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Rana Pratap Singh's Discussions (2,359)

Discussions Replied To (2014) Replies Latest Activity

"ओह! अत्यंत दुखद समाचार| ईश्वर आदरणीय गुरुदेव एवं परिवार को इस कष्ट को सहने की क्षमता…"

Rana Pratap Singh replied Jan 16, 2021 to खुशियाँ और गम, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के संग...

3552 Sep 14, 2024
Reply by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी

"भाई आशीष जी तरही गजल पर उम्दा प्रयास हुआ है जिसके लिए आपको हार्दिक बधाई| असली हुनर…"

Rana Pratap Singh replied Aug 29, 2020 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-122

431 Aug 29, 2020
Reply by Samar kabeer

"जनाब सरफराज़ साहिब , बहुत खूब, बेहतरीन अशआर कहे हैं, एरी तरफ से ढेर सारी दाद और मुबार…"

Rana Pratap Singh replied Aug 29, 2020 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-122

431 Aug 29, 2020
Reply by Samar kabeer

"यहाँ "का" दाग के लिए आ रहा है इसलिए सही है|"

Rana Pratap Singh replied Aug 29, 2020 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-122

431 Aug 29, 2020
Reply by Samar kabeer

"आदरणीय रूपम जी तरही गजल पर बेहद उम्दा प्रयास हुआ है जिसके लिए आपकी तारीफ बनती है| सम…"

Rana Pratap Singh replied Aug 29, 2020 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-122

431 Aug 29, 2020
Reply by Samar kabeer

"आदरणीय सालिक गणवीर जी खूबसूरत गजल पेश करने के लिए दाद और मुबारकबाद| चौथे और सातवें…"

Rana Pratap Singh replied Aug 29, 2020 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-122

431 Aug 29, 2020
Reply by Samar kabeer

"आदरणीया रचना भाटिया जी, बहुत खूब, सुंदर शेर कहे हैं| ढेर सारी दाद कबूल कीजिये, हार्द…"

Rana Pratap Singh replied Aug 29, 2020 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-122

431 Aug 29, 2020
Reply by Samar kabeer

"जनाब  मो. अनीस अरमान साहब, खूबसूरत गजल के लिए ढेर सारी मुबारकबाद कबूल कीजिये |"

Rana Pratap Singh replied Aug 29, 2020 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-122

431 Aug 29, 2020
Reply by Samar kabeer

"आदरणीय तसदीक़ अहमद साहब बेहतरीन गजल के लिए ढेर सारी दाद और मुबारकबाद कबूल कीजिये|"

Rana Pratap Singh replied Aug 29, 2020 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-122

431 Aug 29, 2020
Reply by Samar kabeer

"आदरणीय मुनीश तन्हा जी गजल पर प्रयास बेहतरीन है, थोड़ा और समय देने से गलतियाँ सुधारी ज…"

Rana Pratap Singh replied Aug 29, 2020 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-122

431 Aug 29, 2020
Reply by Samar kabeer

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Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
7 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"धन्यवाद आ. सौरभ सर,यह ग़ज़ल तरही ग़ज़ल के साथ ही हो गयी थी लेकिन एक ही रचना भेजने के नियम के चलते यहाँ…"
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। यह गजल भी बहुत सुंदर हुई है। हार्दिक बधाई।"
11 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"आदरणीय नीलेश भाई,  आपकी इस प्रस्तुति के भी शेर अत्यंत प्रभावी बन पड़े हैं. हार्दिक बधाइयाँ…"
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अजय गुप्ता 'अजेय commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (अलग-अलग अब छत्ते हैं)
"साथियों से मिले सुझावों के मद्दे-नज़र ग़ज़ल में परिवर्तन किया है। कृपया देखिएगा।  बड़े अनोखे…"
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Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"धन्यवाद आ. अजय जी ...जिस्म और रूह के सम्बन्ध में रूह को किसलिए तैयार किया जाता है यह ज़रा सा फ़लसफ़ा…"
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अजय गुप्ता 'अजेय commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"मुशायरे की ही भाँति अच्छी ग़ज़ल हुई है भाई नीलेश जी। मतला बहुत अच्छा लगा। अन्य शेर भी शानदार हुए…"
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सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post उस मुसाफिर के पाँव मत बाँधो - लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, आपकी प्रस्तुति के लिए धन्यवाद और बधाइयाँ.  वैसे, कुछ मिसरों को लेकर…"
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अजय गुप्ता 'अजेय commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (अलग-अलग अब छत्ते हैं)
"हार्दिक आभार आदरणीय रवि शुक्ला जी। आपकी और नीलेश जी की बातों का संज्ञान लेकर ग़ज़ल में सुधार का…"
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अजय गुप्ता 'अजेय commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (अलग-अलग अब छत्ते हैं)
"ग़ज़ल पर आने और अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए आभार भाई नीलेश जी"
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अजय गुप्ता 'अजेय commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (हर रोज़ नया चेहरा अपने, चेहरे पे बशर चिपकाता है)
"अपने प्रेरक शब्दों से उत्साहवर्धन करने के लिए आभार आदरणीय सौरभ जी। आप ने न केवल समालोचनात्मक…"
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Jaihind Raipuri is now a member of Open Books Online
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