"दोहावली***आती पूनम रात जब, मन में उमगे प्रीतकरे पूर्ण तब चाँदनी, मधुर मिलन की रीत।१।*चाहे दिनभर देह को, झुलसाती हो धूपपर पूनम की रात को, खिले धरा का रूप।२।*जहाँ अकेलापन लिए, होता…"
१२२/१२२/१२२/१२२ * कथा निर्धनों की कभी बोल सिक्के सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के।१। * महल को तिजोरी रहा खोल सिक्के कहे झोपड़ी का नहीं मोल सिक्के।२। * लगाता है सबके सुखों को पलीता बना रोज…See More
"खूबसूरत ग़ज़ल हुई, बह्र भी दी जानी चाहिए थी। ' बेदम' काफ़िया , शे'र ( 6 ) और ( 9 ) में प्रयुक्त हुआ, मेरी राय में, शे'र (6 ) में, हमदम और, (9 ) में, बरहम,…"
"अध्ययन करने के पश्चात स्पष्ट दृष्टिगोचर होता है, उद्देश्य को प्राप्त कर ने में यद्यपि लेखक सफल प्रतीत हुआ, तथापि लेख सुगठित नहीं है। दोहराव से बचा जाना चाहिए था। महेंद्र सिंह धोनी, प्रसिद्ध…"