं !

    अभिनवजी, आप कोई शब्द वापस न लें.  भाई साहब, आपने एक सुझाव रखा है और उस सुझाव के मद्देनज़र देख रहा हूँ, आदरणीय योगराजभेजी ने सप्रसंग और सटीक ढंग से अपनी बात कही है.  आप स्वयं अनुभवी हैं,  तथ्यों को सहेज लिया करें.

     

  • वीनस केसरी

    अरुण जी खेद व्यक्त न करें
    मैंने  महसूस किया है कि आपका हर सुझाव ओ बी ओ की बेहतरी के लिए होता है
    और मंच दिन दूना - चौगुना उन्नति कर रहा है इसमें आपका अपूर्व योगदान है
    रिपोर्ट के लिए सौरभ जी ने मुझे आश्वस्त किया था कि वो लिखेंगे मगर फिर व्यस्तताओं में घिर गये, तो न लिख सके
    यह तो मैंने भी महसूस किया है कि भौतिक मिलन से स्नेह बढ़ता है मगर कुछ नकारात्मक प्रवित्तियों के चलते दिक्कतों का सामना भी करना पड़ता है

    खैर
    ओ बी ओ का दो वर्ष पूरा हो रहा है तो इस दिन को अन्य तरीकों से भी विशेष बनाया जा सकता है
    एक  बड़ा सम्मलेन करवाने की भी अपनी दिक्कतें हैं
    अन्य सुझाव में एक तो यह है कि हर क्षेत्र के लोग छोटी छोटी ओबीओ गोष्ठी का आयोजन करें और मिलें
    जैसे बनारस, पटना, सीतापुर, दिल्ली, इलाहाबाद आदि... आदि... आदि... और जिसे जो जगह पास लगे वो वहाँ सम्मिलित हो जाये
    प्रबंधन समिति से निवेदन है कि इस सुझाव पर भी विचार करके देखें


  • सदस्य टीम प्रबंधन

    Saurabh Pandey

    आदरणीय योगराज भाईसाहब, आपने कितनी-कितनी बातें कितने अपनत्त्व और कितनी सहजता से कह डालीं !  जो फूल आज खिलता है, अक्सर उसे गुमान हो जाता है कि सौंदर्य का पर्यायवाची यदि कहीं कोई है तो बस वही है.  जबकि पेड़ जानता है कि सदियों-सदियों से फूल ऐसे ही खिलते रहे हैं और उनके सौंदर्य पर प्रकृति मुग्ध होती रही है.

    दृष्टि बनी रहे, कि निर्विघ्न उड़ान में विघ्न न हो.  दृष्टि बनी रहे, कि उड़ान उच्छृंखल हो कर पीड़क या फिर आत्मघाती न हो जाय.

    सादर


  • सदस्य टीम प्रबंधन

    Saurabh Pandey

    वीनसजी, मैंने आपको आश्वस्त किया था कि मैं रिपोर्ट भेजूँगा. 

    लेकिन मेरा आपको मेल,  जिसमें मैंने उक्त आयोजन में उपस्थित रचनाकारों द्वारा पढ़ी गयी रचनाओं की प्रतिनिधि-पंक्तियाँ माँगी थीं, आज तक अनुत्तरित है. राणा भाई ने भी उक्त आयोजन के ठीक दूसरे दिन कहा था कि वो आपको इसके प्रति अगाह कर देंगे.  जो पन्ने आपने मुझे उपलब्ध कराये थे, उसमें पाँच-छः कवियों के ही नाम और उनकी प्रतिनिधि-पंक्तियाँ थीं जो उस आयोजन को पूरी तरह से कवर कर पाने के लिहाज से अनुपयुक्त थीं. मालूम हुआ,  वही कुछ लिखा हुआ पेपरवालों को उपलब्ध कराया गया था.  उस लिखे में शायद मैं भी नहीं था.

