91 members
26 members
38 members
555 members
121 members
क्या ये सच है ? ऐसा लगता तों नहीं। बहुत बीमार हैं ? अरे नही , ईश्वर जल्द स्वस्थ करे.. ईश्वर से प्रार्थना। हमारे बीच नहीं रहे----------तेरा मेरा साथ --एक अधूरा सफर - आदरणीय अलबेला खत्री जी…Continue
Started this discussion. Last reply by rajesh kumari Apr 25, 2014.
होली मनाएं हम ------------------ हर वर्ष की तरह इस बार भी आपका अंगना होली हेतु तैयार है। घर की साफ़ सफाई , लिपाई -पुताई, हो चुकी है. करीने से सामान सुरक्षित कर दिया गया है. विभिन्न कारणों से घर से…Continue
Started this discussion. Last reply by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA Apr 10, 2014.
ब्रेकिंग समाचार
भैंस ने दूधिये कों मारी लात
दूध देने से किया इनकार
भ्रस्टाचार अब सहन नही
भैंस संघ का पलट वार
भैंस बोली सुनो ओ दूधिये
भ्रष्टाचार से तेरा गहरा नाता
देती मैं तुझको दूध खालिस
तू जी भर उसमे पानी मिलाता
चकित दूधिया पलट कर बोला
ये तों मेरा जन्म सिद्ध अधिकार
जानो वंशागत तेरी मेरी गति
सुन दूध देना तेरा है संस्कार
खालिस दूध कोई हजम न कर पाए
पी भी गया तों शीघ्र डाक्टर बुलवाए
दूधिया बोला सुन तू काली…
Posted on May 26, 2016 at 12:00pm — 2 Comments
कायर ( कहानी )
-------
रक्त दान -महा दान
--------------------
बढ़ते वजन से परेशान हैं, कैंसर के मरीज को देख -सुन कर भय होता है कि कहीं ये रोग आप को भी न लग जाए. हृदय रोग और हृदय आघात की संभावना कभी भी।
आप इन जोखिमों को कम कर सकते हैं यदि आप १८ से ६५ वर्ष की आयु के स्वस्थ वयस्क हैं। बस आपको करना है नियमित रक्त दान.
४५ कि.ग्राम से अधिक वजन वाले लोग तीन माह के अंतराल पर रक्त दान कर सकते हैं।
स्वेक्षिक रक्त दान से प्राप्त रक्त ही सबसे ज्यादा सुरक्षित रक्त होता है।…
Posted on August 5, 2015 at 4:54pm — 4 Comments
कविता (हास्य)
------------------
तत्व ज्ञान -न रहो अनजान
----------------------------
बीबी संग जब जाय बाजार
हथ बंधन बढ़िया है हथियार
चलो बीच सड़क दायें न बाएं
पिघलो नही लाख वो चिल्लाएं
बीबी के आगे किसकी चलती
बाहों में वो नागिन सी पलती
मियां होशियार अपने को माने
तब घोटाले में भिजवाती थाने
मानो बात तुम देखो गाइड
वहीदा ने जब मारी साइड
देती ज्ञान मेरा नाम जोकर
न रही वो कभी किसी की होकर
मौलिक / अप्रकाशित
प्रदीप…
Posted on August 1, 2015 at 9:30pm
सूरज बोला रात से, आना नदिया पास।
घूँघट ओढ़े मैं मिलूँ , मिल खेलेंगे रास । ।
गोद निशा रवि आ गया , सोया घुटने मोड़ ।
चन्दा भी अब चल पड़ा , तारा चादर ओढ़ । ।
पीड़ा वो ही जानता , खाए जिसने घाव ।
पाटन दृग रिसत रहे ,कोय न समझा भाव । ।
विरह मिलन दो पाट हैं, जानत हैं सब कोय ।
सबहि खुशी गम सम रहे, दुःख काहे को होय। ।
नदिया धीरे बह रही ; पुरवइया का जोर ।
चाँद ठिठोली कर रहा , चला क्षितिज जिस ओर । ।
बदरा घूँघट…
Posted on July 23, 2015 at 8:00pm — 4 Comments
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
Switch to the Mobile Optimized View
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
Comment Wall (76 comments)
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online
आपने मुझे अपना मित्र बना कर जो गौरव प्रदान किया उसके लिए हार्दिक आभार।
भविष्य में मार्गदर्शन और उत्साहवर्धन हेतु हार्दिक आभार ।
आदरणीय प्रदीप सिंह कुशवाहा जी महीने की सर्वश्रेष्ठ रचना चुने जाने पर आपको हार्दिक हार्दिक बधाई। आप ऐसे ही शीर्ष को छूते रहें।
मुख्य प्रबंधकEr. Ganesh Jee "Bagi" said…
आदरणीय प्रदीप सिंह कुशवाहा जी,
सादर अभिवादन !
मुझे यह बताते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी रचना "आदमी" को "महीने की सर्वश्रेष्ठ रचना" सम्मान के रूप मे सम्मानित किया गया है, तथा आप की छाया चित्र को ओ बी ओ मुख्य पृष्ठ पर स्थान दिया गया है | इस शानदार उपलब्धि पर बधाई स्वीकार करे |
आपको प्रसस्ति पत्र शीघ्र उपलब्ध करा दिया जायेगा, इस निमित कृपया आप अपना पत्राचार का पता व फ़ोन नंबर admin@openbooksonline.com पर उपलब्ध कराना चाहेंगे | मेल उसी आई डी से भेजे जिससे ओ बी ओ सदस्यता प्राप्त की गई हो |
शुभकामनाओं सहित
आपका
गणेश जी "बागी
संस्थापक सह मुख्य प्रबंधक
ओपन बुक्स ऑनलाइन
आदरणीय, कुशवाहा जी हार्दिक स्वागत।
आदरणीय प्रदीप जी..... आपके स्नेह और अपनत्व का सदा आभारी और सदा आकांक्षी .... हार्दिक आभार आपका !
आदरणीय प्रदीप जी आपका हार्दिक आभार! ये आपके आशीष का ही सुफल है!
सादर!
जन्मदिन की बहुत बहुत बधाई व् शुभकामनायें , आदरणीय प्रदीप जी
सादर!
jawab dair se dene ke liye ...mafi chaunga
View All Comments