For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

(प्रस्तुत पंक्तियों को उल्लाला छंद में लिखने का प्रयास किया गया है,इसके प्रत्येक चरण में 13-13मात्रायें होती हैं।लघु-गुरू का कोई विशेष नियम नहीं होता,किन्तु 11वीं मात्रा लघु होनी चाहिए)

भूखी आंतों के लिए,
सेंसेक्स बस बवाल है।
तीसमार खां कह रहे,
मार्केट में उछाल है॥

जेब नहीं कौड़ी फुटी,
जनता सब बेहाल है।
भारत विकसित हो रहा,
वाह!बढ़िया कमाल है॥

कर्ज बोझ सिर पे लदा,
कृषक हुआ बदहाल है।
हम विकसित हो जायगें,
यह कोरा भौकाल है॥

आंधी भ्रष्टाचार की,
भारत में पुरजोर है।
महगाई की मार से,
आम मनुज कमजोर है॥

जन रक्षक भक्षक हुये,
त्राहि त्राहि चहुओर है।
किसके दर पर जाय हम,
हर कोई घुसखोर है॥

यह भी अपना देश है,
रहा ज्ञान का खान जो।
इस पर भी अभिमान करें,
हम पा रहे सम्मान जो॥

Views: 645

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by वीनस केसरी on April 11, 2012 at 12:17am

विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी जी
वाह,
सुन्दर छंद के लिए हार्दिक बधाई

उल्लाला छन्दित रचना से पुनः इस छंद / शिल्प की जानकारी मिली
आपका आभार

इस छ्न्द के नियमों पर कुछ और प्रकाश डालें तो इसे समझने में आसानी होगी ,,,
सीखने के दृष्टि से एक प्रश्न है -
आपके बताए अनुसार छ्न्द नियम पर .वाह!बढ़िया कमाल है पंक्ति तो उचित प्रतीत होती है मगर मुझे जिन पंक्तियों में अटकाव महसूस हुआ वह दो पंक्ति यह है =

इस पर भी अभिमान करें,

हम पा रहे सम्मान जो॥

इन पर अपना विचार प्रकट कर अनुग्रहीत करें


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on April 10, 2012 at 11:11pm

विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी जी

बहुत ही खुबसूरत छंद बध रचना की प्रस्तुति है, मैं गुनगुनाते हुए पूरी रचना पढ़ते चला गया, दो जगह पर मैं ठोकर खा रहा हूँ एक तो अंतिम पक्ति और दूसरी ....वाह!बढ़िया कमाल है॥  

शेष मस्त मस्त, बधाई आपको |

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-114

आदरणीय साथियो,सादर नमन।."ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-114 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है।"ओबीओ…See More
3 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - तो फिर जन्नतों की कहाँ जुस्तजू हो
"आ. समर सर,मिसरा बदल रहा हूँ ..इसे यूँ पढ़ें .तो राह-ए-रिहाई भी क्यूँ हू-ब-हू हो "
Tuesday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - तो फिर जन्नतों की कहाँ जुस्तजू हो
"धन्यवाद आ. समर सर...ठीक कहा आपने .. हिन्दी शब्द की मात्राएँ गिनने में अक्सर चूक जाता…"
Tuesday
Samar kabeer commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - तो फिर जन्नतों की कहाँ जुस्तजू हो
"जनाब नीलेश 'नूर' जी आदाब, अच्छी ग़ज़ल हुई, बधाई स्वीकार करें । 'भला राह मुक्ति की…"
Monday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 159 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. प्रतिभा पाण्डे जी, सार छंद आधारित सुंदर और चित्रोक्त गीत हेतु हार्दिक बधाई। आयोजन में आपकी…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 159 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव जी,छन्नपकैया छंद वस्तुतः सार छंद का ही एक स्वरूप है और इसमे चित्रोक्त…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 159 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव जी, मेरी सारछंद प्रस्तुति आपको सार्थक, उद्देश्यपरक लगी, हृदय से आपका…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 159 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. प्रतिभा पाण्डे जी, आपको मेरी प्रस्तुति पसन्द आई, आपका हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ।"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 159 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक आभार आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 159 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक आभार आदरणीय "
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 159 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश जी उत्साहवर्धन के लिये आपका हार्दिक आभार। "
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 159 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service