    और, मैं ऐसा व्यस्त तो नहीं था कि समय पर इन-पुट्स उपलब्ध होने की दशा में मैं आयोजन का रिपोर्ट न प्रस्तुत न कर पाता.

    खैर,  हम आगे बढ़ें. निश्चिंत हो कर आगे बढ़ें. सर्व-समाही ढंग से आगे बढ़ें. 


  • प्रधान संपादक

    योगराज प्रभाकर

    अरुण पाण्डेय भाई जी, प्लीज़ - मैंने बिलकुल सहज स्वभाव बात की थी न कि इलाहाबाद शहर में ओबीओ मिलन को नाकारा था. पटिआला हो, पटना हो, बलिया हो, सीतापुर हो, दिल्ली हो या इलाहाबाद या कहीं और मेरे लिए सब सामान हैं. बस बेवजह के तामझाम न होकर परिवार मिलन की तरह का आयोजन हो तो आनंद आ जाये.

  • Abhinav Arun

     

    आदरणीय श्री योगराज जी एवं श्री सौरभ जी आप लोगों ने सही कहा अति उत्साह से नहीं हर कदम सोच समझ कर ही उठाया जाना चाहिए |

    आदरणीय श्री सौरभ जी आपके इन स्वरों मेरा भी स्वर शामिल मान लिया जाए ...

    "दृष्टि बनी रहे, कि निर्विघ्न उड़ान में विघ्न न हो.  दृष्टि बनी रहे, कि उड़ान उच्छृंखल हो कर पीड़क या फिर आत्मघाती न हो जाय |"

    साधु साधु !!

  • Abhinav Arun

    सुझाव और शिकायत की सेंचुरी मुबारक हो !!

  • वीनस केसरी

    दो सुझाव :

    अब जब ओ बी ओ  का अपना एक लोगो है (जो कि बहुत प्यारा है)
    तो एक विजेट xtml तैयार कीजिये जिसे लोग अपने ब्लॉग आदि पर लगा सकें
    जिसमें केवल ओ बी ओ लोगो रहे और उस पर क्लिक से ओ बी ओ होम पेज खुले

    और ओ बी ओ लोगो को डाउनलोड करने की सुविधा प्रदान करें व उसका लिंक होम पेज में नीचे कहीं दे दीजिए (डाउनलोड के लिए लोगो का साईज खूब बड़ा रखिये जिससे कि फ्लेक्स/बैनर आदि बनवाने पर यूज किया जाये तो पिक्सलस साफ़ रहे   )

  • वीनस केसरी

    फेसबुक के ओ बी ओ पेज और प्रोफाईल पर भी यह लोगो होना चाहिए


  • सदस्य टीम प्रबंधन

    Rana Pratap Singh

    ओ बी ओ के बायीं तरफ के साइड बार में ओ बी ओ बैज है| वह बखूबी अपने अपने ब्लॉग पर लगाया जा सकता है ...जैसा कि मेरे ब्लॉग पर भी लगा हुआ है|

  • वीनस केसरी

    इस बैज में लोगो बहुत छोटा है

    खैर कोंई बात नहीं मैं अपना बैज खुद बना लूँगा :)

  • वीनस केसरी

    राणा जी,
    लोगो मुझे अब तक दो कलर का दिख चुका है
    या एक ही कलर  को चुनिए या इसे और भी अलग अलग कलर में उपलब्ध करवाईये

  • वीनस केसरी

    मैंने मनचाहा विजेट बना कर अपने 'ब्लॉगर' ब्लॉग पर लगा लिया :)))


  • सदस्य टीम प्रबंधन

    Saurabh Pandey

    वीनसजी,  लोगो तीन रंगों में हैं, तीनों में नीले रंग वाला लोगो ज्यादा अपीलिंग लग रहा है.

