Deepak Sharma Kuluvi

Male

KULLU & DELHI

India

Profile Information:

Gender
Male
City State
DELHI
Native Place
SHAMSHI KULLU HIMACHAL PRADESH
Profession
SERVICE
About me
I AM A WRITER & HAS WRITTEN MORE THAN 5000 ARTICLE IN DIFFERENT LANGUAGE.(22 BOOKS)

Comment Wall:

  • Admin

  • PREETAM TIWARY(PREET)

  • Admin

    आदरणीय दीपक शर्मा जी,
    प्रणाम,
    निवेदन है कि पंजाबी रचनाओं को "पंजाबी साहित्य" ग्रुप मे पोस्ट करे, सुविधा हेतु लिंक नीचे दे रहा हूँ, धन्यवाद,
    http://www.openbooksonline.com/group/Punjabi_sahitya

  • मुख्य प्रबंधक

    Er. Ganesh Jee "Bagi"

  • Admin

  • Jogendra Singh जोगेन्द्र सिंह

    .

    @► दीपक जी , मित्र के रूप में आपका स्वागत है ...

    .
  • Rash Bihari Ravi

    sir ji us kavita ki aapke liye hindi anubad
    बाबूजी रहती ता का कहती , ( बाबूजी (पापा ) रहते तो क्या कहते )
    इ सवाल हमारा मन में बार बार आवत बा , ( ये सवाल मेरे मन में बार बार आती हैं )
    बात ओ बेर के हा जब हम पढ़त रहनी , ( बात उस समय की हैं जब मैं पढ़ रहा था )
    स्कुल छोर के खुबे सिनेमा देखत रहनी ,( स्कुल न जाकर सिनेमा बहुत देखता था )
    केहू कहलस तू केकरा से कम बार ,( कोई बोला तुम किस्से कम हो )
    कोसिस करब ता एक्टर बन जइबा,( कोशिश करोगे तो एक्टर बन जाओगे )
    अभी इहा केहू नइखे पूछत ,( अभी यहा कोई नहीं पूछ रहा हैं )
    बाद में खूब पूछाइबा , (आगे बहुत लोग चाहेंगे )
    हमहू आव देखनी न ताव,( मैं भी बिना सोचे )
    बोर्ड के परीक्षा डेल्ही रहनी ,( बोर्ड के परीक्षा दिए थे )
    ध लेनी मुंबई के राह, ( मुंबई चल दिए )
    उहा भीर में भुला गईनी, (वह भीर में गुम हो गए)
    जे गाँव में हीरो लागत रहे ,( जो गाँव का हीरो था )
    खुद के एक दम बेचारा पाईनी ,( खुद को बेचारा पाया )
    अब हमर हालत हो गइल रहे ,(अब मेरी हालत हो गई थी )
    साप छुछुंदर वाला , (साप छुछुंदर वाला )
    अब ना गाँव जा सकेनी ,( अब नहीं जा सकता था )
    ना एक्टर बननी पढाई बिच में लटक गइल ,(एक्टर नहीं बन पाया पढाई बिच में रुक गई )
    बाबूजी कहे लगनी हमर बेटा बिगर गइल , ( बाबु जी कहने लगे मेरा बेटा बिगर गया )
    केहू उहा के सुझाव देहलस बिआह करा द , ( किसी ने उनसे कहा सदी करा दो )
    और हम सांसारिक बंधन में बाधा गईनी , और मैं सांसारिक बंधन में बंध गया )
    हमारा अन्दर के एक्टर कसमसाये लागल , ( मेरे अंदर का एक्टर कसमसाने लगा )
    एगो डायरेक्टर हम पर नजर परल , (एक डायरेक्टर मुझे देखा )
    उनकर फिलिम में एगो करेक्टर रहल ,(उनके फिल्म में एक करेक्टर था )
    हम आइल रहनी हीरो या भिलेन बने ,( मैं आया था हीरो या भइलें बनने)
    उ हमारा के हीरो के बाप बना देले , (ओ मुझे हीरो का बाप बना दिया )
    हमारा सपना के साकार बना देले ( मेरे सपना को साकार कर दिया )
    अब इहे सोचत बानी बाबु जी रहती ता का कहती ,( अब मैं यही सोचता हु बाबूजी रहते तो क्या कहते )
  • Jogendra Singh जोगेन्द्र सिंह

    .
    दीपक जी ... !!
    मेरे लिए भी यह उतनी ही खुशी की बात है ...
    जोगेन्द्र ... !!
    .
  • Julie


    हमे अपनी दोस्ती से नवाजने का बहुत बहुत शुक्रिया 'दीपक जी'...!! -जूली :-)
  • asha pandey ojha

    namste Deepak ji aapka swagat w aapka aabhar .. shubh sandhya
  • Admin

    आपका तरही मुशायरे के लिये भेजा गया पोस्ट जो नीचे लिखा हुआ है उसे मुशायरा मे पोस्ट कर दिया गया है जिसे आप नीचे के लिंक पर देख सकते है ....
    http://openbooksonline.com/forum/topics/obo-2?id=5170231%3ATopic%3A...

