"नीलेश जी,
यक़ीन मानिए मैं उन लोगों में से कतई नहीं जिन पर आपकी
धौंस चल जाती हो।
मुझसे ना ही उलझें तो बिहतर होगा।
//विस्तार दीजिये अपनी कुंठाओं को और मंच से क्षमा मांगिये ..//
In your…"
"आदरणीय
बात ऐसी है ना तो ओबीओ मुझे सैलेरी देता है ना समर सर को।
हम यहाँ सेवा भाव से जुड़े हुए हैं। समर सर की तबी'अत ठीक न होने के कारण
वो मुझे आप सबकी ख़िदमत के लिए भेजते हैं…"
"आदरणीय,
वैसे तो मैं एक्सप्लेनेशन नहीं देता पर मैं ना तो हिंदी का पक्षधर हूँ न उर्दू का।
मेरा प्वाइंट ये है कि अभी आप लोग इस क़ाबिल नहीं कि भाषा पर तनक़ीद कर सकें।
इसलिए आपको आदरणीय समर कबीर…"
"नीलेश जी,
मैंने ओबीओ के सारे आयोजन पढ़ें हैं और ब्लॉग भी । आपके बेकार के कुतर्क और मुँहज़ोरी भी देखी है। बस बह्स करना और अपनी अना की तस्कीन यही काम है आपका।
आप को सहीह नुक़्ते और इज़ाफ़त को बरतना तक…"
"आ. भाई लक्ष्मण सिंह 'मुसाफिर' ग़ज़ल का आपका प्रयास अच्छा ही कहा जाएगा, बंधु! वैसे आदरणीय भाई Euphonic अमित जी के सुझाव बहुत उपयोगी है, ध्यान दीजिएगा ! अस्तु !"