सुझाव एवं शिकायत

Open Books से सम्बंधित किसी प्रकार का सुझाव या शिकायत यहाँ लिख सकते है , आप के सुझाव और शिकायत पर Team Admin जरूर विचार करेगी .....

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  • विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी

    आदरणीय एडमिन सर!चित्र से काव्य तक प्रतियोगिता की पुरस्कार राशि व प्रमाण पत्र अभी तक मुझे प्राप्त नहीं हुआ।कहीं कुछ चूक हूई है क्या?यह कितने समय में प्राप्त होता है?
  • Admin

    आदरणीय  विन्ध्येश्वरी प्रसाद जी, प्रमाण पत्र और पुरस्कार की राशि ड्राफ्ट के रूप में dispatch का कार्य किया जा रहा है , अगले १५ दिनों के अन्दर सभी को भेज दिया जायेगा ।

  • विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी

    सॉरी सर मैंने समझा कि कहीं रास्ते में न अटका हो।जानकारी देने के लिए धन्यवाद।
  • विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी

    आदरणीय एडमिन सर!एक गलती के लिए खेद है।गलती यह है कि भारतीय छन्द विधान मेरे एक पोस्ट 'उल्लाला छंद' में उल्लाला छंद का भेद बताते समय भूल बस मैंने 15-15 के हिसाब से 30 लिख दिया है।आदरणीय वीनस सर जी इस त्रुटि की तरफ बिना बताये इशारा किया।मैं उनका आभारी।
    आप एडमिन से अनुरोध है कि 15+15=30 के स्थान पर 15+13=28करने की कृपा करें।
    सादर।
  • Admin

    यथोचित संशोधन कर दिया गया है, कृपया सम्बंधित टिप्पणी "उल्लाला छंद" पोस्ट में ही डाल दे, ताकि किसी भी भ्रम से बचा जा सके , आभार । 

  • PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA

    आदरणीय प्रशासक जी, सादर अभिवादन.

    अज दिनांक १७.४.२०१२ को मैं उसे जन्म दूँगी कहानी पोस्ट की है. हिंदी टूल पे सही आलेख दीखता है, पोस्ट करने के बाद कुछ गड़बड़ दिख रहा है. क्या किया जाये. 
  • Mukesh Kumar Saxena

    sir why my blog post is not approoved .post MACHCHHRALAAP SINCE 2045 HRS. DT. 20 APR .2012.
  • Mukesh Kumar Saxena

    sir why my blog post is not approoved .post MACHCHHRALAAP SINCE 2045 HRS. DT. 20 APR .2012.
  • विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी

    आदरणीय एडमिन सर!पिछले ''चित्र से काव्य तक प्रतियोगिता'' के प्रथम व द्वितीय स्थान के विजेता सद्य: सम्पन्न प्रतियोगिता के विजेताओं का फैसला किस प्रकार करें/करते हैं?कृपया उचित सुझाव देंने का कष्ट करें।
  • Admin

    प्रिय  विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी जी , इस सम्बन्ध में आपसे शीघ्र ही दूरभाष द्वारा संपर्क किया जायेगा ।

  • विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी

    धन्यवाद आदरणीय एडमिन जी चिंता दूर हूई।
  • Abhinav Arun

     आदरणीय श्री एडमिन जी सविनय निवेदन है कि कल ०५ मई को शाम ०७-११ पर प्रेषित कविता का एक ब्लॉग अभी तक मेरे ब्लॉग में दृष्टिगत नहीं हो रहा है | क्या कोई तकनीकी कारण है ?
    सादर !
  • Albela Khatri


    आदरणीय एडमिन महोदय,
    आज मुख्य पृष्ठ पर  ये पढ़ा तो  अजीब सा लगा .........एक  बार दृष्टिपात कर लें . यदि मेरा  निवेदन ठीक हो तो संशोधन कर लें  और ठीक न हो तो  जाने दीजिये........ कोई फ़र्क नहीं पैंदा जी..........हा हा हा हा


    ऐसा है :

    ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है
    इस मंच पर प्रकाशित सभी लेखरचना और विचार उनकी निजी सम्पति है जिससे सहमत होना OBO प्रबंधन के लिये आवश्यक नहीं है | OBO पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप मे प्रयोग बिना लेखक या प्रबंधन के अनुमति के बिना करना वर्जित है |


    ऐसा होना चाहिए :
    ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच हैइस मंच पर प्रकाशित सभी लेखरचना और विचार उनकी निजी सम्पत्ति  है जिससे सहमत होना OBO प्रबन्धन  के लिये आवश्यक नहीं है | OBO पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में  लेखक या प्रबन्धन  की  अनुमति के बिना करना वर्जित है |

  • Admin

    आदरणीय अलबेला जी, आवश्यक व यथोचित संसोधन कर दिया गया है ।

  • विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी

    आदरणीय एडमिन जी!
    करबद्ध नमन!
    सखेद आपको सादर अवगत कराना है कि चित्र से काव्य तक प्रतियोगिता अंक-13 के द्वितीय विजेता का प्रमाण-पत्र व पुरस्कार राशि अभी तक मुझे प्राप्त नहीं हुआ।क्या डिपैच करने में अभी और समय लगेगा।
    आपका
    विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी
  • Admin

    प्रिय  विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी जी प्रमाण पत्र और पुरस्कार राशि शीघ्र ही आपको उपलब्ध करा दी जाएगी ।

  • Albela Khatri

    • Me

      ek gazal aproov nahin hui ..koi khas kaaran ?

    • 12:50 PM
    • Me

      ____do baar laga chuka hoon........yes or no kuchh to kaho

  • SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR

    आदरणीय एडमिन महोदय जून माह के लिए ,महीने  की  सर्व श्रेष्ट रचना पुरस्कार के लिए  चयनित मेरी रचना " उगता सूरज धुंध में " को घोषित किया गया प्रमाण पत्र व पुरस्कार राशि मुझे अभी तक नहीं मिल पायी है आप के साथ सफ़र के यादगार पल के लिए ये मिलना जरुरी है ये इच्छा है कृपया जांचें और बताएं 

    सुरेन्द्र कुमार शुक्ल 'भ्रमर'५
    कुल्लू यच पी 
  • SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR

    आदरणीय एडमिन महोदय ... जय श्री राधे ..... क्या सुझाव और शिकायत में दर्ज प्रतिक्रियायों के साथ रिप्लाई बाक्स लगाना संभव नहीं है कि आप इन सुझाव शिकायतों  का प्रत्युत्तर यही इस टिप्पणी के साथ दे दें .....ताकि अपने जबाब के लिए सारे पृष्ठ न ढूँढने पड़ें 

    सुरेन्द्र कुमार शुक्ल 'भ्रमर'५
    कुल्लू यच पी 
  • Admin

    @अलबेला जी---- यदि रचना अनुमोदित नहीं हुई तो वह अनुमोदन के योग्य नहीं रही होगी । 

  • Admin

    @भ्रमर जी ----आप की रचना पिछले महीने (जुलाई १२) में चयनित हुई थी, अभी तक आप के द्वारा पत्राचार विवरणी अप्राप्त है , आपको पुरस्कार राशि रु ५५१ और प्रशस्ति पत्र शीघ्र उपलब्ध करा दिया जायेगा.

    इस नामित कृपया आप अपना नाम (चेक / ड्राफ्ट निर्गत हेतु) तथा पत्राचार का पता व फ़ोन नंबर, ड्राफ्ट कहाँ के लिए भुगतान होगा आदि 

    admin@openbooksonline.com पर उपलब्ध करा दें |

  • Admin

    @भ्रमर जी --- यहाँ प्राप्त सुझाव-शिकायतों का प्रतिउत्तर यहीं दिया जाता है ।

  • कुमार गौरव अजीतेन्दु

    आदरणीय एडमिन महोदय...........चित्र से काव्य तक प्रतियोगिता अंक - १७ के द्वितीय विजेता का प्रमाणपत्र और राशि मुझे अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है.....कृपया थोडा ध्यान दें.......

