Respected Sir
Please accept my heartiest congratulations for your all creations.
Regards
Babban Jee
Jun 27, 2013
आदरणीय ललित जी:
मैं आपकी रचनाओं को दिल्चस्पी से पढ़ता हूँ, आप अच्छा लिखते हैं। आपके और मेरे style भिन्न हैं, और मैं भविष्य में आपके कहे पर गौर करूँगा।
सादर,
विजय निकोर
Jun 28, 2013
Sep 12, 2013
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Dr Babban Jee
Respected Sir
Please accept my heartiest congratulations for your all creations.
Regards
Babban Jee
Jun 27, 2013
vijay nikore
आदरणीय ललित जी:
मैं आपकी रचनाओं को दिल्चस्पी से पढ़ता हूँ, आप अच्छा लिखते हैं। आपके और मेरे style भिन्न हैं, और मैं भविष्य में आपके कहे पर गौर करूँगा।
सादर,
विजय निकोर
Jun 28, 2013
सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी
लोग कहते हैं के दस्तूरे सफ़र आता नहीं
जब रहम की आस में दम तोड़ता है आदमी
क्यों किसी के दिल-जिगर में वो असर आता नहीं
दरहकीकत छांव दे जो इस जहाँ की धूप से
अब हमारे ख्वाब में भी वो शजर आता नहीं ------------ वाह आदरणीय ललित जी मज़ा आ गया , क्या बात कही !!
Sep 12, 2013