     


  • मुख्य प्रबंधक

    Er. Ganesh Jee "Bagi"

    प्रिय वीनस केशरी जी, आपके सुझाव के अनुसार ओ बी ओ लोगो कुल तीन रंगों में और बड़े आकार में डाउनलोड करने की सुविधा तथा एक लोगो ओ बी ओ लिंक के साथ html कोड में उपलब्ध करा दिया गया है जिसको Tab लिस्ट से OBO logo को क्लिक कर देखा जा सकता है,सुविधा हेतु लिंक यहाँ भी दे रहा हूँ |

    http://www.openbooksonline.com/page/obo-logo

  • वीनस केसरी

    गणेश जी धन्यवाद

  • वीनस केसरी

    एक सुझाव -

    आज मैं हिंदी छ्न्द विधान ग्रुप को पढ़ने गया मगर देखा कि वहाँ केवल तीन पोस्ट है

    प्रबंधन समिति से निवेदन है कि वो ओ बी ओ के सदस्यों में से जिनको छंद की अच्छी जानकारी है उनसे साझा करने का निवेदन करें

    कम से कम उन छंदों की मूलभूत जानकारी तो यहाँ होनी ही चाहिए जिन पर लोग आयोजन में रचनाएँ भेजते हैं

    या फिर प्रबंधन समिति द्वारा भी नेट से उचित 'मैटर' उपलब्ध करवाया जा सकता है


  • सदस्य टीम प्रबंधन

    Saurabh Pandey

    भाई वीनसजी, इस विषय पर गणेशबाग़ीजी से बात हो चुकी है. इस पर काम शुरू हुआ भी है. कुछ विद्वानों के लिये फिलहाल समयाभाव बना है. बस.

    वैसे भी ओबीओ के उन आयोजनों में जहाँ मात्र छंदबद्ध रचनाओं के लिये आग्रह होता है, वहाँ रचनाओं पर प्रतिक्रियाओं और टिप्पणियों के क्रम में जानकार सदस्यों द्वारा छंदों से सम्बन्धित बहुत कुछ कहा-सुना जाता है जो किसी पाठ से कम नहीं होता.  यह इण्टरऐक्टिव आयोजनों का महती लाभ है.

    आपकी सलाह समीचीन है और इस हेतु प्रबन्धन समिति के पटल पर मैं भी अनुरोध संसुस्त करता हूँ.

    सधन्यवाद.


  • मुख्य प्रबंधक

    Er. Ganesh Jee "Bagi"

    वीनस जी, जैसा कि आप भली भाति परिचित है कि ओ बी ओ पर सभी लोग स्वेक्षा और सेवा भाव से अपनी सेवायें देते है, समय उपलब्धता के आधार पर गुणी जन "हिंदी छंद विधान" समूह को समृद्ध करते रहेंगे | नेट से कॉपी पेस्ट में हम लोग विश्वास नहीं करते, यदि यही करना होगा तो सदस्य गण स्वयम गूगल बाबा कि सेवा ले लेंगे, हम लोग क्यों विचौलियाँ बने |  

  • वीनस केसरी

    किसी मुक्त कोष (जैसे "विकीपीडिया आदि) से साभार कोंई लेख प्रस्तुत करना कोंई गलत बात नहीं है
    मूलभूत जानकारी मुहैया करवाई जा सकती है
    बाकी आप जैसा उचित समझें ...

    वैसे बहुत से छ्न्द की जानकारी वहाँ भी शायद ही मिले,

    जैसे - छन्न पकईया :)))

  • AVINASH S BAGDE

  • AVINASH S BAGDE

    आदरणीय एडमिन 

    कृपया मेरे द्वारा अभी-अभी सुझाये गए फोटो को 'चित्रे से काव्य प्रतियोगिता  ' में शामिल करने का विचार करें.
    धन्यवाद...
  • AVINASH S BAGDE

    On the way to school......Hatts of this students...They Overcome the Dangerous Path only for education........God Bless u ........
     
  • PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA

    adarniya mahodaya ji, mere profile par hindi main type karen kaam nahi kar raha hai.


