For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Abhishek Kumar Jha Abhi
  • Male
Share on Facebook MySpace

Abhishek Kumar Jha Abhi's Friends

  • रमेश कुमार चौहान
  • Priyanka Pandey
  • Ketan Parmar
  • केवल प्रसाद 'सत्यम'
  • डॉ नूतन डिमरी गैरोला
  • shashi purwar
  • Aarti Sharma
  • ram shiromani pathak
  • vijay nikore
  • Sarita Bhatia
  • Gul Sarika Thakur
  • राजेश 'मृदु'
  • Dr.Prachi Singh
  • Sonam Saini
  • रविकर

Abhishek Kumar Jha Abhi's Groups

हालात-ए-बयाँ

Loading… Loading feed

 

Abhishek Kumar Jha Abhi's Page

Profile Information

Gender
Male
City State
UP
Native Place
Bihar
About me
मैं अभिषेक कुमार झा ''अभी'', दिल्ली विश्वविद्यालय से 'राजनीती शास्त्र' में स्नातक । मुझे हिंदी साहित्य की समझ तो नहीं है, पर ना जाने कब और कैसे 'मन के भाव रचना का आकार लेने लगे' । शायद, ज़िन्दगी से जो तज़ुर्बा मिला और मिल रहा है, उसी ने एक अदने से कलमकार को जन्म दिया । ''अपने हालात को कहाँ बयाँ करता में दोस्तों, इसलिए कलम उठा कागज़ पे बयाँ करने लगा'' ।। ...........................अभिषेक कुमार झा ''अभी''.

Comment Wall (4 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 8:47pm on July 23, 2013, Gul Sarika Thakur said…

Gazal ke bhaw wasatav me bahut hi sundar hain .. Aharnish Asheesh .. Bhai...

At 10:51pm on July 22, 2013, Gul Sarika Thakur said…

Swagat ..bhai..

At 9:23am on July 10, 2013, Sarita Bhatia said…

आपकी आभारी हूँ आपने मित्र रूप में स्वीकार किया 

At 7:32am on July 10, 2013, vijay nikore said…

Thanks to you, Abhishek ji, for extending your hand of friendship.

Vijay Nikore

Abhishek Kumar Jha Abhi's Blog

चले गए तुम

अश्कों की बारिश में,

ऐसे हैं भींगे हम…..
जिंदगी पल पल अब,
हो रही है बे दम……
सांसों से भीख जैसे,

हैं माँग रहे हम……

क़िस्त-क़िस्त दे रहा,
है कर, हमपे रहम…
जब से जिंदगी से,
चले गए हो तुम…...
अब न कोई हमसफ़र,
रहा न कोई हमदम….
या ख़ुदा कर मदद,
इतना सा कर करम…

अश्कों की बारिश में………
….अभिषेक कुमार झा…
Continue

Posted on July 23, 2013 at 5:00pm — 14 Comments

ग़ज़ल

ग़ज़ल लिखने का प्रयास



तसव्वुर जिसका देखा मैंने, हाँ तुम बिल्कुल वैसी हो॥

रात पूनम, महताब जैसी, हाँ तुम बिल्कुल वैसी हो॥



ऐसी ज़ुल्फ़ की छांव जैसे, घटा हों काली…

Continue

Posted on July 9, 2013 at 10:30am — 6 Comments

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी

२१२२       २१२२        २१२२   औपचारिकता न खा जाये सरलता********************************ये अँधेरा,…See More
5 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"आयोजनों में सम्मिलित न होना और फिर आयोजन की शर्तों के अनुरूप रचनाकर्म कर इसी पटल पर प्रस्तुत किया…"
8 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन पर आपकी विस्तृत समीक्षा का तहे दिल से शुक्रिया । आपके हर बिन्दु से मैं…"
19 hours ago
Admin posted discussions
yesterday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सुशील सरनाजी, आपके नजर परक दोहे पठनीय हैं. आपने दृष्टि (नजर) को आधार बना कर अच्छे दोहे…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"प्रस्तुति के अनुमोदन और उत्साहवर्द्धन के लिए आपका आभार, आदरणीय गिरिराज भाईजी. "
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी

२१२२       २१२२        २१२२   औपचारिकता न खा जाये सरलता********************************ये अँधेरा,…See More
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा दशम्. . . . . गुरु

दोहा दशम्. . . . गुरुशिक्षक शिल्पी आज को, देता नव आकार । नव युग के हर स्वप्न को, करता वह साकार…See More
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल आपको अच्छी लगी यह मेरे लिए हर्ष का विषय है। स्नेह के लिए…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post लौटा सफ़र से आज ही, अपना ज़मीर है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति,उत्साहवर्धन और स्नेह के लिए आभार। आपका मार्गदर्शन…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय सौरभ भाई , ' गाली ' जैसी कठिन रदीफ़ को आपने जिस खूबसूरती से निभाया है , काबिले…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service