आदरणीय एडमिन सर!चित्र से काव्य तक प्रतियोगिता की पुरस्कार राशि व प्रमाण पत्र अभी तक मुझे प्राप्त नहीं हुआ।कहीं कुछ चूक हूई है क्या?यह कितने समय में प्राप्त होता है?
आदरणीय विन्ध्येश्वरी प्रसाद जी, प्रमाण पत्र और पुरस्कार की राशि ड्राफ्ट के रूप में dispatch का कार्य किया जा रहा है , अगले १५ दिनों के अन्दर सभी को भेज दिया जायेगा ।
आदरणीय एडमिन सर!एक गलती के लिए खेद है।गलती यह है कि भारतीय छन्द विधान मेरे एक पोस्ट 'उल्लाला छंद' में उल्लाला छंद का भेद बताते समय भूल बस मैंने 15-15 के हिसाब से 30 लिख दिया है।आदरणीय वीनस सर जी इस त्रुटि की तरफ बिना बताये इशारा किया।मैं उनका आभारी।
आप एडमिन से अनुरोध है कि 15+15=30 के स्थान पर 15+13=28करने की कृपा करें।
सादर।
आदरणीय एडमिन सर!पिछले ''चित्र से काव्य तक प्रतियोगिता'' के प्रथम व द्वितीय स्थान के विजेता सद्य: सम्पन्न प्रतियोगिता के विजेताओं का फैसला किस प्रकार करें/करते हैं?कृपया उचित सुझाव देंने का कष्ट करें।
आदरणीय श्री एडमिन जी सविनय निवेदन है कि कल ०५ मई को शाम ०७-११ पर प्रेषित कविता का एक ब्लॉग अभी तक मेरे ब्लॉग में दृष्टिगत नहीं हो रहा है | क्या कोई तकनीकी कारण है ?
आदरणीय एडमिन महोदय, आज मुख्य पृष्ठ पर ये पढ़ा तो अजीब सा लगा .........एक बार दृष्टिपात कर लें . यदि मेरा निवेदन ठीक हो तो संशोधन कर लें और ठीक न हो तो जाने दीजिये........ कोई फ़र्क नहीं पैंदा जी..........हा हा हा हा
ऐसा है : ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच परप्रकाशित सभी लेख, रचना और विचार उनकी निजी सम्पति है जिससे सहमत होना OBO प्रबंधन के लिये आवश्यक नहीं है | OBO पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूपमेप्रयोग बिना लेखक या प्रबंधन के अनुमति के बिना करना वर्जित है |
ऐसा होना चाहिए : ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच परप्रकाशित सभी लेख, रचना और विचार उनकी निजी सम्पत्ति है जिससे सहमत होना OBO प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | OBO पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूपमें लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना करना वर्जित है |
आदरणीय एडमिन जी!
करबद्ध नमन!
सखेद आपको सादर अवगत कराना है कि चित्र से काव्य तक प्रतियोगिता अंक-13 के द्वितीय विजेता का प्रमाण-पत्र व पुरस्कार राशि अभी तक मुझे प्राप्त नहीं हुआ।क्या डिपैच करने में अभी और समय लगेगा।
आपका
विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी
आदरणीय एडमिन महोदय जून माह के लिए ,महीने की सर्व श्रेष्ट रचना पुरस्कार के लिए चयनित मेरी रचना " उगता सूरज धुंध में " को घोषित किया गया प्रमाण पत्र व पुरस्कार राशि मुझे अभी तक नहीं मिल पायी है आप के साथ सफ़र के यादगार पल के लिए ये मिलना जरुरी है ये इच्छा है कृपया जांचें और बताएं
आदरणीय एडमिन महोदय ... जय श्री राधे ..... क्या सुझाव और शिकायत में दर्ज प्रतिक्रियायों के साथ रिप्लाई बाक्स लगाना संभव नहीं है कि आप इन सुझाव शिकायतों का प्रत्युत्तर यही इस टिप्पणी के साथ दे दें .....ताकि अपने जबाब के लिए सारे पृष्ठ न ढूँढने पड़ें
@भ्रमर जी ----आप की रचना पिछले महीने (जुलाई १२) में चयनित हुई थी, अभी तक आप के द्वारा पत्राचार विवरणी अप्राप्त है , आपको पुरस्कार राशि रु ५५१ और प्रशस्ति पत्र शीघ्र उपलब्ध करा दिया जायेगा.
इस नामित कृपया आप अपना नाम (चेक / ड्राफ्ट निर्गत हेतु) तथा पत्राचार का पता व फ़ोन नंबर, ड्राफ्ट कहाँ के लिए भुगतान होगा आदि
आदरणीय एडमिन महोदय...........चित्र से काव्य तक प्रतियोगिता अंक - १७ के द्वितीय विजेता का प्रमाणपत्र और राशि मुझे अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है.....कृपया थोडा ध्यान दें.......