  • मुख्य प्रबंधक

    Er. Ganesh Jee "Bagi"

    आदरणीय प्रदीप जी , कुछ तकनिकी कारणों से मुख्य पृष्ठ पर दिया गया हिंदी लेखन बॉक्स काम नहीं कर रहा है, फिलहाल हिंदी लेखन हेतु एक लिंक वहां दे दिया गया है, आप उसका प्रयोग कर सकते है |

  • विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी

    आदरणीय योगराज सर जी सादर नमन!
    मैंने आपके द्वारा प्रेषित संदेश को पढ़ने से पूर्व बिना किसी सुधार के उसी गजल को पुन: पोस्ट कर दिया,वह इसलिए क्योंकि मैंने देखा कि मेरी पूर्व पोस्ट नहीं है,जोकि मेरी भूल है।
    आपसे सादर निवेदन है कि अनुज की गलतियों को क्षमा करते हुये एकबार पुन: मेरे पोस्ट को हटाने की कृपा करें।

    आपका अनुज
    विन्ध्येशेवरी प्रसाद त्रिपाठी
  • CA (Dr.)SHAILENDRA SINGH 'MRIDU'

    एक निवेदन मै ओ बी ओ टीम और सदस्यों करना चाहता हूँ कि कोई भी रचनाकार चाहे वह ब्लॉग पोस्ट कर रहा हो या किसी प्रतियोगिता में भाग लेने हेतु अपनी रचना प्रेषित कर रहा हो,  रचना के साथ साथ यदि छंद या गजल जिस नियम के अंतर्गत लिखी गयी है , को भी साझा कर दें तो मेरी समझ में यह एक बढ़िया पहल होगी, इससे एक तो यह फायदा रहेगा कि अगर कोई नवोदित सीखना चाहे या उस पर प्रतिक्रिया देना चाहे तो आसानी से कर सकता है.इस तरह से छन्दों और गजल विधा के बारे में सभी का आसानी से ज्ञानवर्धन होगा.

                                                                     सादर


  • मुख्य प्रबंधक

    Er. Ganesh Jee "Bagi"

    प्रिय शैलेन्द्र जी, मैं आपसे पूर्णतया सहमत हूँ , रचनाकार यदि विधा का नाम व् गज़लकार बहर की तकतई लिख दें तो नवांकुरों के लिए बहुत ही सुविधाजनक हो जाए |

  • CA (Dr.)SHAILENDRA SINGH 'MRIDU'

    बागी सर आपको मेरा निवेदन सही लगा इसके लिए  आपको कोटि-कोटि धन्यवाद ,

    चूँकि यह निवेदन मैंने किया तो इसका अनुपालन भी मुझे करना चाहिए इस हेतु अपनी ब्लॉग पोस्ट नियम सहित पोस्ट कर रहा हूँ . आप लोगों के आशीर्वाद की आवश्यकता है.

    सादर

  • वीनस केसरी

    मृदु जी से सहमत हूँ

  • CA (Dr.)SHAILENDRA SINGH 'MRIDU'

    बहुत बहुत धन्यवाद वीनस  सर


  • सदस्य टीम प्रबंधन

    Saurabh Pandey

    भाई शैलेन्द्र ’मृदु’ जी के इस निवेदन में हम सभी अपना स्वर निहित हुआ देख पा रहे हैं.

    इस मंच पर तरही मुशायरे का आयोजन हो या भारतीय छंदों पर आधारित ’चित्र से काव्य तक’ का आयोजन, जहाँ एक में बह्र का नाम और बह्र के वज़्न को साझा करने की मांग रही है तो दूसरे में छंद का नम और उसकी मात्रिक/वार्णिक विधा की जानकारी साझा करने की आवश्यकता बनी रहती है. इस हेतु निवेदन भी किये जाते रहे हैं. आज शलेन्द्र भाई ’मृदु’ का सुझाव बड़ा समीचीन बन पड़ा है.