For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

gaurav kumar pandey
  • Male
  • lucknow uttar pradesh
  • India
Share on Facebook MySpace
 

gaurav kumar pandey's Page

Profile Information

Gender
Male
City State
lucknow ,uttar pradesh
Native Place
paharpur ,bakshi ka talab
Profession
student
About me
i am learning poem

gaurav kumar pandey's Photos

  • Add Photos
  • View All

Gaurav kumar pandey's Blog

ग़ज़ल

बह्र 2122 2122 2122



रंजो ग़म में दिल मेरा उलझा हुआ है।

अश्क़ से तकिया तभी भीगा हुआ है।।



तू समझ पाये भी कैसे ये रवानी।

इश्क़ का दरिया तेरा सूखा हुआ है।।



साथ रहकर साथ वो क्योंकर नही था।

हर ज़ुबां पे ये सवाल आया हुआ है।।



ग़म मुझे दो और तुम हद से ज़ियादा।

क्योंकि ये चेहरा मेरा हँसता हुआ है।।



रास्ते भटकूँगा आख़िर क्यों भला मैं।

वक़्त का पहलू मेरा देखा हुआ है।।



पी के सब कड़वाहटें इस ज़िन्दगी की।

दोस्तों लहजा मेरा…

Continue

Posted on January 16, 2017 at 12:30pm — 10 Comments

मुद्दतों की आरजू तब तुम कही जाकर मिले

मुद्दतों की आरजू तब तुम कहीं जाकर मिले।
प्यास बढ़ने की तड़प से ज्यो नदी-सागर मिले।।

सर्द आहों को लिये तकते रहे रस्ता तेरा।
इक नज़र पाने को तेरी हम वहाँ अक़्सर मिले।।

किस्मतों का फैसला ऐसा किया तूने ख़ुदा।
एक के हिस्से में गुल,दूजे को बस पत्थर मिले।।

दो निवाले मुश्किलों से ,चैन भी दिल को नही।
तंगहाली में मगर हम बारहा क़ैसर मिले।।

तीरगी में बा ग़रज हम चल दिये यह सोचकर।
इस दफ़ा ही मुद्दतों के बाद वो रहबर मिले।।
मौलिक तथा अप्रकाशित

Posted on November 22, 2016 at 5:10pm — 6 Comments

Comment Wall

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

  • No comments yet!
 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

पूनम की रात (दोहा गज़ल )

धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।जगमग है कण-कण यहाँ, शुभ पूनम की रात।जर्रा - जर्रा नींद में ,…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी

वहाँ  मैं भी  पहुंचा  मगर  धीरे धीरे १२२    १२२     १२२     १२२    बढी भी तो थी ये उमर धीरे…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , उत्साह वर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"आ.प्राची बहन, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार।"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"कहें अमावस पूर्णिमा, जिनके मन में प्रीत लिए प्रेम की चाँदनी, लिखें मिलन के गीतपूनम की रातें…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"दोहावली***आती पूनम रात जब, मन में उमगे प्रीतकरे पूर्ण तब चाँदनी, मधुर मिलन की रीत।१।*चाहे…"
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"स्वागतम 🎉"
Friday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

१२२/१२२/१२२/१२२ * कथा निर्धनों की कभी बोल सिक्के सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के।१। * महल…See More
Thursday
Admin posted discussions
Jul 8
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Jul 7
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
Jul 7
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
Jul 7

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service