दिनांक 27 अगस्त -12 को घोषित "चित्र से काव्य तक" प्रतियोगिता अंक 17 के द्वितीय विजेता का पुरस्कार (प्रमाण पत्र और पुरस्कार राशि का चेक) श्री कुमार गौरव अजितेंदु जी को हाथों हाथ दिनांक 8 अक्तूबर - 12 को उपलब्ध करा दिया गया ।
sir mai ek shakuntala namak kavita post kiya tha . lekin apne use ye kahakar unproved kar diya ki ye kavita pahale hi publish ho chuki hai . lekin maine to kabhi apani rachana yaha post nahi ki ho sakata hai ki sirph kavita ka shirsak dusari kavita se milata ho . Please is bat par gaur kijiyega.
रिषभ शुक्ल जी , मैसेज के साथ आपको एक ओ बी ओ नियम सम्बंधित एक लिंक भी दिया गया था , संभवतः आप नियमों को अभी तक नहीं पढ़ सके हैं, आपकी रचना यहाँ प्रकाशित होने के लिए अंतर्जाल / इन्टरनेट पर किसी ब्लागस्पाट सहित किसी भी साईट पर प्रकाशित नहीं होनी चाहिए ।
मेरा एक अनुरोध है कि जिस तरह अन्य जगह टिप्पणी का प्रत्युत्तर देने के लिए विकल्प टिप्पणी के नीचे दिया जाता है उसी तरह रचना के नीचे टिप्पणी का प्रत्युत्तर देने का विकल्प प्रदान करने का कष्ट करें। वर्तमान व्यवस्था में किसी टिप्पणी का प्रत्युत्तर टिप्पणी के रूप में पोस्ट होता है जिससे बात बनती नहीं !
आदरणीय भाई अभिनव जी और बृजेश जी, जैसा कि आप जानते ही होंगे कि ओ बी ओ का वेब डिजाईन USA द्वारा किया गया है,वर्तमान व्यवस्था में अभी दोनों बातें संभव नहीं है, किन्तु आप दोनों का सुझाव बढ़िया है इसे टेक्निकल टीम को भेजा दिया जायेगा ।
बहुत आभार श्री गणेश जी ! बटन से ये तो हो जाएगा की कमेन्ट पढ़ा - देखा एवं सराहा गया । तो आसानी हो जायेगी । कई बार अधिक लोड या शाम के समय नेट ट्राफिक के कारण कई बार पेज जम्प करने लगता और कुछ लोड नहीं हो पाता ऐसे में बटन हो सकता है काम करे ।
आपके इस साइट पर जो कक्षाएं चल रही हैं उनका मैं सदस्य बना हूं। उन कक्षाओं में उल्लिखित जानकारी के आधार पर मैंने कुछ नया लिखने का प्रयास किया लेकिन उससे संतुष्ट न होते हुए मेरे मन में जिज्ञासा हुई कि मेरे द्वारा लिखा गया नियमानुकूल है अथवा नहीं इसलिए मैंने अपना एक दोहा और एक चैपाई छंद उन कक्षाओं के संचालकों के मार्गदर्शन हेतु पोस्ट किए थे। मेरे विचार से यह आपत्ति का विषय नहीं होना चाहिए। यदि कक्षा संचालित है तो प्रथम लेखन पर मार्गदर्शन आवश्यक है।
छंद के क्षेत्र में मात्रा गणना को सीखने के लिए कुछ दो एक लाइनें लिखकर उन्हें जांचा जाए तो ही बात बनती है। एक पूरी रचना लिखना और फिर उसका नियमानुकूल न होना रचनाकार को न केवल कष्ट देता है वरन हतोत्साहित भी करता है।
अपने पेज पर ऐसी कोई स्तरहीन रचना पोस्ट कर देना भी रचनाकार के स्तर में गिरावट प्रदर्शित करता है और उसकी महत्ता को कमतर करता है इसलिए ऐसे प्रयासों पर चर्चा के लिए किसी रचना को पोस्ट करना आवश्यक न होकर यदि कक्षा में चर्चा कर ली जाए तो उचित होगा।
एक दूजे की न सुनते = १४ मात्राएँ, १३ होनी चाहिए."
आखिर 14 मात्रायें कैसे हैं यह मुझे कैसे स्पष्ट होगा?
यदि सीखने सिखाने की प्रक्रिया यहां संचालित है तो मेरा अनुरोध है कि मात्रा गणना और बहर के लिए अलग कक्षा की आवश्यकता है जिसमें विस्तृत चर्चा के साथ ही नए रचनाकारों द्वारा रचित रचनाओं पर वांछित मार्गदर्शन भी दिया जाए। इसके बिना बात बनेगी नहीं।
आशा है आप मेरे अनुरोध पर विचार करेंगे और त्रुटियों को क्षमा करेंगे।
मिलेंगे जिनके माध्यम से आपको आवश्यक जानकारी मिलेगी.
आप उन्हें पढ़े और तदनुरूप प्रयास करें.
