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जितेन्द्र पस्टारिया's Discussions (963)

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"गत-महीने का सक्रिय सदस्य चुने जाने के पर आपको हार्दिक बधाइयाँ , आदरणीय अखंड गहमरी जी"

जितेन्द्र पस्टारिया replied Mar 7, 2014 to एक घोषणा:-महीने का सक्रिय सदस्य (Active Member of the Month)

1065 Dec 3, 2016
Reply by सुरेश कुमार 'कल्याण'

"बहुत शानदार गजल कही आपने आदरणीय अरुण जी, हार्दिक बधाई आपको"

जितेन्द्र पस्टारिया replied Feb 27, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-44

992 Feb 27, 2014
Reply by Saurabh Pandey

"हर तरफ़ महसूस होती है चुभन ज़िन्दगी मानो सुई होने लगी..........यह शेर तो दिल को छू ग…"

जितेन्द्र पस्टारिया replied Feb 27, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-44

992 Feb 27, 2014
Reply by Saurabh Pandey

"ओस की दो-चार बूँदें सोखकर नीम गमलों में हरी होने लगी   बादलों ने साज़िशें ऐसी रचीं दो…"

जितेन्द्र पस्टारिया replied Feb 27, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-44

992 Feb 27, 2014
Reply by Saurabh Pandey

"आपका यूँ प्यार देखा तो मुझे और भी ज्यादा ख़ुशी होने लगी   :))))"

जितेन्द्र पस्टारिया replied Feb 27, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-44

992 Feb 27, 2014
Reply by Saurabh Pandey

"बहुत सुंदर गजल कही आपने आदरणीय हरजीत सिंह जी, यह शेर खास पसंद हुआ दोस्ती हमने निभाई…"

जितेन्द्र पस्टारिया replied Feb 27, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-44

992 Feb 27, 2014
Reply by Saurabh Pandey

"दर्द की इस इन्तेहां में हाथ दे , मौत तुझसे दोस्ती होने लगी........बहुत बहुत बहुत खूब…"

जितेन्द्र पस्टारिया replied Feb 27, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-44

992 Feb 27, 2014
Reply by Saurabh Pandey

"अजनबी नें स्वप्न कुछ ऐसे छुए आरज़ू हर मखमली होने लगी............वाह! कमाल का शेर   अक…"

जितेन्द्र पस्टारिया replied Feb 27, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-44

992 Feb 27, 2014
Reply by Saurabh Pandey

"बात छोटी से बड़ी होने लगी, और दीवारें खडी होने लगी.......वाह! शानदार मतले से शुरुआत…"

जितेन्द्र पस्टारिया replied Feb 27, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-44

992 Feb 27, 2014
Reply by Saurabh Pandey

"बहुत खूब, बहुत लाजवाब गजल कही आदरणीय शकील साहब, इन दो शेरों पर दिली दाद कुबूल कीजिये…"

जितेन्द्र पस्टारिया replied Feb 27, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-44

992 Feb 27, 2014
Reply by Saurabh Pandey

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"आ. भाई जैफ जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
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"आदरणीय ज़ैफ़ जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
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Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आदरणीय ज़ेफ जी, प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
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अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"//जिस्म जलने पर राख रह जाती है// शुक्रिया अमित जी, मुझे ये जानकारी नहीं थी। "
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Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
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अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"शुक्रिया ज़ैफ़ जी, टिप्पणी में गिरह का शे'र भी डाल देंगे तो उम्मीद करता हूँ कि ग़ज़ल मान्य हो…"
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Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आ. दयाराम जी, ग़ज़ल का अच्छा प्रयास रहा। आ. अमित जी की इस्लाह महत्वपूर्ण है।"
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Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आ. अमित, ग़ज़ल पर आपकी बेहतरीन इस्लाह व हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिय:।"
yesterday

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