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"वाह !!!!!! बहुत खूबसूरत गजल कही है आपने आदरणीय रवि जी । मसीह बन के फिर आओ तो कुछ दवा…"

kanta roy replied Sep 25, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-63

645 Sep 26, 2015
Reply by D.K.Nagaich 'Roshan'

"वाह !!!! कितनी खूबसूरत बात कही है ये इस्तेहारों वाली । उस अखबार का पता जरा हमें भी म…"

kanta roy replied Sep 25, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-63

645 Sep 26, 2015
Reply by D.K.Nagaich 'Roshan'

"सुनो जी मेघ मेरे यार के शहर में बरस। यहाँ पे पीर है कितनी उसे पता ही लगे।। ..... वाह…"

kanta roy replied Sep 25, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-63

645 Sep 26, 2015
Reply by D.K.Nagaich 'Roshan'

"बैसाखियाँ किसी को चलना, सिखाती नहीं है चला रहा जो सबको , वो होंसला ही लगे .... वाह !…"

kanta roy replied Sep 25, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-63

645 Sep 26, 2015
Reply by D.K.Nagaich 'Roshan'

"वाह !!!!! क्या खूब गजल हुई है । बधाई आपको आदरणीय मनोज कुमार जी ।"

kanta roy replied Sep 25, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-63

645 Sep 26, 2015
Reply by D.K.Nagaich 'Roshan'

"मिला हे हंस के वो मुझसे मेरे गले भी लगा मगर मुझे तो वो अब भी खफा खफा ही लगे .......…"

kanta roy replied Sep 25, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-63

645 Sep 26, 2015
Reply by D.K.Nagaich 'Roshan'

"बहुत खूब भाव बने है हर अशआर के । बधाई आदरणीय मोहन जी"

kanta roy replied Sep 25, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-63

645 Sep 26, 2015
Reply by D.K.Nagaich 'Roshan'

"किसी अजीज ने दिल का यकीन तोड़ा था हुए हैं बरसों मगर ज़ख़्म वो हरा ही लगे ..... वाह !…"

kanta roy replied Sep 25, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-63

645 Sep 26, 2015
Reply by D.K.Nagaich 'Roshan'

"" जुनून - ए - शौक " से जो पढना शुरू की तो गजल के आखिरी सिरे पर ही जाकर रूक पाई हूँ ।…"

kanta roy replied Sep 25, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-63

645 Sep 26, 2015
Reply by D.K.Nagaich 'Roshan'

"जमाने के बिगड़े हालातों को क्या खूब समेटे है आपने अपने गजल में । बहुत खूब गजल बनी है…"

kanta roy replied Sep 25, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-63

645 Sep 26, 2015
Reply by D.K.Nagaich 'Roshan'

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सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई ग़ज़ल की सराहना  के लिए आपका हार्दिक आभार "
12 hours ago
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Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
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Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय कपूर साहब नमस्कार आपका शुक्रगुज़ार हूँ आपने वक़्त दिया यथा शीघ्र आवश्यक सुधार करता हूँ…"
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Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
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Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
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Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ​आपकी टिप्पणी एवं प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
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Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय आज़ी तमाम जी, प्रोत्साहन के लिए हार्दिक आभार।"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आ. भाई तमाम जी, हार्दिक आभार।"
Sunday

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