सर्वोपरि, आप पहले व्यक्ति नहीं हैं जिन्हें इस क्षेत्र के विधानों की आधारभूत जानकारियाँ लेनी है. ओबीओ के एकाध वरिष्ठ सदस्यों को छोड़ दे जाय तो लगभग सभी सदस्यों ने यहीं, इसी पटल पर परस्पर सीखने-सिखाने के क्रम में आधारभूत जानकारियाँ प्राप्त की हैं.खाकसार भी इसी मंच पर काव्य की कतिपय विधाएँ सीख रहा है. और सीखने यह प्रयास अनवरत है.
आदरणीय सौरभ जी, मेरी जिज्ञासा उन लेखों को पढ़ने और मनन करने के बाद उत्पन्न हुई। समस्या विकट नहीं छोटी सी है। मात्रा गणना का सत्यापन चाहता था कि मैंने जो सीखा वह सही है अथवा नहीं। दूसरा दोहे से संबंधित मेरे प्रश्न पर की गयी टिप्पणी से संदेह बढ़ा। बहरहाल आपको आज कई बार कष्ट दिया इसके लिए क्षमा और आपने मुझे आज पर्याप्त समय दिया इसके लिए धन्यवाद! सादर!
कोई बात नहीं, बृजेश भाईजी, ओबीओ ही नहीं कोई मंच आपकी जिज्ञासा की तीव्रता के अनुसार जानकारियाँ जुटा देगा, प्रयास आपको ही करना है. दौड़ने का तरीका हमें सुधीजन और गुरुजन बता देते हैं उसके बाद दौड़ना हमें ही होता है,भाईजी. सीखने-सिखाने के मंच पर आयोजन भी होते हैं उनमें भाग लें, वहाँ की चर्चाएँ और परिचर्चाएँ होती हैं उन्हें आप जरूर देखें.
कोई रचनाकार एकदम से कालजयी रचनाएँ लिखना नहीं शुरु कर देता भाई. प्रयास को कृपया कमतर न समझें.
जानकारियों के क्रम में बार-बार पूछना आवश्य है जबतक कि पूरी संतुष्टि न हो जाय. मेरा आना आपको बुरा नहीं लगना चाहिये. मैं उपलबध नहीं हुआ तो कोई और उपलब्ध हो जायेगा और आपके लिए जानकारी उपलब्ध करा देगा.
//एक दूजे की न सुनते = १४ मात्राएँ, १३ होनी चाहिए."
आखिर 14 मात्रायें कैसे हैं यह मुझे कैसे स्पष्ट होगा?//
ए(२) क(१) दू(२)जे(२) की(२) न(१) सु(१)न(१)ते(२) = कुल योग १४
बृजेश जी, आप अपने प्रोफाइल को, स्वयं / किसी की रचना लिंक को फेस बुक/ अन्य साईट/ ब्लागस्पाट आदि पर शेयर कर सकते है, इसके लिए आप्शन प्रोफाइल/ रचना में निहित है, साथ ही यू आर एल को कॉपी कर भी अन्यत्र पेस्ट कर सकते है ।
एक जानकारी चाहता था कि यदि साहित्य से संबंधित कोई लेख पोस्ट करना हो तो उसे सीधे अपने पन्ने पर ही पोस्ट किया जाना चाहिए अथवा किसी समूह में पोस्ट करने का प्रावधान है। सादर!
१.ओबीओ भोजपुरी काव्य प्रतियोगिता को "ओबीओ भोजपुरी एवम् आंचलिक काव्य प्रतियोगिता" कर देने से अन्य अंचल के रचनाकार भी लाभान्वित होंगे और प्रतियोगिता अखिल भारतीय स्तर की हो जाएगी.
२.पुरस्कार प्रमाणपत्र के रूप में प्रदान किए जाने चाहिए.
मैं भी आदरणीय श्री अरुण निगम सर जी से सहमत हूँ. आयोजन में शामिल होने की इच्छाएं इतनी बढ़ गई हैं कि शामिल न होने पर न तो नींद आती है ठीक से और न ही जागा जाता है. विवशता वश यह आयोजन भोजपुरी पर आधारित होने के कारण केवल टुकटुकी लगाये देख सकते हैं बस.
मेरे हिसाब से आदरणीय गुरुदेव श्री के द्वारा उठाये गए दोनों प्रश्न ही आवश्यक हैं कृपया विचार विमर्श करें. उम्मीद है जैसे आज तक निरशा नहीं मिली यहाँ से आगे भी नहीं मिलेगी. सादर
आदरणीय एडमिन साहब! मैं आदरणीय अरूण निगम जी के सुझाव से सहमत हूं और अरून शर्मा जी की जो व्यथा है वही मेरी भी व्यथा है। आयोजन में सम्मिलित होना आदत सी बनती जा रही है। ऐसे में ई आयोजन मा हम कइसे शामिल होइबै इहै सोच सोच मुढ़वा भारी होत बा। कृपया इस सुझाव पर विचार करें।
ऐडमिन क्या उत्तर देते हैं उस पर मेरी भी नज़र रहेगी. लेकिन अभी तक सम्पन्न सभी भोजपुरी आयोजनों के सभी पन्ने /रचनाएँ/ टिप्पणियाँ किसने-किसने देखी/ पढ़ी है.?
