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परम आत्मीय स्वजन 76वें तरही मुशायरे का संकलन हाज़िर कर रहा हूँ| मिसरों को दो रंगों में चिन्हित किया गया है, लाल अर्थात बहर से खारिज मिसरे और हरे अर्थात ऐसे मिसरे जिनमे कोई न कोई ऐब…Continue
Started this discussion. Last reply by Mahendra Kumar Oct 6, 2017.
परम आत्मीय स्वजन 87वें तरही मुशायरे का संकलन हाज़िर कर रहा हूँ| मिसरों को दो रंगों में चिन्हित किया गया है, लाल अर्थात बहर से खारिज मिसरे और हरे अर्थात ऐसे मिसरे जिनमे कोई न कोई ऐब…Continue
Started this discussion. Last reply by Samar kabeer Oct 4, 2017.
परम आत्मीय स्वजन 75वें तरही मुशायरे का संकलन हाज़िर कर रहा हूँ| मिसरों को दो रंगों में चिन्हित किया गया है, लाल अर्थात बहर से खारिज मिसरे और हरे अर्थात ऐसे मिसरे जिनमे कोई न कोई ऐब…Continue
Started Jun 21, 2017
परम आत्मीय स्वजन 74वें तरही मुशायरे का संकलन हाज़िर कर रहा हूँ| मिसरों को दो रंगों में चिन्हित किया गया है, लाल अर्थात बहर से खारिज मिसरे और हरे अर्थात ऐसे मिसरे जिनमे कोई न कोई ऐब…Continue
Started this discussion. Last reply by Rana Pratap Singh Jun 22, 2017.
Added by Rana Pratap Singh
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1.
फैलुन फैलुन फैलुन फैलुन फाइलुन
२२ २२ २२ २२ २१२
बहरे मुतदारिक कि मुजाहिफ सूरत
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जब से वो मेरी दीवानी हो गई
पूरी अपनी राम कहानी हो गई
काटों ने फूलों से कर लीं यारियां
गुलचीं को थोड़ी आसानी हो गई
थोड़ा थोड़ा देकर इस दिल को सुकूं
याद पुरानी आँख का पानी हो गई
सारे बादल…
ContinuePosted on July 6, 2015 at 7:00pm — 28 Comments
जिन्होंने रास्तों पर खुद कभी चलकर नहीं देखा
वही कहते हैं हमने मील का पत्थर नहीं देखा
.
मिलाकर हाँथ अक्सर मुस्कुराते हैं सियासतदाँ
छिपा क्या मुस्कराहट के कभी भीतर नहीं देखा
.
उन्हें गर्मी का अब होने लगवा अहसास शायद कुछ
कई दिन हो गए उनको लिए मफलर नहीं देखा
.
सड़क पर आ गई थी पूरी दिल्ली एक दिन लेकिन
बदायूं को तो अब तक मैंने सड़कों पर नहीं देखा
.
फ़क़त सुनकर तआर्रुफ़ हो गया कितना परेशां वो
अभी तो उसने मेरा कोई भी तेवर नहीं…
Posted on June 5, 2014 at 10:26am — 20 Comments
नया साल है चलकर आया देखो नंगे पांव
आने वाले कल में आगे देखेगा क्या गाँव
धधक रही भठ्ठी में
महुवा महक रहा है
धनिया की हंसुली पर
सुनरा लहक रहा है
कारतूस की गंध
अभी तक नथुनों में है
रोजगार गारंटी अब तक
सपनों में है
हो लखीमपुर खीरी, बस्ती
या, फिर हो डुमरांव
कब तक पानी पर तैरायें
काग़ज़ वाली नांव !
माहू से सरसों, गेहूं को
चलो बचाएं जी
नील गाय अरहर की बाली
क्यों…
ContinuePosted on December 28, 2013 at 2:30pm — 40 Comments
आदरणीय राणा सर, आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें
Dear Mr. Rana pratap,
I had sent two gazals so far. Both of them apparently did not meet your requirements of legitimacy. I would be grateful for your kind guidance in making me learn about the constitutional errors if any.
Zid
जन्म दिन की हार्दिक मंगल कामनाएं श्री राना प्रताप सिंह जी, माँ शारदा की कृपा बनी रहे
आपका और हमारा स्नेह बना रहे, यही प्रभु से प्रार्थना है | जन्म दिन की बधाई |
आदरणीय राणा प्रताप सिंह जी आपको जन्मदिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएँ
janmdin ki hardik subhkamana adarneey
राणा भाई, हार्दिक शुभकामनाओं हेतु हार्दिक धन्यवाद.
dhanyvaad, aadarniya rana pratap ji, mitrta hetu.
adarniya rana pratap singh ji sadar abhivadan ke sath janam din ki hardik shubh kamnayen swikaar karne ki krapa karen.
happy birth day. sir
भाई राणाजी .. शुभकामनाओं हेतु हार्दिक धन्यवाद.
परस्पर सहयोग बना रहे. ..
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