आदरणीय कुशवाहा जी सादर नमन!महीने का सर्वाधिक सक्रिय सदस्य चुने जाने पर आपको हार्दिक बधाई।आपने सक्रिय रहकर हम नवोदितों का मार्गनिर्देशन किया उसके लिए हम चिरऋणी रहेंगे। पुन: सादर नमन।
प्रदीप जी सादर नमस्कार ! आप स्वास्थ्य लाभ लेकर पुनः मंच पर उपस्थित हुए और अपनी स्नेह और आशीर्वाद से मुझे और मेरी ग़ज़ल को सरोबार किया इसके लिए आपका बहुत बहुत आभारी हूँ ! आपका बहुत बहुत धन्यवाद!
पूज्यवर ,आपने मुझे मित्रता हेतु योग्य समझा ,इससे बड़ा मेरा भाग्य क्या हो सकता है .....सर्वथा अपने पुत्र के समान समझकर अपना आशीर्वाद हमपर बनाये रखें ......
आदरणीय प्रदीप सर जी!
आप का प्र.- यह रचना नहीं है?
उत्तर- जो भी रचा जाये वही रचना है।
प्र.-फिर इसे खारिज क्यों किया गया?
उ.- क्योंकि यह रचना के मानदण्ड पर खरी नहीं है।
प्र.- कमी क्या है?
उ.- आपने लिखा है इसमें 24 मात्रा है। लेकिन गणना में कही कम कहीं अधिक है। अर्थात् आपके द्वारा निश्चित मात्रा विधान पर ही रचना खरी नहीं है। जहां तक मैं समझ पा रहा हूँ आपने गीत लिखने का प्रयास किया है।लेकिन आदरणीय गीत के भी कुछ अपने मानदण्ड होते हैं।जिसकी चर्चा बाद में करूंगा।प्रथम रचना पर हो जाये।अपनी रचना में आप मात्रा गणना देखिये-
आवल ह सन्देशा नौकरी पर बुलाये हैं
2 1 1 1 2 2 2 2 1 2 1 1 1 2 2 2=25 मात्रायें
खा गुड चना सत्त्तू संग पैसा बाँध लाये हैं
2 1 1 1 2 2 2 2 1 2 2 2 1 2 2 2=27मात्रायें
चल पड़े चरण माँ के छू पिता दुलराय हैं
1 1 1 2 1 1 1 2 1 2 1 2 1 1 2 1 2=23 मात्रायें
जो भी मिला साधन प्रथम धाय चढ़ जायहैं
2 2 1 2 2 1 1 2 1 1 2 1 1 1 2 1 2=25 मात्रायें
सपन बसाये नयनों के पूरे हो जाय हैं
1 1 1 1 2 2 1 12 2 2 2 2 2 1 2=25 मात्रायें
यही मन आस लिये दौड़े चले आये हैं
1 2 1 1 2 1 1 2 2 2 1 2 2 2 2=24 मात्रायें
आप स्वयं देख सकते हैं कि यह रचना खुद के बनाये मानदण्ड पर भी खरी नहीं।
साथ ही आपकी रचना में समान्त का भी निर्वहन ठीक नहीं है, जैसे- बुलाये हैं, लाये हैं, दुलराय हैं, जाय हैं, आये हैं आदि।
निष्कर्ष:-
इस प्रकार आपकी रचना महज तुकबंदी एवं भाव भर है।अत: इस खारिज किया गया है।
सुझाव:-
1- सर्व प्रथम आप मात्रा गणना के नियमों की जानकारी लें तथा उसे आत्मसात करें।
2- अपनी रचना में मात्राओं की संख्या निर्धारित कर प्रत्येक चरण में (पंक्ति में) उसका निर्वहन करें।
या
3- गेयता के अनुसार आपकी रचना वीर छंद तथा मात्रा के अनुसार रोला छंद के अधिक निकट है। ओ.बी.ओ. पर भारतीय छंद विधान समूह (http://www.openbooksonline.com/group/chhand/forum/topics/5170231:To..., http://www.openbooksonline.com/group/chhand/forum/topics/2) में जाकर आप वीर छंद (http://www.openbooksonline.com/group/chhand/forum/topics/5170231:To...) तथा रोला छंद (http://www.openbooksonline.com/group/chhand/forum/topics/5170231:To...) की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।तदनुरूप इस रचना को वीर छंद या रोला छंद में ढाल सकते हैं।
4- समान्त दोष न आने दें।
परम् आदरणीय कुशवाहा सर जी सादर नमन्।
महोदय आपने इस तरह से मेरी प्रत्येक रचना का अनुमोदन किया,कि मेरा उत्साह यरम पर पहुंच गया।
आगे भी स्नेह बनाए रखने की आपसे विनयी हूं।
महोदय किसी समस्या के कारण मैं अभी किसी आदरणीय को friend request नहीं भेज पाई,निवेदन कर के मांगी है,सो आपसे भी निवेदन है।
यह दिक्कत शायद मोबाइल प्रयोग के कारण हो रही हो!