  • Admin

    दिनांक 27 अगस्त -12 को घोषित "चित्र से काव्य तक" प्रतियोगिता अंक 17 के द्वितीय विजेता का पुरस्कार (प्रमाण पत्र और पुरस्कार राशि का चेक) श्री कुमार गौरव अजितेंदु जी को हाथों हाथ दिनांक 8 अक्तूबर - 12 को उपलब्ध करा दिया गया ।  

  • rishabh shukla

    sir mai ek shakuntala namak kavita post kiya tha . lekin apne use ye kahakar unproved kar diya ki ye kavita pahale hi publish ho chuki hai . lekin maine to kabhi apani rachana yaha post nahi ki ho sakata hai ki sirph kavita ka shirsak dusari kavita se milata ho . Please is bat par gaur kijiyega.

    dhanyavad

  • Admin

    रिषभ शुक्ल जी , मैसेज के साथ आपको एक ओ बी ओ नियम सम्बंधित एक लिंक भी दिया गया था , संभवतः आप नियमों को अभी तक नहीं पढ़ सके हैं, आपकी रचना यहाँ प्रकाशित होने के लिए अंतर्जाल / इन्टरनेट पर किसी ब्लागस्पाट सहित किसी भी साईट पर प्रकाशित नहीं होनी चाहिए ।

    पुनः लिंक देखें ...

    http://openbooksonline.com/page/5170231:Page:12658

  • बृजेश नीरज

    आदरणीय

    मेरा एक अनुरोध है कि जिस तरह अन्य जगह टिप्पणी का प्रत्युत्तर देने के लिए विकल्प टिप्पणी के नीचे दिया जाता है उसी तरह रचना के नीचे टिप्पणी का प्रत्युत्तर देने का विकल्प प्रदान करने का कष्ट करें। वर्तमान व्यवस्था में किसी टिप्पणी का प्रत्युत्तर टिप्पणी के रूप में पोस्ट होता है जिससे बात बनती नहीं !

  • Abhinav Arun

    आदरणीय ! यदि कमेन्ट में भी like करने का बटन हो सके तो .....


  • मुख्य प्रबंधक

    Er. Ganesh Jee "Bagi"

    आदरणीय भाई अभिनव जी और बृजेश जी, जैसा कि आप जानते ही होंगे कि ओ बी ओ का वेब डिजाईन USA द्वारा किया गया है,वर्तमान व्यवस्था में अभी दोनों बातें संभव नहीं है, किन्तु आप दोनों का सुझाव बढ़िया है इसे टेक्निकल टीम को भेजा दिया जायेगा ।

  • Abhinav Arun

    बहुत आभार श्री गणेश जी ! बटन से ये तो हो जाएगा की कमेन्ट पढ़ा - देखा एवं सराहा गया । तो आसानी हो जायेगी । कई बार अधिक लोड या शाम के समय नेट ट्राफिक के कारण कई बार पेज जम्प करने लगता और कुछ लोड नहीं हो पाता ऐसे में बटन हो सकता है काम करे । 

  • बृजेश नीरज

    सुझाव पर विचार करने के लिए आभार!

  • बृजेश नीरज

    आदरणीय प्रबंधन मंडल के सदस्यगण!

    आपके इस साइट पर जो कक्षाएं चल रही हैं उनका मैं सदस्य बना हूं। उन कक्षाओं में उल्लिखित जानकारी के आधार पर मैंने कुछ नया लिखने का प्रयास किया लेकिन उससे संतुष्ट न होते हुए मेरे मन में जिज्ञासा हुई कि मेरे द्वारा लिखा गया नियमानुकूल है अथवा नहीं इसलिए मैंने अपना एक दोहा और एक चैपाई छंद उन कक्षाओं के संचालकों के मार्गदर्शन हेतु पोस्ट किए थे। मेरे विचार से यह आपत्ति का विषय नहीं होना चाहिए। यदि कक्षा संचालित है तो प्रथम लेखन पर मार्गदर्शन आवश्यक है।

    छंद के क्षेत्र में मात्रा गणना को सीखने के लिए कुछ दो एक लाइनें लिखकर उन्हें जांचा जाए तो ही बात बनती है। एक पूरी रचना लिखना और फिर उसका नियमानुकूल न होना रचनाकार को न केवल कष्ट देता है वरन हतोत्साहित भी करता है।

    अपने पेज पर ऐसी कोई स्तरहीन रचना पोस्ट कर देना भी रचनाकार के स्तर में गिरावट प्रदर्शित करता है और उसकी महत्ता को कमतर करता है इसलिए ऐसे प्रयासों पर चर्चा के लिए किसी रचना को पोस्ट करना आवश्यक न होकर यदि कक्षा में चर्चा कर ली जाए तो उचित होगा।

     एक दूजे की न सुनते = १४ मात्राएँ, १३ होनी चाहिए."