आयोजन में भोजपुरी का कौन सा स्वरूप अपनाया गया है इस पर कौन बोलेगा ?
सम्मानीय एडमिन सर जी, सुप्रभात व सादर प्रणाम स्वीकार करें! सर जी, आज भोजपुरी ने पूरे भारत में अपनी एक अलग पहचान सरसता, सहजता और मधुरता के रूप में स्थापित कर लिया है। इसलिए भी आदरणीय अरून सर जी की बात को गंभीरता से लिए जाने का एक सुनहरा अवसर प्रतीत होता है। मैं भी अरून निगम सर जी से सहमत हूं और उनके निम्न कथन का समर्थन करता हूं। कृपया मेरी सलाह पर विचार करेंगे, १-ओबीओ भोजपुरी काव्य प्रतियोगिता को ’ओबीओ भोजपुरी एवम् आंचलिक काव्य प्रतियोगिता’ कर देने से अन्य अंचल के रचनाकार भी लाभान्वित होंगे और प्रतियोगिता अखिल भारतीय स्तर की हो जाएगी। २-पुरस्कार प्रमाणपत्र के रूप में प्रदान किए जाने चाहिए। आदर एवं सद्भावनाओं सहित। सादर,
आदरणीय अरुण निगम जी की सलाह //ओबीओ भोजपुरी काव्य प्रतियोगिता को "ओबीओ भोजपुरी एवम् आंचलिक काव्य प्रतियोगिता" कर देने से अन्य अंचल के रचनाकार भी लाभान्वित होंगे और प्रतियोगिता अखिल भारतीय स्तर की हो जाएगी.// प्रथम दृष्टया तो बहुत सुन्दर और स्वागत योग्य प्रतीत हो रही है, पर यह प्रैक्टिकली एप्लीकेबल नहीं हो सकती...एक तो आँचलिक भाषाएँ अनगिन हैं..फिर हरियाणवी, जोधपुरी, कुमाऊंनी , कश्मीरी, गढ़वाली...आदि आदि सभी भाषाओं को एक ही आयोजन में सामान्य पाठक तो समझ भी तो नहीं सकते...तो उनमें कोई प्रतियोगिता तो संभव ही नहीं.
मेरे विचार से आँचलिक भाषाओं में लेखन को प्रोत्साहन देने के लिए एक उत्सव ज़रूर आयोजित किया जा सकता है.
विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी
Apr 8, 2012
Admin
आदरणीय विन्ध्येश्वरी प्रसाद जी, प्रमाण पत्र और पुरस्कार की राशि ड्राफ्ट के रूप में dispatch का कार्य किया जा रहा है , अगले १५ दिनों के अन्दर सभी को भेज दिया जायेगा ।
Apr 8, 2012
विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी
Apr 8, 2012
विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी
आप एडमिन से अनुरोध है कि 15+15=30 के स्थान पर 15+13=28करने की कृपा करें।
सादर।
Apr 17, 2012
Admin
यथोचित संशोधन कर दिया गया है, कृपया सम्बंधित टिप्पणी "उल्लाला छंद" पोस्ट में ही डाल दे, ताकि किसी भी भ्रम से बचा जा सके , आभार ।
Apr 17, 2012
PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA
आदरणीय प्रशासक जी, सादर अभिवादन.
Apr 17, 2012
Mukesh Kumar Saxena
Apr 22, 2012
Mukesh Kumar Saxena
Apr 22, 2012
विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी
Apr 22, 2012
Admin
प्रिय विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी जी , इस सम्बन्ध में आपसे शीघ्र ही दूरभाष द्वारा संपर्क किया जायेगा ।
Apr 22, 2012
विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी
Apr 22, 2012
Abhinav Arun
May 6, 2012
Albela Khatri
आदरणीय एडमिन महोदय,
आज मुख्य पृष्ठ पर ये पढ़ा तो अजीब सा लगा .........एक बार दृष्टिपात कर लें . यदि मेरा निवेदन ठीक हो तो संशोधन कर लें और ठीक न हो तो जाने दीजिये........ कोई फ़र्क नहीं पैंदा जी..........हा हा हा हा
ऐसा है :
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचना और विचार उनकी निजी सम्पति है जिससे सहमत होना OBO प्रबंधन के लिये आवश्यक नहीं है | OBO पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप मे प्रयोग बिना लेखक या प्रबंधन के अनुमति के बिना करना वर्जित है |
ऐसा होना चाहिए :
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचना और विचार उनकी निजी सम्पत्ति है जिससे सहमत होना OBO प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | OBO पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना करना वर्जित है |
Jun 15, 2012
Admin
आदरणीय अलबेला जी, आवश्यक व यथोचित संसोधन कर दिया गया है ।
Jun 15, 2012
विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी
करबद्ध नमन!