सादर प्रतीक्षा में
वन्दना
प्रदीपजी , नमस्कार , आपकी रचनाएँ ,कविता हों या लेख , सभी उदेश्य को समेटे उत्कृष्ट होते हैं . सौजन्यता और स्नेह को मित्रता का अवदान दिया आपने ,कृतज्ञ हूँ .लेखनी की चमक दिनानुदिन प्रभावी हो ,अनेकानेक शुभाशंसाएं .
आदरणीय प्रदीप सिंह कुशवाहा जी, सादर अभिवादन ! मुझे यह बताते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी रचना "आदमी" को "महीने की सर्वश्रेष्ठ रचना" सम्मान के रूप मे सम्मानित किया गया है, तथा आप की छाया चित्र को ओ बी ओ मुख्य पृष्ठ पर स्थान दिया गया है | इस शानदार उपलब्धि पर बधाई स्वीकार करे | आपको प्रसस्ति पत्र शीघ्र उपलब्ध करा दिया जायेगा, इस निमित कृपया आप अपना पत्राचार का पता व फ़ोन नंबर admin@openbooksonline.com पर उपलब्ध कराना चाहेंगे | मेल उसी आई डी से भेजे जिससे ओ बी ओ सदस्यता प्राप्त की गई हो |
शुभकामनाओं सहित आपका गणेश जी "बागी संस्थापक सह मुख्य प्रबंधक ओपन बुक्स ऑनलाइन
Arun Sri
सक्रिय सदस्य चुने जाने पर बधाई स्वीकारें आदरणीय !
Apr 1, 2012
आशीष यादव
active member of month chune jane par aapko badhai.
Apr 1, 2012
संदीप द्विवेदी 'वाहिद काशीवासी'
बधाईयां आदरणीय प्रदीप जी.. महीने के सक्रियतम सदस्य चुने जाने हेतु!!
Apr 1, 2012
JAWAHAR LAL SINGH
पुन: सादर नमन।
Apr 1, 2012
मनोज कुमार सिंह 'मयंक'
एक महीने से यहाँ,चिपके हैं दिन रात|
काव्य मंच से चल रहा है सार्थक संवाद|
है सार्थक संवाद,बहुत कुछ करना बाकी|
प्रतिफल में मुखपृष्ठ मनोहर,सुन्दर झांकी|
कहे मनोज कुमार की बन्दा है यह बड़ा ही नेक|
बहुत बधाई कुशवाहा जी,लीजे रचना एक|| आदरणीय कुशवाहा जी हार्दिक बधाइयाँ
Apr 1, 2012
Abhinav Arun
श्री प्रदीप जी को माह का सक्रीय सदस्य चुने जाने पर हार्दिक बधाई !!
