आप सभी को सादर प्रणाम, मैं पहली बार कुछ लिखने का प्रयास कर रहा हूँ। मैंने भुजंगप्रयात छंद के आधार पर कुछ लिखने का प्रयास किया है। भाव, सौंदर्य, मात्राओं आदि की त्रुटियां बताकर मेरा मार्गदर्शन करें। मैं आपका आभारी रहूँगा..................
जहाँ ये दिलों की दगा का अखाड़ा,
किसी ने मिलाया किसी ने पछाड़ा;
यहाँ प्यार है बेसहारा बगीचा,
किसी ने बसाया किसी ने उजाड़ा;
Ramkunwar Choudhary
जहाँ ये दिलों की दगा का अखाड़ा,
किसी ने मिलाया किसी ने पछाड़ा;
यहाँ प्यार है बेसहारा बगीचा,
किसी ने बसाया किसी ने उजाड़ा;
Oct 22, 2017
सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey
बहुत खूब आदरणीय रामकुँवर जी.
आपका छांदसिक प्रयास शिल्प की कसौटी पर दुरुस्त है. आप सतत प्रयास करें और रचनाओं को ब्लॉग पर डालें. आपको सटीक टिप्पणियाँ मिल जाएँगी.
शुभेच्छाएँ
Oct 23, 2017
Ramkunwar Choudhary
Oct 23, 2017