सखेद आपको सादर अवगत कराना है कि चित्र से काव्य तक प्रतियोगिता अंक-13 के द्वितीय विजेता का प्रमाण-पत्र व पुरस्कार राशि अभी तक मुझे प्राप्त नहीं हुआ।क्या डिपैच करने में अभी और समय लगेगा।
आपका
विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी
Jun 23, 2012
Admin
प्रिय विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी जी प्रमाण पत्र और पुरस्कार राशि शीघ्र ही आपको उपलब्ध करा दी जाएगी ।
Jun 26, 2012
Albela Khatri
Aug 1, 2012
SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR
आदरणीय एडमिन महोदय जून माह के लिए ,महीने की सर्व श्रेष्ट रचना पुरस्कार के लिए चयनित मेरी रचना " उगता सूरज धुंध में " को घोषित किया गया प्रमाण पत्र व पुरस्कार राशि मुझे अभी तक नहीं मिल पायी है आप के साथ सफ़र के यादगार पल के लिए ये मिलना जरुरी है ये इच्छा है कृपया जांचें और बताएं
Aug 2, 2012
SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR
आदरणीय एडमिन महोदय ... जय श्री राधे ..... क्या सुझाव और शिकायत में दर्ज प्रतिक्रियायों के साथ रिप्लाई बाक्स लगाना संभव नहीं है कि आप इन सुझाव शिकायतों का प्रत्युत्तर यही इस टिप्पणी के साथ दे दें .....ताकि अपने जबाब के लिए सारे पृष्ठ न ढूँढने पड़ें
Aug 2, 2012
Admin
@अलबेला जी---- यदि रचना अनुमोदित नहीं हुई तो वह अनुमोदन के योग्य नहीं रही होगी ।
Aug 3, 2012
Admin
@भ्रमर जी ----आप की रचना पिछले महीने (जुलाई १२) में चयनित हुई थी, अभी तक आप के द्वारा पत्राचार विवरणी अप्राप्त है , आपको पुरस्कार राशि रु ५५१ और प्रशस्ति पत्र शीघ्र उपलब्ध करा दिया जायेगा.
इस नामित कृपया आप अपना नाम (चेक / ड्राफ्ट निर्गत हेतु) तथा पत्राचार का पता व फ़ोन नंबर, ड्राफ्ट कहाँ के लिए भुगतान होगा आदि
admin@openbooksonline.com पर उपलब्ध करा दें |
Aug 3, 2012
Admin
@भ्रमर जी --- यहाँ प्राप्त सुझाव-शिकायतों का प्रतिउत्तर यहीं दिया जाता है ।
Aug 3, 2012
कुमार गौरव अजीतेन्दु
आदरणीय एडमिन महोदय...........चित्र से काव्य तक प्रतियोगिता अंक - १७ के द्वितीय विजेता का प्रमाणपत्र और राशि मुझे अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है.....कृपया थोडा ध्यान दें.......
Sep 22, 2012
Admin
दिनांक 27 अगस्त -12 को घोषित "चित्र से काव्य तक" प्रतियोगिता अंक 17 के द्वितीय विजेता का पुरस्कार (प्रमाण पत्र और पुरस्कार राशि का चेक) श्री कुमार गौरव अजितेंदु जी को हाथों हाथ दिनांक 8 अक्तूबर - 12 को उपलब्ध करा दिया गया ।
Nov 29, 2012
rishabh shukla
sir mai ek shakuntala namak kavita post kiya tha . lekin apne use ye kahakar unproved kar diya ki ye kavita pahale hi publish ho chuki hai . lekin maine to kabhi apani rachana yaha post nahi ki ho sakata hai ki sirph kavita ka shirsak dusari kavita se milata ho . Please is bat par gaur kijiyega.
dhanyavad
Feb 8, 2013
Admin
रिषभ शुक्ल जी , मैसेज के साथ आपको एक ओ बी ओ नियम सम्बंधित एक लिंक भी दिया गया था , संभवतः आप नियमों को अभी तक नहीं पढ़ सके हैं, आपकी रचना यहाँ प्रकाशित होने के लिए अंतर्जाल / इन्टरनेट पर किसी ब्लागस्पाट सहित किसी भी साईट पर प्रकाशित नहीं होनी चाहिए ।
पुनः लिंक देखें ...
http://openbooksonline.com/page/5170231:Page:12658
Feb 8, 2013
बृजेश नीरज
आदरणीय
मेरा एक अनुरोध है कि जिस तरह अन्य जगह टिप्पणी का प्रत्युत्तर देने के लिए विकल्प टिप्पणी के नीचे दिया जाता है उसी तरह रचना के नीचे टिप्पणी का प्रत्युत्तर देने का विकल्प प्रदान करने का कष्ट करें। वर्तमान व्यवस्था में किसी टिप्पणी का प्रत्युत्तर टिप्पणी के रूप में पोस्ट होता है जिससे बात बनती नहीं !
