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Open Books Online परिवार के सब सदस्य लोगन से निहोरा बा कि भोजपुरी साहित्य और भोजपुरी से जुड़ल बात ऐह ग्रुप मे लिखी सभे ।
by Manan Kumar singh
Sep 28, 2022
भोजपुरी गीतिका/गजलमनब कि ना मनब, तू बेशी अगरइब?आइल बा बुढ़ापा,अब गरहा में जइब।1
खोज तारअ फूल अब कहाँ पहुँचइब?नजर धुंधला गइल,सूँघब कि सटइब?2
बेरी-बेरी हो छेदी,काहे तुड़ात बाड़अ?अब कवन देवी किहाँ फूल तू चढ़इब?3
बेदी-बेदी घूम अइल,कह ना का भइल?अब कवन बेदी जाके फेर अझुरइब?4
सुन मान अ बात,छोड़ लगावल पायेंत,नयकिन के नजर पड़ी,खूब धसोरइब।5'मौलिक व अप्रकाशित' @मनन
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भोजपुरी साहित्य
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Open Books Online परिवार के सब सदस्य लोगन से निहोरा बा कि भोजपुरी साहित्य और भोजपुरी से जुड़ल बात ऐह ग्रुप मे लिखी सभे ।
भोजपुरी गजल
by Manan Kumar singh
Sep 28, 2022
भोजपुरी गीतिका/गजल
मनब कि ना मनब, तू बेशी अगरइब?
आइल बा बुढ़ापा,अब गरहा में जइब।1
खोज तारअ फूल अब कहाँ पहुँचइब?
नजर धुंधला गइल,सूँघब कि सटइब?2
बेरी-बेरी हो छेदी,काहे तुड़ात बाड़अ?
अब कवन देवी किहाँ फूल तू चढ़इब?3
बेदी-बेदी घूम अइल,कह ना का भइल?
अब कवन बेदी जाके फेर अझुरइब?4
सुन मान अ बात,छोड़ लगावल पायेंत,
नयकिन के नजर पड़ी,खूब धसोरइब।5
'मौलिक व अप्रकाशित' @मनन