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शकील समर's Discussions (135)

Discussions Replied To (135) Replies Latest Activity

"एक से बढ़कर एक शेर हुए हैं आदरणीय कल्पना जी। बधाई स्वीकारें।"

शकील समर replied Feb 26, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-44

992 Feb 27, 2014
Reply by Saurabh Pandey

"हिज्र का तेरे बहाना मिल गया शाम से ही मयकशी होने लगी....मयकशी का एकदम आदर्श बहाना है…"

शकील समर replied Feb 26, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-44

992 Feb 27, 2014
Reply by Saurabh Pandey

"जिंदाबाद आदरणीय सूबे सिंह सुजान जी।"

शकील समर replied Feb 26, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-44

992 Feb 27, 2014
Reply by Saurabh Pandey

"घर हमारे जब ख़ुशी होने लगीदोसतों में खलबली होने लगी....वाह जोरदार मतलामुकम्मल गजल के…"

शकील समर replied Feb 26, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-44

992 Feb 27, 2014
Reply by Saurabh Pandey

"डूब जाऊँगा मै तेरे  दर्द में आँख तेरी अब नदी होने लगी.....वाह वाह!!!क्या कहने नादिर…"

शकील समर replied Feb 26, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-44

992 Feb 27, 2014
Reply by Saurabh Pandey

"शानदार गजल के लिए बधाई। ये शेर खास तौर पर पसंद आया। दिली मुबारकबाद।वक़्त कटता ही नहीं…"

शकील समर replied Feb 26, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-44

992 Feb 27, 2014
Reply by Saurabh Pandey

"हर शेर खास बन पड़े हैं आदरणीय गिरिराज सर। मुझ पे यारों का करम कुछ यूं हुआहँसती आँखों…"

शकील समर replied Feb 26, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-44

992 Feb 27, 2014
Reply by Saurabh Pandey

"थोड़ी व्यस्तता के कारण देरी हो गई आदरणीय सारथी जी। हौसला अफजाई के लिए आपका आभार।"

शकील समर replied Feb 26, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-44

992 Feb 27, 2014
Reply by Saurabh Pandey

"खूबसूरत एहसास से सजी गजल है आदरणीय।बस इस शेर का काफिया संदेह पैदा कर रहा है।बिन बुला…"

शकील समर replied Feb 26, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-44

992 Feb 27, 2014
Reply by Saurabh Pandey

"प्यार में यूं त्रासदी होने लगीचोट भी अब औषधी होने लगीदूर होकर आपसे इतना हुआ'हर नए गम…"

शकील समर replied Feb 26, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-44

992 Feb 27, 2014
Reply by Saurabh Pandey

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Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
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Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय ग़ज़ल मुकम्मल कराने के लिये सादर बदल के ज़ियादा बेहतर हो रहा है…"
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Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय अमीरुद्दीन 'अमीर' जी, आपने मेरी टिप्पणी को मान दिया उसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
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Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय निलेश जी, मेरी शंका का समाधान करने के लिए धन्यवाद।"
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