आ. राकेश गुप्ता जी, आपकी रचना की हर पंक्ति बहर से ख़ारिज है, इसलिए इसे ग़ज़ल नहीं कहा जा सकता। सबसे पहले इसी मंच पर दिए गए आलेखों के अनुसार मात्राओं की गिनती किस प्रकार की जाती है उसका अभ्यास करें। इसके लिए शुरुआत में इसी मंच पर मौजूद मोहतरम समर कबीर साहिब की ग़ज़लों का अध्ययन कर सकते हैं।
श्री राकेश गुप्ता जी, अगर आप ओबीओ परिवार की नीतियों से सहमत नही हैं तो अलविदा। हम भी किसी को अपनी नीतियों के खिलाफ जाने की इजाज़त नही देते। आपकी सदस्यता तुरन्त प्रभाव से समाप्त की जा रही हैं।
V.M.''vrishty''
Oct 15, 2018
सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर"
आ. राकेश गुप्ता जी, आपकी रचना की हर पंक्ति बहर से ख़ारिज है, इसलिए इसे ग़ज़ल नहीं कहा जा सकता। सबसे पहले इसी मंच पर दिए गए आलेखों के अनुसार मात्राओं की गिनती किस प्रकार की जाती है उसका अभ्यास करें। इसके लिए शुरुआत में इसी मंच पर मौजूद मोहतरम समर कबीर साहिब की ग़ज़लों का अध्ययन कर सकते हैं।
Feb 24, 2019
प्रधान संपादक
योगराज प्रभाकर
श्री राकेश गुप्ता जी, अगर आप ओबीओ परिवार की नीतियों से सहमत नही हैं तो अलविदा। हम भी किसी को अपनी नीतियों के खिलाफ जाने की इजाज़त नही देते। आपकी सदस्यता तुरन्त प्रभाव से समाप्त की जा रही हैं।
Feb 24, 2019