Apr 2, 2012
मनोज कुमार सिंह 'मयंक'
आदरणीय प्रदीप जी..आप फेसबुक पर भी मुझसे जुड़े हुए हैं..फिर यहाँ तो आपसे मैत्री करनी ही थी|आपका कोटि कोटि अभिनन्दन|
Apr 2, 2012
SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR
आदरणीय प्रदीप जी हार्दिक धन्यवाद और ढेर सारी बधाइयाँ माह का सक्रिय सदस्य का ख़िताब पाने हेतु ..ये ब्लॉग उत्तरोत्तर प्रगति करे दुवा है
Apr 5, 2012
SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR
जय हो बाबा काशी विश्वनाथ जी की ...आप सभी बन्धु बांधव को यहाँ देख मन गद गद हुआ --जमेगी --लगता है हम विलम्ब से पहुंचे ....भ्रमर 5
Apr 5, 2012
RAJEEV KUMAR JHA
आदरणीय प्रदीप जी,महीने का सक्रिय सदस्य बनने पर बधाई !!
Apr 6, 2012
Sarita Sinha
adarniy kushwaha ji, sadar namaskar,
nayi jagah hai, kuchh chakit kuchh vismit si hu,
kuchh galat ho jaye to kshma kijiye ga....
ap ko mahine ka sakriy sadasy banne ki bahut bahut badhai....
Apr 8, 2012
Mukesh Kumar Saxena
आदरणीय कुशवाह जी मै आपका आभारी हूँ जो आपने फर्क और पात्रता (परिद्रश्य ) में सराहा यह पहिचान मुझे ओपन बुक्स से मिली है मै ओ बी ओ का भी आभारी हूँ.
Apr 8, 2012
SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR
स्नेही आदरणीय प्रदीप जी आप का बहुत बहुत आभार इस मंच पर अभिवादन के लिए क्यों ना हम मिलेंगे जब मन मिलेंगे ..जय श्री राधे
Apr 9, 2012
Shashwat k.
Bohot Bohot Shookriya Pradeep Ji,
Anand-purn sthaan hai yeh..
Apr 9, 2012
MANISHI SINGH
dhanyvad, aadarniya kushwaha ji.
aapka sneh apekshit hai.
Apr 10, 2012
Sanjay Mishra 'Habib'
आदरणीय प्रदीप जी, आपकी सहृदय संवेदनाओं से बड़ा संबल मिला है...
सादर नमन।
Apr 29, 2012
डॉ. सूर्या बाली "सूरज"
प्रदीप जी सादर नमस्कार ! मैंने भी सोचा चल के देखूँ क्या हो रहा है यहाँ पे...
May 5, 2012
Roshni Dhir
dhanyawad Pardeep ji
May 6, 2012
Rekha Joshi
आदरनीय प्रदीप जी ,आशा करती हूँ कि आप मेरा मार्गदर्शन करते रहें गे ,धन्यवाद |
May 13, 2012
Rekha Joshi
hope u r fine
May 13, 2012
Rekha Joshi
आपका आशीर्वाद है
May 13, 2012
Rekha Joshi
I am always open to your suggestions,please guide me how to make friends here .
May 13, 2012
डॉ. सूर्या बाली "सूरज"
आदरणीय प्रदीप जी आपका आशीर्वाद मिला बहुत अच्छा लगा। आपका बहुत बहुत धन्यवाद !
Jun 1, 2012
Albela Khatri
हा हा हा हा हा हा
नहीं ये ठीक रहेगा ही ही ही ही ही ही
Jun 15, 2012
Rekha Joshi
Prdeep ji ,Thanks for your wishes
Jun 20, 2012
Albela Khatri
आपका प्यार सर आँखों पर आदरणीय प्रदीप जी,,,,,,,,,
लाख लाख अभिवादन !
Jul 16, 2012
डॉ. सूर्या बाली "सूरज"
प्रदीप जी सादर नमस्कार ! आप स्वास्थ्य लाभ लेकर पुनः मंच पर उपस्थित हुए और अपनी स्नेह और आशीर्वाद से मुझे और मेरी ग़ज़ल को सरोबार किया इसके लिए आपका बहुत बहुत आभारी हूँ ! आपका बहुत बहुत धन्यवाद!
Aug 4, 2012
कुमार गौरव अजीतेन्दु
Oct 8, 2012
MAHIMA SHREE
आदरणीय सर , सादर प्रणाम .
