For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

समाचार का बनाना

(खुशवंत सिंह का लेख पढने के बाद कि सिक्खों ने पंजाब के समराला शहर में १९४७ में गिरी मस्जिद बनाई ...पर मेंडिया वालो ने इसे समाचार नहीं बनाया .)

कुत्ता ...
जब आदमी को काटे
तो समाचार नहीं बनता
पर ...आदमी
जब कुत्ता को काटे
तो समाचार बन जाता है ॥

जब ..किसी से प्यार से बोलो
तो समाचार नहीं बनता
पर जब बे -अदब से पेश आओ
तो समाचार बन जाता है ॥

शादी की बातें
समाचार नहीं बनती
पर तलाक की हवा भी
समाचार बन जाती है ॥

जब किसी से उधार मांगो
तो समाचार नहीं बनता
पर जब लौटाने की बात आती है
तो समाचार बन जाता है ॥

मस्जिद को बनाओ
तो समाचार नहीं बनता
पर जब मस्जिद को गिराओ
तो समाचार बन जाता है ॥

कोई जन्म ले
तो समाचार नहीं बनता
पर जब कोई खुदकुशी करे
तो समाचार बन जाता है ॥

जब नेता , जनता को धोखा दे
तो समाचार नहीं बनता
पर जब, जनता नेता को धोखा दे
तब समाचार बन जाता है ॥

--------बबन पाण्डेय

Views: 368

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Admin on June 16, 2010 at 8:34am
जब नेता , जनता को धोखा दे
तो समाचार नहीं बनता
पर जब, जनता नेता को धोखा दे
तब समाचार बन जाता है ॥
बहुत बढ़िया बब्बन जी , बिलकुल धो देने वाली अंदाज मे आपने ये काव्य रचना की है, आप अपने उद्देश्य मे सफल है , जो कहना चाह रहे है वो बड़े ही ससक्त तरीके से कह दिया है, बधाई स्वीकार करे,
Comment by satish mapatpuri on June 14, 2010 at 3:03pm
मस्जिद को बनाओ
तो समाचार नहीं बनता
पर जब मस्जिद को गिराओ
तो समाचार बन जाता है ॥

कोई जन्म ले
तो समाचार नहीं बनता
पर जब कोई खुदकुशी करे
तो समाचार बन जाता है ॥
बब्बन जी, बधाई. पीतपत्रकारिता पर बड़ा गहरा व्यंग है.
Comment by Sanjay Kumar Singh on June 13, 2010 at 8:55pm
wah bahut hi khubsurat kavita baban jee ney likha hai, aur wospar ganesh jee ki chatni soney par suhaga, Thanks,

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on June 13, 2010 at 6:32pm
कुत्ते का काटना,
नेताओ का धोखा देना,
एक जैसी प्रकृति है,

शादी की बाते ,
प्यार की बोली,
बच्चे का जन्म,
नैसर्गिक क्रिया है,

उधार का माँगना,
मस्जिद बनाना,
सामाजिक विधा है,

इसलिये तो यारो ,
खबर नही बनती,

खबर तो बनती है,
नेताओ के कुत्तागिरि से,
धर्म मे नेतागिरी से,
मानव की मजबूरी से,

बहुत बहुत बधाई बब्बन भईया, बहुत सुन्दर लिखे है, अच्छी अभिव्यक्ति है, मैने थोड़ी आप की कविता पर गुस्ताख़ी की है, क्षमा कर दिजियेगा,

प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on June 13, 2010 at 5:11pm
Badi sadgi se bilkul satya baat kahi apne Baban bhai. Lekin ek baat hai, aur kisi bhi baat ki khabar banti hai to bana karey - lekin kavita kabhi akhbar ki khabar nahi ban'nee chahiye.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . . . विविध

दोहा सप्तक. . . . विविधमुश्किल है पहचानना, जीवन के सोपान ।मंजिल हर सोपान की, केवल है  अवसान…See More
4 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post गहरी दरारें (लघु कविता)
"ऐसी कविताओं के लिए लघु कविता की संज्ञा पहली बार सुन रहा हूँ। अलबत्ता विभिन्न नामों से ऐसी कविताएँ…"
5 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

छन्न पकैया (सार छंद)

छन्न पकैया (सार छंद)-----------------------------छन्न पकैया - छन्न पकैया, तीन रंग का झंडा।लहराता अब…See More
5 hours ago
Aazi Tamaam commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल के
"आदरणीय सुधार कर दिया गया है "
9 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post गहरी दरारें (लघु कविता)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। बहुत भावपूर्ण कविता हुई है। हार्दिक बधाई।"
22 hours ago
Aazi Tamaam posted a blog post

ग़ज़ल: चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल के

२२ २२ २२ २२ २२ २चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल केहो जाएँ आसान रास्ते मंज़िल केहर पल अपना जिगर जलाना…See More
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

गहरी दरारें (लघु कविता)

गहरी दरारें (लघु कविता)********************जैसे किसी तालाब कासारा जल सूखकरतलहटी में फट गई हों गहरी…See More
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

शेष रखने कुटी हम तुले रात भर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

212/212/212/212 **** केश जब तब घटा के खुले रात भर ठोस पत्थर  हुए   बुलबुले  रात भर।। * देख…See More
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 170 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन भाईजी,  प्रस्तुति के लिए हार्दि बधाई । लेकिन मात्रा और शिल्पगत त्रुटियाँ प्रवाह…"
Sunday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 170 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ भाईजी, समय देने के बाद भी एक त्रुटि हो ही गई।  सच तो ये है कि मेरी नजर इस पर पड़ी…"
Sunday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 170 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय लक्ष्मण भाईजी, इस प्रस्तुति को समय देने और प्रशंसा के लिए हार्दिक dhanyavaad| "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 170 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश भाईजी, आपने इस प्रस्तुति को वास्तव में आवश्यक समय दिया है. हार्दिक बधाइयाँ स्वीकार…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service