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जितेन्द्र पस्टारिया's Discussions (963)

Discussions Replied To (887) Replies Latest Activity

"कर के वादा वह न आया अब तलक राह तकते  एक सदी  होने लगी। आजमाता  वह  रहा  कितना  मुझे…"

जितेन्द्र पस्टारिया replied Feb 27, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-44

992 Feb 27, 2014
Reply by Saurabh Pandey

"मन से जब अपना पराया मिट गया जिंदगी फिर से सुखी होने लगी.............वाह! बहुत लाजवाब…"

जितेन्द्र पस्टारिया replied Feb 27, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-44

992 Feb 27, 2014
Reply by Saurabh Pandey

"आदरणीय अखंड जी, गजल पर आपका सुंदर प्रयास हुआ है, हार्दिक बधाई स्वीकारें "

जितेन्द्र पस्टारिया replied Feb 27, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-44

992 Feb 27, 2014
Reply by Saurabh Pandey

"आदरणीय अतेन्द्र भाई जी, बहुत  ही खुबसूरत गजल कही आपने हर शेर लाजवाब अब खतों के थम गय…"

जितेन्द्र पस्टारिया replied Feb 27, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-44

992 Feb 27, 2014
Reply by Saurabh Pandey

"गैर  से  जब  दोस्ती  होने लगी ׀दूर  हम  से  दुश्मनी  होने लगी...........बहुत सुंदर म…"

जितेन्द्र पस्टारिया replied Feb 27, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-44

992 Feb 27, 2014
Reply by Saurabh Pandey

"सर बसर  गिरता गया इंसान क्योंपरवरिश में क्या कमी होने लगी...........वाह! कटु सच लिए…"

जितेन्द्र पस्टारिया replied Feb 26, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-44

992 Feb 27, 2014
Reply by Saurabh Pandey

"बहुत खुबसूरत शेर कहे आपने आदरणीय सुरिंदर जी, यह शेर बहुत खास लगा रात सारी गुफ़तगू मे…"

जितेन्द्र पस्टारिया replied Feb 26, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-44

992 Feb 27, 2014
Reply by Saurabh Pandey

"पांव माँ के मैं दबाता हूँ यहाँ मंदिरों में हाज़िरी होने लगी/........यह शेर बहुत सुंदर…"

जितेन्द्र पस्टारिया replied Feb 26, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-44

992 Feb 27, 2014
Reply by Saurabh Pandey

"चाँद-तारे तो चले मुख मोड़कर, जुगनुओं से रोशनी होने लगी   रास्ते पक्के शहर के देखकर, ग…"

जितेन्द्र पस्टारिया replied Feb 26, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-44

992 Feb 27, 2014
Reply by Saurabh Pandey

"बहुत खुबसूरत गजल आदरणीया वंदना जी, हर एक शेर बहुत खूब हुआ मन बिंधा घायल हुआ तो क्या…"

जितेन्द्र पस्टारिया replied Feb 26, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-44

992 Feb 27, 2014
Reply by Saurabh Pandey

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Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय संजय जी हौसला अफ़ज़ाई के लिए शुक्रिया आपका,सुझाव भी बेहतर हैं करती हूँ सुधार,आभार आपका सादर"
1 minute ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय चेतन जी हौसला अफ़ज़ाई के लिए शुक्रिया आपका सादर"
2 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय संजय जी बहुत ही ख़ूब ग़ज़ल हुई आपकी बधाई स्वीकार कीजिये मिलती जुलती और तिमंजिला क्या बात…"
4 minutes ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"मेरी मंज़िल थी, रास्ता भी थी रूहे-रोशन ही क़ाफ़िला भी थी  आशिक़ी जाम थी, नशा भी…"
7 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय मनोज जी, अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें।  २ क्या आँखों में इल्तिजा के अलावा कुछ और…"
38 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय अमीर जी, ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है। बधाई स्वीकार करें। "
45 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीया ऋचा जी, अच्छी ग़ज़ल हुई।  २ सुझाव.... "उस में पहले कभी वफ़ा भी थी" ३…"
47 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय चेतन जी, हौसला अफ़ज़ाई का तह ए दिल से शुक्रिया। "और इल्तिजा" में अलिफ़ वस्ल पर…"
53 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय शकूर जी, हौसला अफ़ज़ाई का तह ए दिल से शुक्रिया। "
54 minutes ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"पहली बार मुशायरे में आपकी ग़ज़ल पढ़ी! बेहतरीन ग़ज़ल हुई है! मतला भी खूबसूरत है!  गिरह भी बह्र …"
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"बहकी-बहकी हुई फ़ज़ा भी थी  महकी-महकी सी कुछ हवा भी थी  ज़िन्दगी मक्र थी वफ़ा भी…"
1 hour ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"खूबसूरत ग़ज़ल हुई आपकी, 'रिया ' जी! गिरह भी बेहतरीन लगी मुझे!"
1 hour ago

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