Feb 25, 2013
Abhinav Arun
आदरणीय ! यदि कमेन्ट में भी like करने का बटन हो सके तो .....
Feb 26, 2013
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
आदरणीय भाई अभिनव जी और बृजेश जी, जैसा कि आप जानते ही होंगे कि ओ बी ओ का वेब डिजाईन USA द्वारा किया गया है,वर्तमान व्यवस्था में अभी दोनों बातें संभव नहीं है, किन्तु आप दोनों का सुझाव बढ़िया है इसे टेक्निकल टीम को भेजा दिया जायेगा ।
Mar 1, 2013
Abhinav Arun
बहुत आभार श्री गणेश जी ! बटन से ये तो हो जाएगा की कमेन्ट पढ़ा - देखा एवं सराहा गया । तो आसानी हो जायेगी । कई बार अधिक लोड या शाम के समय नेट ट्राफिक के कारण कई बार पेज जम्प करने लगता और कुछ लोड नहीं हो पाता ऐसे में बटन हो सकता है काम करे ।
Mar 1, 2013
बृजेश नीरज
सुझाव पर विचार करने के लिए आभार!
Mar 1, 2013
बृजेश नीरज
आदरणीय प्रबंधन मंडल के सदस्यगण!
आपके इस साइट पर जो कक्षाएं चल रही हैं उनका मैं सदस्य बना हूं। उन कक्षाओं में उल्लिखित जानकारी के आधार पर मैंने कुछ नया लिखने का प्रयास किया लेकिन उससे संतुष्ट न होते हुए मेरे मन में जिज्ञासा हुई कि मेरे द्वारा लिखा गया नियमानुकूल है अथवा नहीं इसलिए मैंने अपना एक दोहा और एक चैपाई छंद उन कक्षाओं के संचालकों के मार्गदर्शन हेतु पोस्ट किए थे। मेरे विचार से यह आपत्ति का विषय नहीं होना चाहिए। यदि कक्षा संचालित है तो प्रथम लेखन पर मार्गदर्शन आवश्यक है।
छंद के क्षेत्र में मात्रा गणना को सीखने के लिए कुछ दो एक लाइनें लिखकर उन्हें जांचा जाए तो ही बात बनती है। एक पूरी रचना लिखना और फिर उसका नियमानुकूल न होना रचनाकार को न केवल कष्ट देता है वरन हतोत्साहित भी करता है।
अपने पेज पर ऐसी कोई स्तरहीन रचना पोस्ट कर देना भी रचनाकार के स्तर में गिरावट प्रदर्शित करता है और उसकी महत्ता को कमतर करता है इसलिए ऐसे प्रयासों पर चर्चा के लिए किसी रचना को पोस्ट करना आवश्यक न होकर यदि कक्षा में चर्चा कर ली जाए तो उचित होगा।
एक दूजे की न सुनते = १४ मात्राएँ, १३ होनी चाहिए."
आखिर 14 मात्रायें कैसे हैं यह मुझे कैसे स्पष्ट होगा?
यदि सीखने सिखाने की प्रक्रिया यहां संचालित है तो मेरा अनुरोध है कि मात्रा गणना और बहर के लिए अलग कक्षा की आवश्यकता है जिसमें विस्तृत चर्चा के साथ ही नए रचनाकारों द्वारा रचित रचनाओं पर वांछित मार्गदर्शन भी दिया जाए। इसके बिना बात बनेगी नहीं।
आशा है आप मेरे अनुरोध पर विचार करेंगे और त्रुटियों को क्षमा करेंगे।
सादर!
Mar 2, 2013
सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey
भाई बृजेशजी, भारतीय छंद विधान नामक समूह में यदि आप जायेंगे तो वहाँ आपको कई पोस्ट यथा -
हिन्दी छन्द परिचय, गण, मात्रा गणना, छन्द भेद तथा उपभेद - (भाग १)
हिन्दी छन्द परिचय, गण, मात्रा गणना, छन्द भेद तथा उपभेद - (भाग 2)
मिलेंगे जिनके माध्यम से आपको आवश्यक जानकारी मिलेगी.
आप उन्हें पढ़े और तदनुरूप प्रयास करें.
सर्वोपरि, आप पहले व्यक्ति नहीं हैं जिन्हें इस क्षेत्र के विधानों की आधारभूत जानकारियाँ लेनी है. ओबीओ के एकाध वरिष्ठ सदस्यों को छोड़ दे जाय तो लगभग सभी सदस्यों ने यहीं, इसी पटल पर परस्पर सीखने-सिखाने के क्रम में आधारभूत जानकारियाँ प्राप्त की हैं.खाकसार भी इसी मंच पर काव्य की कतिपय विधाएँ सीख रहा है. और सीखने यह प्रयास अनवरत है.