    आखिर 14 मात्रायें कैसे हैं यह मुझे कैसे स्पष्ट होगा?

    यदि सीखने सिखाने की प्रक्रिया यहां संचालित है तो मेरा अनुरोध है कि मात्रा गणना और बहर के लिए अलग कक्षा की आवश्यकता है जिसमें विस्तृत चर्चा के साथ ही नए रचनाकारों द्वारा रचित रचनाओं पर वांछित मार्गदर्शन भी दिया जाए। इसके बिना बात बनेगी नहीं।

    आशा है आप मेरे अनुरोध पर विचार करेंगे और त्रुटियों को क्षमा करेंगे।

    सादर!


  • सदस्य टीम प्रबंधन

    Saurabh Pandey

    भाई बृजेशजी, भारतीय छंद विधान नामक समूह में यदि आप जायेंगे तो वहाँ आपको कई पोस्ट यथा -

    हिन्दी छन्द परिचय, गण, मात्रा गणना, छन्द भेद तथा उपभेद - (भाग १)

    हिन्दी छन्द परिचय, गण, मात्रा गणना, छन्द भेद तथा उपभेद - (भाग 2)

    मिलेंगे जिनके माध्यम से आपको आवश्यक जानकारी मिलेगी.

    आप उन्हें पढ़े और तदनुरूप प्रयास करें. 

    सर्वोपरि, आप पहले व्यक्ति नहीं हैं जिन्हें इस क्षेत्र के विधानों की आधारभूत जानकारियाँ लेनी है. ओबीओ के एकाध वरिष्ठ सदस्यों को छोड़ दे जाय तो लगभग सभी सदस्यों ने यहीं, इसी पटल पर परस्पर सीखने-सिखाने के क्रम में आधारभूत जानकारियाँ प्राप्त की हैं.खाकसार भी इसी मंच पर काव्य की कतिपय विधाएँ सीख रहा है. और सीखने यह प्रयास अनवरत है.

    शुभ-शुभ

  • बृजेश नीरज

    आदरणीय सौरभ जी,
    मेरी जिज्ञासा उन लेखों को पढ़ने और मनन करने के बाद उत्पन्न हुई। समस्या विकट नहीं छोटी सी है। मात्रा गणना का सत्यापन चाहता था कि मैंने जो सीखा वह सही है अथवा नहीं।
    दूसरा दोहे से संबंधित मेरे प्रश्न पर की गयी टिप्पणी से संदेह बढ़ा।
    बहरहाल आपको आज कई बार कष्ट दिया इसके लिए क्षमा और आपने मुझे आज पर्याप्त समय दिया इसके लिए धन्यवाद!
    सादर!


  • सदस्य टीम प्रबंधन

    Saurabh Pandey

    कोई बात नहीं, बृजेश भाईजी,  ओबीओ ही नहीं कोई मंच आपकी जिज्ञासा की तीव्रता के अनुसार जानकारियाँ जुटा देगा, प्रयास आपको ही करना है. दौड़ने का तरीका हमें सुधीजन और गुरुजन बता देते हैं उसके बाद दौड़ना हमें ही होता है,भाईजी. सीखने-सिखाने के मंच पर आयोजन भी होते हैं उनमें भाग लें, वहाँ की चर्चाएँ और परिचर्चाएँ होती हैं उन्हें आप जरूर देखें.

    कोई रचनाकार एकदम से कालजयी रचनाएँ लिखना नहीं शुरु कर देता भाई. प्रयास को कृपया कमतर न समझें. 