महोत्सव वाली रचना के लिए आपके विचार आज मैंने देखे / हार्दिक आभार / स्नेह बनाए रखे
Dec 27, 2012
अरुन 'अनन्त'
आदरणीय कुशवाहा सर आभार स्नेह यूँ ही बनाये रखें.
Jan 10, 2013
अरुन 'अनन्त'
सर आप मेरे मित्र से कहीं ज्यादा मेरे बड़े हैं सम्मानीय है.
Jan 10, 2013
Admin
आपकी रचना गणतंत्र दिवस पर अनुमोदित करने हेतु रोकी गई है ।
Jan 24, 2013
deepti arora
आदरणीय प्रदीप जी..स्नेह यूँ ही बनाये रखें...आभार .
Feb 8, 2013
ajay yadav
सादर प्रणाम ,नाना जी |
Feb 20, 2013
बृजेश नीरज
आपने मुझे मित्रता योग्य समझा इसके लिए आपका आभार!
Feb 22, 2013
ASHISH KUMAAR TRIVEDI
नमस्कार
आपने मेरी मित्रता स्वीकार की इसके लिए धन्यवाद। अपने लेखन के सम्बन्ध में आपकी राय का इंतज़ार रहेगा।
Mar 21, 2013
vijay nikore
आदरणीय प्रदीप जी;
आपका शत-शत धन्यवाद। आशा है कि आपके दिए हुए मनोबल से मैं ओ.बी.ओ. की कसौटी पर पूरा
उतर सकूँगा।
सादर और सस्नेह,
विजय निकोर
Apr 2, 2013
Kedia Chhirag
पूज्यवर ,आपने मुझे मित्रता हेतु योग्य समझा ,इससे बड़ा मेरा भाग्य क्या हो सकता है .....सर्वथा अपने पुत्र के समान समझकर अपना आशीर्वाद हमपर बनाये रखें ......
Apr 16, 2013
विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी
आप का प्र.- यह रचना नहीं है?
उत्तर- जो भी रचा जाये वही रचना है।
प्र.-फिर इसे खारिज क्यों किया गया?
उ.- क्योंकि यह रचना के मानदण्ड पर खरी नहीं है।
प्र.- कमी क्या है?
उ.- आपने लिखा है इसमें 24 मात्रा है। लेकिन गणना में कही कम कहीं अधिक है। अर्थात् आपके द्वारा निश्चित मात्रा विधान पर ही रचना खरी नहीं है। जहां तक मैं समझ पा रहा हूँ आपने गीत लिखने का प्रयास किया है।लेकिन आदरणीय गीत के भी कुछ अपने मानदण्ड होते हैं।जिसकी चर्चा बाद में करूंगा।प्रथम रचना पर हो जाये।अपनी रचना में आप मात्रा गणना देखिये-
आवल ह सन्देशा नौकरी पर बुलाये हैं
2 1 1 1 2 2 2 2 1 2 1 1 1 2 2 2=25 मात्रायें
खा गुड चना सत्त्तू संग पैसा बाँध लाये हैं
2 1 1 1 2 2 2 2 1 2 2 2 1 2 2 2=27मात्रायें
चल पड़े चरण माँ के छू पिता दुलराय हैं
1 1 1 2 1 1 1 2 1 2 1 2 1 1 2 1 2=23 मात्रायें
जो भी मिला साधन प्रथम धाय चढ़ जायहैं
2 2 1 2 2 1 1 2 1 1 2 1 1 1 2 1 2=25 मात्रायें
सपन बसाये नयनों के पूरे हो जाय हैं
1 1 1 1 2 2 1 12 2 2 2 2 2 1 2=25 मात्रायें
यही मन आस लिये दौड़े चले आये हैं
1 2 1 1 2 1 1 2 2 2 1 2 2 2 2=24 मात्रायें
आप स्वयं देख सकते हैं कि यह रचना खुद के बनाये मानदण्ड पर भी खरी नहीं।
साथ ही आपकी रचना में समान्त का भी निर्वहन ठीक नहीं है, जैसे- बुलाये हैं, लाये हैं, दुलराय हैं, जाय हैं, आये हैं आदि।
निष्कर्ष:-
इस प्रकार आपकी रचना महज तुकबंदी एवं भाव भर है।अत: इस खारिज किया गया है।
सुझाव:-
1- सर्व प्रथम आप मात्रा गणना के नियमों की जानकारी लें तथा उसे आत्मसात करें।
