कभी डोली सजाते हैं कभी अर्थी उठाते हैं हम इक दूजे के सुख दुख मे हमेशा काम आते हैं मैं जिस बस्ती मे रहता हूँ वो हिन्दुस्तान है मेरा मुसलमान दोस्त हैं बच्चे मुझे चाचा बुलाते हैं
सुखद आश्चर्य . ओ बी ओ में आपका स्वागत है . अब आप ओ बी ओ लखनऊ चैप्टर के सम्मानित सदस्य है . दादा शरदिंदु जी को इस रत्न की प्राप्ति पर बधाई . मेरी रचना के पाठको में एक वृद्धि और हुयी . वाह , अति सुन्दर .
Alok Rawat
कभी डोली सजाते हैं कभी अर्थी उठाते हैं
हम इक दूजे के सुख दुख मे हमेशा काम आते हैं
मैं जिस बस्ती मे रहता हूँ वो हिन्दुस्तान है मेरा
मुसलमान दोस्त हैं बच्चे मुझे चाचा बुलाते हैं
Jun 2, 2017
डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव
सुखद आश्चर्य . ओ बी ओ में आपका स्वागत है . अब आप ओ बी ओ लखनऊ चैप्टर के सम्मानित सदस्य है . दादा शरदिंदु जी को इस रत्न की प्राप्ति पर बधाई . मेरी रचना के पाठको में एक वृद्धि और हुयी . वाह , अति सुन्दर .
Jun 3, 2017