मैं अभिषेक कुमार झा ''अभी'', दिल्ली विश्वविद्यालय से 'राजनीती शास्त्र' में स्नातक । मुझे हिंदी साहित्य की समझ तो नहीं है, पर ना जाने कब और कैसे 'मन के भाव रचना का आकार लेने लगे' । शायद, ज़िन्दगी से जो तज़ुर्बा मिला और मिल रहा है, उसी ने एक अदने से कलमकार को जन्म दिया । ''अपने हालात को कहाँ बयाँ करता में दोस्तों, इसलिए कलम उठा कागज़ पे बयाँ करने लगा'' ।। ...........................अभिषेक कुमार झा ''अभी''.
Sarita Bhatia
आपकी आभारी हूँ आपने मित्र रूप में स्वीकार किया
Jul 10, 2013
Gul Sarika Thakur
Swagat ..bhai..
Jul 22, 2013
Gul Sarika Thakur
Gazal ke bhaw wasatav me bahut hi sundar hain .. Aharnish Asheesh .. Bhai...
Jul 23, 2013