शुभ-शुभ
Mar 2, 2013
बृजेश नीरज
आदरणीय सौरभ जी,
मेरी जिज्ञासा उन लेखों को पढ़ने और मनन करने के बाद उत्पन्न हुई। समस्या विकट नहीं छोटी सी है। मात्रा गणना का सत्यापन चाहता था कि मैंने जो सीखा वह सही है अथवा नहीं।
दूसरा दोहे से संबंधित मेरे प्रश्न पर की गयी टिप्पणी से संदेह बढ़ा।
बहरहाल आपको आज कई बार कष्ट दिया इसके लिए क्षमा और आपने मुझे आज पर्याप्त समय दिया इसके लिए धन्यवाद!
सादर!
Mar 2, 2013
सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey
कोई बात नहीं, बृजेश भाईजी, ओबीओ ही नहीं कोई मंच आपकी जिज्ञासा की तीव्रता के अनुसार जानकारियाँ जुटा देगा, प्रयास आपको ही करना है. दौड़ने का तरीका हमें सुधीजन और गुरुजन बता देते हैं उसके बाद दौड़ना हमें ही होता है,भाईजी. सीखने-सिखाने के मंच पर आयोजन भी होते हैं उनमें भाग लें, वहाँ की चर्चाएँ और परिचर्चाएँ होती हैं उन्हें आप जरूर देखें.
कोई रचनाकार एकदम से कालजयी रचनाएँ लिखना नहीं शुरु कर देता भाई. प्रयास को कृपया कमतर न समझें.
जानकारियों के क्रम में बार-बार पूछना आवश्य है जबतक कि पूरी संतुष्टि न हो जाय. मेरा आना आपको बुरा नहीं लगना चाहिये. मैं उपलबध नहीं हुआ तो कोई और उपलब्ध हो जायेगा और आपके लिए जानकारी उपलब्ध करा देगा.
//एक दूजे की न सुनते = १४ मात्राएँ, १३ होनी चाहिए."
आखिर 14 मात्रायें कैसे हैं यह मुझे कैसे स्पष्ट होगा?//
ए(२) क(१) दू(२)जे(२) की(२) न(१) सु(१)न(१)ते(२) = कुल योग १४
सधन्यवाद
Mar 3, 2013
बृजेश नीरज
क्या ओ बी ओ के प्रोफाइल को फेसबुक पर शेयर किया जा सकता है? अपना पेज फेसबुक से कनेक्ट किया जा सकता है? कृपया प्रक्रिया बताने का कष्ट करें।
Apr 2, 2013
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
बृजेश जी, आप अपने प्रोफाइल को, स्वयं / किसी की रचना लिंक को फेस बुक/ अन्य साईट/ ब्लागस्पाट आदि पर शेयर कर सकते है, इसके लिए आप्शन प्रोफाइल/ रचना में निहित है, साथ ही यू आर एल को कॉपी कर भी अन्यत्र पेस्ट कर सकते है ।
Apr 2, 2013
बृजेश नीरज
आपका आभार! दरअसल मैं डर रहा था कि दिए आॅप्शन का प्रयोग करने से इसलिए मैंने उचित समझा पहले आपसे मार्गदर्शन प्राप्त करना। आपको कष्ट दिया इसके लिए क्षमा!
Apr 2, 2013
बृजेश नीरज
एक जानकारी चाहता था कि यदि साहित्य से संबंधित कोई लेख पोस्ट करना हो तो उसे सीधे अपने पन्ने पर ही पोस्ट किया जाना चाहिए अथवा किसी समूह में पोस्ट करने का प्रावधान है।
सादर!
Apr 4, 2013
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
प्रिय बृजेश जी, सर्व प्रथम आप सभी समूहों को देख लें, यदि आपका लेख उक्त समूहों से इतर विषय पर हैं तो मुख्य ब्लॉग मे पोस्ट कर दें |
Apr 4, 2013
सदस्य कार्यकारिणी
अरुण कुमार निगम
आदरणीय एडमिन महोदय,
कृपया मेरी सलाह पर विचार करेंगे,
१.ओबीओ भोजपुरी काव्य प्रतियोगिता को "ओबीओ भोजपुरी एवम् आंचलिक काव्य प्रतियोगिता" कर देने से अन्य अंचल के रचनाकार भी लाभान्वित होंगे और प्रतियोगिता अखिल भारतीय स्तर की हो जाएगी.
२.पुरस्कार प्रमाणपत्र के रूप में प्रदान किए जाने चाहिए.
सदर...
May 20, 2013
vijay nikore
आदरणीय अरुण जी:
मैं आपकी राय से सहमत हूँ।
सादर,
विजय निकोर
May 20, 2013
अरुन 'अनन्त'
आदरणीय एडमिन महोदय,
मैं भी आदरणीय श्री अरुण निगम सर जी से सहमत हूँ. आयोजन में शामिल होने की इच्छाएं इतनी बढ़ गई हैं कि शामिल न होने पर न तो नींद आती है ठीक से और न ही जागा जाता है. विवशता वश यह आयोजन भोजपुरी पर आधारित होने के कारण केवल टुकटुकी लगाये देख सकते हैं बस.
