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है ज़हर आज हवाओं में, दिल दहलते हैं
मुनाफ़िकों की है बस्ती कि वो टहलते हैं
के चार सू यहाँ मरते हैं लोग तनहाई
बुझे- बुझे से हैं बूढ़े कहीं निकलते हैं
कि ख़ौफनाक है मंज़र ये नफ़रतों दुनिया
ये ज़ालिमों की है बस्ती खला बहलते हैं
वो शर्म मर गयी आँखों की ग़मज़दा हम हैं
करें भी क्या अदब वाले यहाँ से चलते हैं
गुलाम देते सलामी वो शाह भी खुश हैं
कि मार डाले हैं दुश्मन जहाँ जो…
Posted on May 29, 2023 at 7:30am
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कहूँ सच आपका कोई नहीं है
जहाँ में आश्ना कोई नहीं है
सबूतों बात ये कह दी अभी से
वो दुनिया में मिरा कोई नहीं है
ये सब माया उसी की जो छुपा है
सिवा उसके ख़ुदा कोई नहीं है
अकेलापन बड़ी सबसे सज़ा है
अभागा अन्यथा कोई नहीं हैं
किया जो ज़ुर्म उसने वो भरेगा
वो मेरा मुँहलगा कोई नहीं है
मुखौटा कब कोई पहना है मैंने
बहस ये मुद्दआ कोई नहीं है
जो है इनसान का…
ContinuePosted on March 12, 2023 at 7:44pm — 2 Comments
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कारवाँ प्यार का रुका क्यूँ है
हादसा आज ये हुआ क्यूँ है
गुलदस्ता वो नहीं कोई फूल नहीं
दीवाना दोस्त गुमशुदा क्यूँ है
चलनी है रहगुज़र मुझे और भी
बदगुमाँ फिर वो दिलरुबा क्यूँ है
वो जुनूँ प्यार का हवा हो गया
होंसला बारहा हुआ क्यूँ है
कौन जाने वो मसअला क्या है
राय़गाँ हुस्न अब हुआ क्यूँ है
कोई रिश्ता ठहरता ही नहीं याँ
राबतों को ये बद्दुआ क्यूँ…
ContinuePosted on February 17, 2023 at 7:43am — 1 Comment
असल कामयाबी जीवन की
सहज सरल सादा जीवन हो
बचना होगा वासना लिप्सा
अतिशय कामना नहीं मन हो
चल सकता काम अगर दो रोटी
तो एक गाय कुत्ते को दे दो !
पेट भरा होने पर भैया
उसे कभी अवकाश भी दो
असल कामयाबी जीवन की
सहज सरल सादा जीवन हो
होता सूर्य है उत्तरायण
सुनहला है अब वातावरण
निकली है अब धूप धुंध से
क्षमा भाव अपनाते सज्जन
सहने की सामर्थ्य बढ़ा लो
असल कामयाबी जीवन की
सहज…
Posted on January 17, 2023 at 10:00pm — 2 Comments
भाई चेतन जी
नमन -
इस्लाह का
सलीका आ जायेगा
मैंने आज तलक
मुकम्मल तो कोई देखा नहीं
गलतियां निकालोगे-
तो सीखूंगा ही ।।
मैं तो अधूरा था
अधूरा रहा
और हूँ अब तलक
आज आया हूँ आपकी बज्म में
कुछ सिखा दोगे -
तो सीखूंगा भी ।।
जनाब चेतन प्रकाश जी,ये टिप्पणी आप मुशाइर: में दें,तो मुझे जवाब देने में आसानी होगी ।
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