2- अपनी रचना में मात्राओं की संख्या निर्धारित कर प्रत्येक चरण में (पंक्ति में) उसका निर्वहन करें।
या
3- गेयता के अनुसार आपकी रचना वीर छंद तथा मात्रा के अनुसार रोला छंद के अधिक निकट है। ओ.बी.ओ. पर भारतीय छंद विधान समूह (http://www.openbooksonline.com/group/chhand/forum/topics/5170231:To..., http://www.openbooksonline.com/group/chhand/forum/topics/2) में जाकर आप वीर छंद (http://www.openbooksonline.com/group/chhand/forum/topics/5170231:To...) तथा रोला छंद (http://www.openbooksonline.com/group/chhand/forum/topics/5170231:To...) की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।तदनुरूप इस रचना को वीर छंद या रोला छंद में ढाल सकते हैं।
4- समान्त दोष न आने दें।
Apr 22, 2013
विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी
Apr 22, 2013
Vindu Babu
महोदय आपने इस तरह से मेरी प्रत्येक रचना का अनुमोदन किया,कि मेरा उत्साह यरम पर पहुंच गया।
आगे भी स्नेह बनाए रखने की आपसे विनयी हूं।
महोदय किसी समस्या के कारण मैं अभी किसी आदरणीय को friend request नहीं भेज पाई,निवेदन कर के मांगी है,सो आपसे भी निवेदन है।
यह दिक्कत शायद मोबाइल प्रयोग के कारण हो रही हो!
सादर प्रतीक्षा में
वन्दना
Apr 28, 2013
विजय मिश्र
May 20, 2013
वेदिका
आपकी कृपा और स्नेह सदैव बनाये रखिये आदरणीय प्रदीप जी!
सादर वेदिका
Jun 9, 2013
Sumit Naithani
jawab dair se dene ke liye ...mafi chaunga
Jun 10, 2013
annapurna bajpai
Sep 12, 2013
जितेन्द्र पस्टारिया
जन्मदिन की बहुत बहुत बधाई व् शुभकामनायें , आदरणीय प्रदीप जी
सादर!
Sep 15, 2013
बृजेश नीरज
आदरणीय प्रदीप जी आपका हार्दिक आभार! ये आपके आशीष का ही सुफल है!
सादर!
Oct 4, 2013
Sachin Dev
आदरणीय प्रदीप जी..... आपके स्नेह और अपनत्व का सदा आभारी और सदा आकांक्षी .... हार्दिक आभार आपका !
Oct 10, 2013
कल्पना रामानी
आदरणीय, कुशवाहा जी हार्दिक स्वागत।
Oct 11, 2013
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
आदरणीय प्रदीप सिंह कुशवाहा जी,
सादर अभिवादन !
मुझे यह बताते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी रचना "आदमी" को "महीने की सर्वश्रेष्ठ रचना" सम्मान के रूप मे सम्मानित किया गया है, तथा आप की छाया चित्र को ओ बी ओ मुख्य पृष्ठ पर स्थान दिया गया है | इस शानदार उपलब्धि पर बधाई स्वीकार करे |
आपको प्रसस्ति पत्र शीघ्र उपलब्ध करा दिया जायेगा, इस निमित कृपया आप अपना पत्राचार का पता व फ़ोन नंबर admin@openbooksonline.com पर उपलब्ध कराना चाहेंगे | मेल उसी आई डी से भेजे जिससे ओ बी ओ सदस्यता प्राप्त की गई हो |
शुभकामनाओं सहित
आपका
गणेश जी "बागी
संस्थापक सह मुख्य प्रबंधक
ओपन बुक्स ऑनलाइन
May 7, 2014