    उन्ही के कदमों में जा गिरा ज़माना है
    इश्क़-ओ-मुहब्बत का जिनके पास ख़ज़ाना है
    वफ़ा की सूली पे जो हँसता हुआ चढ़ जाए
    नाम-ए-बेवफ़ाई से बिल्कुल जो अंजाना है
    ईद और दीवाली में जो फ़र्क़ नहीं करता
    अल्ला और राम को एक जिसने माना है
    आसां नहीं है जीना ऐसे जनू वालों का
    शॅमा की मुहब्बत में हँसकर जल जाते परवाने हैं
    'दीपक कुल्लवी उन सबको करता है सलाम
    इंसानियत का बोझ जो हंसकर उठाते हैं
  • PREETAM TIWARY(PREET)

  • Admin

    इन्त्जारोपरांत आपकी दो रचना जो दीपावली आधारित थी "OBO लाइव महा इवेंट" अंक १ मे प्रबंधन स्तर से कर दी गई है आप उसे नीचे दिये लिंक पर देख सकते है |
    http://www.openbooksonline.com/forum/topics/obo-1/showLastReply
  • Team Admin

    दीपक जी

    इस वेबसाइट(ओपन बुक्स ऑनलाइन) पर दुसरे वेबसाइट का लिंक देना मन है...त्वरित कार्यवाई के साथ लिंक हटा दी गयी है....

    विशेष जानकारी के लिए ओपन बुक्स ऑनलाइन की प्रकाशन सम्बन्धी नियमावली का लिंक निचे दे रहा हूँ...एक बार देख लेंगे....
    आशा है आप सहयोग करेंगे....
    आपका
    ADMIN
    OPEN BOOKS ONLINE


  • मुख्य प्रबंधक

    Er. Ganesh Jee "Bagi"

  • Azeez Belgaumi

    दीपक  जी .... आदाब  .... शुक्रिया  के  आप  ने  मेरे  दर्द  को  महसूस  किया ...

    अज़ीज़ बेलगामी
    09900222551

  • R N Tiwari

    धन्यवाद ! 
  • Neelam Upadhyaya

    Ji bahut-bahut dhanyawaad
  • Ananda Shresta

    Thank You for being with me .दोस्ति बढाने के लिए हार्दिक धन्यबाद् ।

     

  • Shanno Aggarwal

    आपका बहुत धन्यबाद, दीपक जी.
  • PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA

    aadarniya mahoday, sadar abhivadan. aapne mujhe mitr banaya , abhar. 

  • PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA

    aadarniy dipak ji, sadar abhivadan.

    aapka sneh mila , utsah badha. aap jaisi mahan hasti ka ashirvachan mere liye anmol hai. aap koyle ko hira kah rahe hain. aap jaise surya ki roshni se prakashit hone ka prayas karunga. abhar.

  • MAHIMA SHREE

    आपकी आभारी हूँ कुलवी जी , धन्यवाद

  • अरुण कान्त शुक्ला

    धन्यवाद कुल्लवी जी .

  • SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR

    आदरणीय दीपक 'कुल्लवी' जी अभिवादन और स्वागत है आप का मित्र बनने पर ....आप के पिता श्री विद्रोही जी को भी मेरा नमन .

    .आप की नगरी कुल्लू मनाली है ही ऐसी प्रभुवर कि सब भागे चले आते हैं वैसे ही मै यानी 'भ्रमर' भी भ्रमण करते आप की वादियों तक उत्तर प्रदेश से कई प्रदेशों तक होते आ पहुंचा हूँ और प्रभु कृपा से आप सब के मधुर गान और रचनाओं ,व्यास नदी के तट पहाड़ी वादियों में  प्रेमियों का प्रेम पाते कुछ दिन यहाँ भी गुजारने चलता फिरता रहता हूँ ...
    जय साईं ..
    भ्रमर ५ 
  • ganesh lohani

  • ganesh lohani