मेरे हिसाब से आदरणीय गुरुदेव श्री के द्वारा उठाये गए दोनों प्रश्न ही आवश्यक हैं कृपया विचार विमर्श करें. उम्मीद है जैसे आज तक निरशा नहीं मिली यहाँ से आगे भी नहीं मिलेगी. सादर
May 20, 2013
Ashok Kumar Raktale
आदरणीय एडमिन जी सादर, आदरणीय अरुण निगम जी का सुझाव बहुत सुन्दर है, मुझे ख़ुशी होगी यदि इस पर विचार किया जाए.
May 20, 2013
बृजेश नीरज
आदरणीय एडमिन साहब!
मैं आदरणीय अरूण निगम जी के सुझाव से सहमत हूं और अरून शर्मा जी की जो व्यथा है वही मेरी भी व्यथा है। आयोजन में सम्मिलित होना आदत सी बनती जा रही है। ऐसे में ई आयोजन मा हम कइसे शामिल होइबै इहै सोच सोच मुढ़वा भारी होत बा।
कृपया इस सुझाव पर विचार करें।
May 20, 2013
सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey
ऐडमिन क्या उत्तर देते हैं उस पर मेरी भी नज़र रहेगी. लेकिन अभी तक सम्पन्न सभी भोजपुरी आयोजनों के सभी पन्ने /रचनाएँ/ टिप्पणियाँ किसने-किसने देखी/ पढ़ी है.?
आयोजन में भोजपुरी का कौन सा स्वरूप अपनाया गया है इस पर कौन बोलेगा ?
May 20, 2013
वीनस केसरी
मेरे विचार में आयोजन को समुचित विस्तार देने के लिए उचित निवेदन किया गया है
अरुण निगम जी का सुझाव सुन्दर है
सादर
May 21, 2013
केवल प्रसाद 'सत्यम'
सम्मानीय एडमिन सर जी, सुप्रभात व सादर प्रणाम स्वीकार करें! सर जी, आज भोजपुरी ने पूरे भारत में अपनी एक अलग पहचान सरसता, सहजता और मधुरता के रूप में स्थापित कर लिया है। इसलिए भी आदरणीय अरून सर जी की बात को गंभीरता से लिए जाने का एक सुनहरा अवसर प्रतीत होता है।
मैं भी अरून निगम सर जी से सहमत हूं और उनके निम्न कथन का समर्थन करता हूं। कृपया मेरी सलाह पर विचार करेंगे,
१-ओबीओ भोजपुरी काव्य प्रतियोगिता को ’ओबीओ भोजपुरी एवम् आंचलिक काव्य प्रतियोगिता’ कर देने से अन्य अंचल के रचनाकार भी लाभान्वित होंगे और प्रतियोगिता अखिल भारतीय स्तर की हो जाएगी।
२-पुरस्कार प्रमाणपत्र के रूप में प्रदान किए जाने चाहिए।
आदर एवं सद्भावनाओं सहित। सादर,
May 21, 2013
सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh
आदरणीय एडमिन महोदय,
आदरणीय अरुण निगम जी की सलाह //ओबीओ भोजपुरी काव्य प्रतियोगिता को "ओबीओ भोजपुरी एवम् आंचलिक काव्य प्रतियोगिता" कर देने से अन्य अंचल के रचनाकार भी लाभान्वित होंगे और प्रतियोगिता अखिल भारतीय स्तर की हो जाएगी.// प्रथम दृष्टया तो बहुत सुन्दर और स्वागत योग्य प्रतीत हो रही है, पर यह प्रैक्टिकली एप्लीकेबल नहीं हो सकती...एक तो आँचलिक भाषाएँ अनगिन हैं..फिर हरियाणवी, जोधपुरी, कुमाऊंनी , कश्मीरी, गढ़वाली...आदि आदि सभी भाषाओं को एक ही आयोजन में सामान्य पाठक तो समझ भी तो नहीं सकते...तो उनमें कोई प्रतियोगिता तो संभव ही नहीं.
मेरे विचार से आँचलिक भाषाओं में लेखन को प्रोत्साहन देने के लिए एक उत्सव ज़रूर आयोजित किया जा सकता है.
सादर.
May 21, 2013
vijay nikore
आदरणीय एडमिन महोदय,
मेरे दिए हुए कल के निम्न comment में मैंने practicality के विषय पर ध्यान नहीं दिया था,
अत: मैं आदरणीया प्राची जी के कथन से सहमत हूँ कि यह सलाह //" प्रैक्टिकली एप्लीकेबल नहीं हो सकती"//
सादर,
विजय निकोर
May 21, 2013