Rahul Dangi Panchal

Male

delhi

India

Profile Information:

Gender
Male
City State
Delhi
Native Place
Ranchhad (Baghpat) U.P.
Profession
Delhi police

Comment Wall:

  • Rahul Dangi Panchal

    आदरणीय addmin जी विन्रम निवेदन है!

    मै पहले की तरह गजल की क्लाश के शुरुआती प्रष्ठ नहीं पढ़ पा रहा हुँ !
    आदरणीय मेरी समस्या का समाधान करें!
    पुलिस की नौकरी होने की वजह से मैं चर्चा में समय देने से विवश हो जाता हुँ!

  • सदस्य टीम प्रबंधन

    Saurabh Pandey

    आदरणीय राहुल डांगी साहब, आपका फ्रेण्ड रिक्वेस्ट मिला. आप अपने प्रोफ़ाइल में अपना हालिया फोटो लगा दें आदरणीय.
    सादर
  • डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव

    Rahul jee
    welcome . Sir.
  • डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव

    दांगी जी
    आपने गीत के बारे में जानकारी चाही है i पर गीत को चंद शब्दो में बता पाना संभव नहीं है i इसके लिए एक लम्बे लेख की आवश्यकता है i फिर भी संक्षेप में जान ले कि गीत में एक पंक्ति टेक की होती है जो बार बार हर परवर्ती स्टेंजा के बाद दोहराई जाती है i गीत में कोई बंधन नहीं होता आप अपने हिसाब से मुक्त छंद बना सकते है iपर गीत का आवश्यक तत्व यह है कि इसमें गेयता होनी चाहिये i जितना सुन्दर गान होगा उतनी ही सुन्दर रचना होगी i गजल की तरह गीत में किसी बह्र या बंधन की अपेक्षा नहीं है i आप् पूर्ण स्वतंत्र है पर जो भी मुक्त छान्द आप रचते है सभी छंद उसी तरह के हों i सादर i

  • सदस्य टीम प्रबंधन

    Saurabh Pandey

    आदरणीय राहुल दांगीजी,  आप गीतों से सम्बन्धित अक्सर प्रश्न करते हैं. आप अपनी शंकाओं के समाधान के लिए उत्सुक हैं यह जानना इस तथ्य से आश्वस्त करता है कि आप अपनी जानकारियों को लेकर आग्रही हैं. यह एक शुभ संकेत है. क्यों कि आपने गीत नहीं लिखे हैं तो आपके अंदर का रचनाकार / गीतकार गीतकर्म को लेकर उपयुक्त वातावरण बना रहा है. आप अवश्य अच्छे मनोनुकूल गीत प्रस्तुतकर पायेंगे.
    इस संदर्भ में आपके प्रश्नों पर कुछ कहने के पूर्व मेरा विनम्र सुझाव यही होगा है कि सर्वप्रथम आप गीत और गेय कविताओं को खूब पढ़ें. गीतों के मात्रिक या वैधानिक विन्यास को समझने के पूर्व आप साहित्य में उपलब्ध गीतों और गेय रचनाओं के मर्म को समझने का प्रयास करें. उसके बाद, आप गीतकर्म करें. उन गीतों को पटल पर प्रस्तुत करें. स्वीकृत हो गयी रचनाओं पर टिप्पणियाँ आयेंगी. वे आपके रचनाकर्म के लिए मार्गदर्शन का काम करेंगी.
    गीत रचना शिल्प और कोमल भावनाओं के संप्रेषण का अद्भुत तथा अद्वितीय साहित्यिक कर्म है.
    विश्वास है, मेरा कहना आपकीउत्सुकता को कुछ आधार दे पायेगा.
    शुभेच्छायें


  • सदस्य टीम प्रबंधन

    Saurabh Pandey

    भाई राहुल दांगीजी, आपसे मेरा अनुरोध है, कि आप पहले गीत-नवगीत/ गेय कवितायें पढ़ें.
    इस पटल पर भी प्रबुद्ध रचनाकारों के अनेक गीत-नवगीत उपलब्ध हैं. उसके बाद आप कुछ नया लिख कर दिखायें.

    शुभेच्छायें...