For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Anil Kumar Singh's Discussions (282)

Discussions Replied To (277) Replies Latest Activity

"नाहक जी एक अच्छी ग़ज़ल की बधाई .दूसरे शेर में ऊला और सानी में 'तो' लफ्ज़ का दुहराव दूर…"

Anil Kumar Singh replied Sep 24, 2021 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-135

284 Sep 25, 2021
Reply by नादिर ख़ान

"बहुत अच्छी ग़ज़ल की बधाई मोहतरमा .चौथे शेर में कुछ रवानी की कमी लगी . 'लौटेंगे टूटा दि…"

Anil Kumar Singh replied Sep 24, 2021 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-135

284 Sep 25, 2021
Reply by नादिर ख़ान

"वाह ..बहुत ख़ूब . मकता ख़ास तौर पर अच्छा लगा . मतले में ' वफ़ा को पा न सके ' ये प्रयोग…"

Anil Kumar Singh replied Sep 24, 2021 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-135

284 Sep 25, 2021
Reply by नादिर ख़ान

"शुक्रिया जनाब "

Anil Kumar Singh replied Sep 24, 2021 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-135

284 Sep 25, 2021
Reply by नादिर ख़ान

"बहुत ही अच्छी गजल हुई , बधाई हो .. चौथा शेर सर्वाधिक पसंद आया ... मकते में  'प ' का…"

Anil Kumar Singh replied Sep 24, 2021 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-135

284 Sep 25, 2021
Reply by नादिर ख़ान

"बहुत बहुत धन्यवाद मान्यवर "

Anil Kumar Singh replied Sep 24, 2021 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-135

284 Sep 25, 2021
Reply by नादिर ख़ान

"गो तंग आ गए हैं मुसलसल ख़िज़ाँ से हम रखते नहीं हैं फिर भी गिला बाग़बाँ से हम वो कहते…"

Anil Kumar Singh replied Sep 24, 2021 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-135

284 Sep 25, 2021
Reply by नादिर ख़ान

"सुन्दर आयोजन की मुबारक़बाद क़बूल फ़रमाएँ "

Anil Kumar Singh replied Sep 24, 2021 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-135

284 Sep 25, 2021
Reply by नादिर ख़ान

"बेहद शुक्रिया मोहतरम"

Anil Kumar Singh replied May 29, 2021 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-131

314 May 29, 2021
Reply by Samar kabeer

"बेहद शुक्रिया मोहतरम"

Anil Kumar Singh replied May 29, 2021 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-131

314 May 29, 2021
Reply by Samar kabeer

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
10 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"अच्छी रचना हुई है ब्रजेश भाई। बधाई। अन्य सभी की तरह मुझे भी “आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा”…"
12 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"बेहतरीन अशआर हुए हैं आदरणीय रवि जी। सभी एक से बढ़कर एक।"
12 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"अच्छी ग़ज़ल हुई है नीलेश नूर भाई। बहुत बधाई "
12 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आभार रक्षितासिंह जी    "
16 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"अच्छे दोहे हुए हैं भाई लक्ष्मण धामी जी। एक ही भाव को आपने इतने रूप में प्रकट किया है जो दोहे में…"
16 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आ. रक्षिता जी, दोहों पर उपस्थिति, और उत्साहवर्धन के लिए धन्यवाद।"
16 hours ago
रक्षिता सिंह replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"सधन्यवाद आदरणीय !"
18 hours ago
रक्षिता सिंह replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"बहुत खूब आदरणीय,  "करो नहीं विश्वास पर, भूले से भी चोट।  देता है …"
18 hours ago
रक्षिता सिंह replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"सधन्यवाद आदरणीय,  सत्य कहा आपने । निरंतर मनुष्य जाति की संवेदनशीलता कम होती जा रही है, आज के…"
18 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आ. रक्षिता जी, एक सार्वभौमिक और मार्मिक रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
19 hours ago
रक्षिता सिंह replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"सादर प्रणाम,  आदरणीय"
19 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service