    जानकारियों के क्रम में बार-बार पूछना आवश्य है जबतक कि पूरी संतुष्टि न हो जाय. मेरा आना आपको बुरा नहीं लगना चाहिये. मैं उपलबध नहीं हुआ तो कोई और उपलब्ध हो जायेगा और आपके लिए जानकारी उपलब्ध करा देगा.

    //एक दूजे की न सुनते = १४ मात्राएँ, १३ होनी चाहिए."

    आखिर 14 मात्रायें कैसे हैं यह मुझे कैसे स्पष्ट होगा?//

    ए(२) क(१) दू(२)जे(२) की(२) न(१) सु(१)न(१)ते(२) = कुल योग १४

    सधन्यवाद

  • बृजेश नीरज

    क्या ओ बी ओ के प्रोफाइल को फेसबुक पर शेयर किया जा सकता है? अपना पेज फेसबुक से कनेक्ट किया जा सकता है? कृपया प्रक्रिया बताने का कष्ट करें।


  • मुख्य प्रबंधक

    Er. Ganesh Jee "Bagi"

    बृजेश जी, आप अपने प्रोफाइल को, स्वयं / किसी की रचना लिंक को फेस बुक/ अन्य साईट/ ब्लागस्पाट आदि पर शेयर कर सकते है, इसके लिए आप्शन प्रोफाइल/ रचना में निहित है, साथ ही यू आर एल को कॉपी कर भी अन्यत्र पेस्ट कर सकते है ।   

  • बृजेश नीरज

    आपका आभार! दरअसल मैं डर रहा था कि दिए आॅप्शन का प्रयोग करने से इसलिए मैंने उचित समझा पहले आपसे मार्गदर्शन प्राप्त करना। आपको कष्ट दिया इसके लिए क्षमा!

  • बृजेश नीरज

    एक जानकारी चाहता था कि यदि साहित्य से संबंधित कोई लेख पोस्ट करना हो तो उसे सीधे अपने पन्ने पर ही पोस्ट किया जाना चाहिए अथवा किसी समूह में पोस्ट करने का प्रावधान है।
    सादर!


  • मुख्य प्रबंधक

    Er. Ganesh Jee "Bagi"

    प्रिय बृजेश जी, सर्व प्रथम आप सभी समूहों को देख लें, यदि आपका लेख उक्त समूहों से इतर विषय पर हैं तो मुख्य ब्लॉग मे पोस्ट कर दें |


  • सदस्य कार्यकारिणी

    अरुण कुमार निगम

    आदरणीय एडमिन महोदय,

    कृपया मेरी सलाह पर विचार करेंगे,

    १.ओबीओ भोजपुरी काव्य प्रतियोगिता को "ओबीओ भोजपुरी एवम् आंचलिक काव्य प्रतियोगिता" कर देने से अन्य अंचल के रचनाकार भी लाभान्वित होंगे और प्रतियोगिता अखिल भारतीय स्तर की हो जाएगी.

    २.पुरस्कार प्रमाणपत्र के रूप में प्रदान किए जाने चाहिए.

    सदर...

  • vijay nikore

    आदरणीय अरुण जी:

     

    मैं आपकी राय से सहमत हूँ।

     

    सादर,

    विजय निकोर

  • अरुन 'अनन्त'

    आदरणीय एडमिन महोदय,

    मैं भी आदरणीय श्री अरुण निगम सर जी से सहमत हूँ. आयोजन में शामिल होने की इच्छाएं इतनी बढ़ गई हैं कि शामिल न होने पर न तो नींद आती है ठीक से और न ही जागा जाता है. विवशता वश यह आयोजन भोजपुरी पर आधारित होने के कारण केवल टुकटुकी लगाये देख सकते हैं बस.

    मेरे हिसाब से आदरणीय गुरुदेव श्री के द्वारा उठाये गए दोनों प्रश्न ही आवश्यक हैं कृपया विचार विमर्श करें. उम्मीद है जैसे आज तक निरशा नहीं मिली यहाँ से आगे भी नहीं मिलेगी. सादर

  • Ashok Kumar Raktale

    आदरणीय एडमिन जी सादर, आदरणीय अरुण निगम जी का सुझाव बहुत सुन्दर है, मुझे ख़ुशी होगी यदि इस पर विचार किया जाए. 

  • बृजेश नीरज

    आदरणीय एडमिन साहब!
    मैं आदरणीय अरूण निगम जी के सुझाव से सहमत हूं और अरून शर्मा जी की जो व्यथा है वही मेरी भी व्यथा है। आयोजन में सम्मिलित होना आदत सी बनती जा रही है। ऐसे में ई आयोजन मा हम कइसे शामिल होइबै इहै सोच सोच मुढ़वा भारी होत बा।
    कृपया इस सुझाव पर विचार करें।


  • सदस्य टीम प्रबंधन

    Saurabh Pandey

    ऐडमिन क्या उत्तर देते हैं उस पर मेरी भी नज़र रहेगी. लेकिन अभी तक सम्पन्न सभी भोजपुरी आयोजनों के सभी पन्ने /रचनाएँ/ टिप्पणियाँ किसने-किसने देखी/ पढ़ी है.?

    आयोजन में भोजपुरी का कौन सा स्वरूप अपनाया गया है इस पर कौन बोलेगा ?

  • वीनस केसरी

    मेरे विचार में आयोजन को समुचित विस्तार देने के लिए उचित निवेदन किया गया है
    अरुण निगम जी का सुझाव सुन्दर है
    सादर

  • केवल प्रसाद 'सत्यम'

    सम्मानीय एडमिन सर जी,   सुप्रभात व सादर प्रणाम स्वीकार करें! सर जी, आज भोजपुरी ने पूरे भारत में अपनी एक अलग पहचान सरसता, सहजता और मधुरता के रूप में स्थापित कर लिया है। इसलिए भी आदरणीय अरून सर जी की बात को गंभीरता से लिए जाने का एक सुनहरा अवसर प्रतीत होता है।
    मैं भी अरून निगम सर जी से सहमत हूं और उनके निम्न कथन का समर्थन करता हूं। कृपया मेरी सलाह पर विचार करेंगे,
    १-ओबीओ भोजपुरी काव्य प्रतियोगिता को ’ओबीओ भोजपुरी एवम् आंचलिक काव्य प्रतियोगिता’ कर देने से अन्य अंचल के रचनाकार भी लाभान्वित होंगे और प्रतियोगिता अखिल भारतीय स्तर की हो जाएगी।
    २-पुरस्कार प्रमाणपत्र के रूप में प्रदान किए जाने चाहिए।
    आदर एवं सद्भावनाओं सहित। सादर,


  • सदस्य टीम प्रबंधन

    Dr.Prachi Singh

    आदरणीय एडमिन महोदय,

    आदरणीय अरुण निगम जी की सलाह //ओबीओ भोजपुरी काव्य प्रतियोगिता को "ओबीओ भोजपुरी एवम् आंचलिक काव्य प्रतियोगिता" कर देने से अन्य अंचल के रचनाकार भी लाभान्वित होंगे और प्रतियोगिता अखिल भारतीय स्तर की हो जाएगी.// प्रथम दृष्टया तो बहुत सुन्दर और स्वागत योग्य  प्रतीत हो रही है, पर यह प्रैक्टिकली एप्लीकेबल नहीं हो सकती...एक तो आँचलिक भाषाएँ अनगिन हैं..फिर हरियाणवी, जोधपुरी, कुमाऊंनी , कश्मीरी, गढ़वाली...आदि आदि सभी भाषाओं को एक ही आयोजन में सामान्य पाठक तो समझ भी तो नहीं सकते...तो उनमें कोई प्रतियोगिता तो संभव ही नहीं. 

    मेरे विचार से आँचलिक भाषाओं में लेखन को प्रोत्साहन देने के लिए एक उत्सव ज़रूर आयोजित किया जा सकता है.

    सादर. 

  • vijay nikore

    आदरणीय एडमिन महोदय,

     

    मेरे दिए हुए कल के निम्न comment में मैंने practicality के विषय पर ध्यान नहीं दिया था,

    अत: मैं आदरणीया प्राची जी के कथन से सहमत हूँ कि यह सलाह   //" प्रैक्टिकली एप्लीकेबल नहीं हो सकती"//

     

    सादर,

    विजय निकोर